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Phulera Dooj-2022 Date: फुलेरा दूज कब है, जानिए पूजा-विधि,शुभ योग और वैवाहिक जीवन से जुड़े उपाय
Phulera Dooj-2022 Date: फुलैरा दूज को अबूझ मुहूर्त मानते हैं। इस दिन को फाल्गुन मास (Falgun Mass) में सबसे शुभ और धार्मिक दिन माना जाता है। फुलैरा दूज के समय को काफी मांगलिक माना जाता है।
Phulera Dooj-2022 Date
फुलेरा दूज 2022 कब है: फुलैरा दूज (Phulera Dooj ) 4 मार्च शुक्रवार को फूलेरा दूज मनाई जाएगी। हर साल ये त्यौहार फाल्गुन महीने में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। फुलैरा दूज को अबूझ मुहूर्त मानते हैं। इस दिन को फाल्गुन मास (Falgun Mass) में सबसे शुभ और धार्मिक दिन माना जाता है। फुलैरा दूज के समय को काफी मांगलिक माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान कृष्ण पवित्र होली ( holi) के त्यौहार में भाग लेते हैं और रंगों की जगह रंगबिरंगे फूलों से होली खेलते हैं। यह त्यौहार लोगों के जीवन में ख़ुशी और उम्र लेकर आता है।
फुलेरा दूज का शुभ समय और योग
इस बार फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 3 मार्च को रात्रि 9:36 से शुरू होगी, जो 4 मार्च को रात्रि 8:45 पर समाप्त होगी। इस दिन शुभ योग रात्रि 1:45 तक रहेगा, रात्रि 1:52 से अगले दिन सुबह 6:00 बजे तक सर्वाथसिद्धि योग रहेगा।
धार्मिक मान्यता के अनुसार हिंदू धर्म में लोग शादी विवाह से पहले शुभ मुहूर्त देखते हैं। बिना किसी मुहूर्त के शादी करना शुभ नहीं मानते है। लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, फुलैरा दूज एक ऐसा समय है जब हर समय ही शुभ और हर घड़ी मंगल होती है। इस पवित्र समय में आप कभी भी विवाह करें तो शुभ ही होगा। इस दिन किसी भी तरह के हानिकारक प्रभावों और दोषों से प्रभावित नहीं होता है और इसे अबूझ मुहूर्त माना जाता है। सर्दी के मौसम के बाद इसे शादियों के सीजन का अंतिम दिन मानते हैं।
फुलेरा दूज पर क्या करते हैं
उत्तर भारत के राज्यों में, ज्यादातर शादी समारोह फुलेरा दूज की पूर्व संध्या पर होते हैं। इस दिन अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए भी अच्छा माना जाता हैं। फुलैरा दूज के दिन लोग अपने पूजाघर में भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना करते हैं। इसके बाद उन्हें होली पर खेला जाने वाला गुलाल अर्पित किया जाता है। इस दिन लोग राधा और कृष्ण की मूर्ति को फूलों से सजाते हैं और कई घरों में फूलों से मनमोहक रंगोली भी बनाई जाती है
इस दिन ग्रामीण क्षेत्रों में संध्या के समय घरों में रंगोली सजाई जाती है। इसे घर में होली रखना कहा जाता है। होली आने वाली है इसलिए खुशियां मनाई जाती हैं। दूज के दिन किसान घरों के बच्चे अपने खेतों में उगी सरसों, मटर, चना और फुलवारियों के फूल तोड़कर लाते हैं। इन फूलों को भी घर में बनाई गई होली यानी रंगोली पर सजाया जाता है। यह आयोजन उत्तर भारत के कई राज्यों के कई इलाकों में फुलैरा दूज से होली के ठीक एक दिन पहले तक लगातार होता रहता है। होली वाले दिन रंगोली बनाए जाने वाले स्थान पर ही गोबर से बनाई गई छोटी-छोटी सूखी गोबरीलों से होली तैयार की जाती है। होली के दिन हर घर में यह छोटी होली जलाई जाती है। इस होली को जलाने के लिए गांव की प्रमुख होली से आग लाई जाती है।
फुलेरा दूज का धार्मिक महत्व (significance)
धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण जब बहुत दिनों तक राधारानी से मिल नहीं पाए तो राधा उनसे रूठ गईं थी। राधा के साथ उनकी सखियां भी कृष्ण से नाराज हो गईं थी। राधा को प्रकृति का प्रतीक मानते हैं। फूल, पेड़, पौधे सब मुरझाने लगे। भगवान कृष्ण तो अंतर्यामी थे। उनको प्रकृति की दशा देखकर के राधा दशा के बारे में पता चल गया । एक दिन भगवान श्रीकृष्ण राधाजी से मिलने बरसाना पहुंच गए।
कृष्ण जी से मिलकर राधारानी और गोपियां प्रसन्न हो गईं। चारों ओर फिर से प्रकृति में हरियाली छा गई। श्रीकृष्ण ने एक फूल तोड़कर राधाजी पर फेंक दिया। तब राधारानी ने भी एक फूल तोड़ा और श्रीकृष्ण जी पर फेंक दिया। यह देखकर गोपियां भी फूल तोड़ने लगीं और एक दूसरे पर फूल फेंकने लगीं।
यह दिन नए काम की शुरुआत के लिए बहुत शुभ है। नए काम की शुरुआत इस दिन से कर सकते हैं। इस दिन राधा-कृष्ण को अबीर-गुलाल अर्पित किया जाता है। इस दिन से लोग होली के रंगों की शुरुआत भी करते हैं। यह दिन सभी दोषों से मुक्त माना जाता है। भक्त घरों और मंदिरों दोनों जगह में देवता की मूर्तियों या प्रतिमाओं को सुशोभित करते हैं और सजाते हैं। सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान जो किया जाता है वह भगवान कृष्ण के साथ रंग-बिरंगे फूलों से होली खेलने का होता है। ब्रज क्षेत्र में, इस विशेष दिन पर, देवता के सम्मान में भव्य उत्सव होते हैं।
फुलेरा दूज के उपाय (Remedy)
- जो लोग प्रेम विवाह करना चाहते हैं , लेकिन विवाह नहीं हो पाता है तो फुलेरा दूज के दिन अगर राधा-कृष्ण मंदिर में पीले फूल, पीली मिठाई, पीले वस्त्र अर्पित करें तो आसानी से प्रेम-विवाह हो जाता है।
- अगर वैवाहिक जीवन में परेशानी है तो फुलेरा दूज के दिन श्रीकृष्ण मंदिर जाएं। अगर वैवाहिक जीवन में ज्यादा परेशानी आ रही हैं या जीवनसाथी के साथ मनमुटाव रहता है तो इन परेशानियों को दूर करने के लिए किसी सादे कागज पर अपनी समस्या लिखकर राधा-कृष्ण के चरणों में अर्पित कर दें। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन मधुर रहता है।
- अगर किसी वजह से रिश्ता टूट गया है तो फिर से प्रेम और मधुरता लाने के लिए फुलेरा दूज के दिन राधा-कृष्ण की विशेष पूजा करें। राधा-कृष्ण को फूलों की माला अर्पित करें। ऐसे करने से रिश्ता मजबूत होगा।
- इसके अलावा इस दिन राधा-कृष्ण की पूजा में ऊं नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें। 40 दिनों तक इसे जारी रखेंगे तो जीवनभर सुख-समृद्धि के साथ संबंधों में मधुरता बनी रहेगी।
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