×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Pitru Paksha 2023 Mantra: आपके पितरों की बरसेगी असीम कृपा, अगर राशि के अनुसार करते है श्राद्ध कर्म में मंत्र जाप

Pitru Paksha 2023 Mantra: पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए नियमों के साथ अपनी स्वराशि के अनुसार मंत्र पढ़ कर पितरों को प्रसन्न करने से लाभ मिलता है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 28 Sept 2023 6:00 AM IST (Updated on: 28 Sept 2023 6:01 AM IST)
Pitru Paksha 2023 Mantra: आपके पितरों की बरसेगी असीम कृपा, अगर राशि के अनुसार करते है श्राद्ध कर्म में मंत्र जाप
X

Pitru Paksha 2023 Mantra: पितृपक्ष ( pitra paksh) में पितरों को भोजन कराने से ग्रह दोष संबंधी मुसीबतें भी टल जाती हैं। इसलिए जातक को इन दिनों में विशेष सावधानियों के साथ अपने पूर्वजों को प्रसन्न करना चाहिए। पूजा-पाठ, व्रत-त्योहार को हजारों नियम होते है। लेकिन जो सबसे जरूरी होता है उसमें वो है श्रद्धा। कोई केवल जल से तो कोई मन से ईष्टदेव को खुश करता है। फिर इन चीजों में जरूरी होता मंत्रोच्चारण भी। कोई भी धार्मिक कार्य बिना मंत्रों के पूरा नहीं होता है, चाहे वो धार्मिक अनुष्ठान हो या श्राद्धक्रम, सब में मंत्रों का विशेष महत्व है। 29 सितंबर 2022 शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष की शुरुआत हुई, पितृ पक्ष की समाप्ति 14 अक्टूबर 2023 को होगी, जो कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि सर्व पितृ अमावस्या है।

श्राद्ध में राशि के अनुसार मंत्र पूजा

अगर श्राद्ध के दिनों में खास मंत्रों का उच्चारण किया जाए तो आत्मा को तो शांति मिलती है। पितरों का भी आशीर्वाद बना रहता है। अगर राशि के अनुसार मंत्रोंच्चारण करेंगे तो पितरों को भी तृप्ति मिलेगी।आपको बताते हैं राशि के अनुसार जपने वाले उन खास मंत्रों के बारे में जिनसे पूर्वज भी हो जाते हैं खुश......

  • मेष राशि- ॐ कुलदेवतायै नमः मेष राशि के लोगों को श्राद्ध के दिनों में इस मंत्र का 21 बार जाप करें।
  • वृष राशि-ॐ कुलदैव्यै नमः वृष राशि के लोगों को श्राद्ध पक्ष में प्रतिदिन इस मंत्र का 21 बार जाप करें।
  • मिथुन राशि-ॐ नागदेवतायै नमः मिथुन राशि के लोगों को श्राद्ध पक्ष में प्रतिदिन इस मंत्र का 21 बार जाप करें।
  • कर्क राशि-ॐ पितृ देवतायै नमः कर्क राशि के लोगों को पितरों की तृप्ति के लिए श्राद्ध पक्ष में प्रतिदिन इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • सिंह राशि-ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं स्वधादेव्यै स्वाहा सिंह राशि के लोगों को श्राद्ध पक्ष में प्रतिदिन इस मंत्र का 21 बार जाप करें।
  • कन्या राशि-ऊँ सर्व पितृ प्रं प्रसन्नों भव ऊ कन्या राशि के लोगों को श्राद्ध पक्ष में प्रतिदिन इस मंत्र का 21 बार जाप करें।
  • तुला राशि-तुला राशि के लोगों के घर में जिस दिन श्राद्ध हो, उस दिन गीता के सातवें अध्याय का पाठ करें । पाठ करते समय कलश में जल भर के रखें, पाठ पूरा होने पर जल सूर्य भगवान को अर्पित करें और कहें की हमारे पितृ के लिए हम अर्पण करते है। जिनका श्राद्ध है, उनके लिए आज का गीता पाठ अर्पण।
  • वृश्चिक राशि-ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं स्वधादेव्यै स्वाहा वृश्चिक राशि के लोगों के श्राद्ध पक्ष में प्रतिदिन इस मंत्र का 21 बार जाप करें।
  • धनु राशि-ॐ नागदेवतायै नमः धनु राशि के लोगों के श्राद्ध पक्ष में प्रतिदिन इस मंत्र का 21 बार जाप करें।
  • मकर राशि-मकर राशि के लोगों के घर में जिस दिन श्राद्ध हो उस दिन गीता के सातवें अध्याय का पाठ करे । पाठ करते समय कलश में जल भर के रखें, पाठ पूरा होने पर जल सूर्य भगवान को अर्पित करें और कहें की हमारे पितृ के लिए हम अर्पण करते हें। जिनका श्राद्ध है, उनके लिए आज का गीता पाठ अर्पण।
  • कुंभ राशि-ऊँ सर्व पितृ प्रं प्रसन्नों भव ऊ कुंभ राशि के लोगों को श्राद्ध पक्ष में प्रतिदिन इस मंत्र का 21 बार जाप करें।
  • मीन राशि-ॐ कुलदैव्यै नमः मीन राशि के लोगों को श्राद्ध पक्ष में प्रतिदिन मंत्र का 21 बार जाप करें।

    पितृ पक्ष के रूप में मान्यता दी गई हैं, इन पन्द्रह दिनों में पितरेश्वरों का श्राद्ध, तर्पण, मुक्ति के लिए कर्मकाण्ड किये जाते हैं। श्राद्ध शब्द श्रद्धा से बना हैं, जिसका हिंदी में शाब्दिक अर्थ होता है किसी के प्रति विश्वास प्रकट करना। श्रद्धा से जो कुछ दिया जाए, अर्थात अपनत्व के साथ कुछ देना। सोलह दिनों के इस पितृ पक्ष में अपने पूर्वजों की दिवंगत तिथि पर श्राद्ध किया जाता हैं।पितरों को जल देने के पिंडदान की शुरुआत भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से होती हैं।

    इस पक्ष में हर स्वर्गवासी आत्मा को अपने पुत्रों द्वारा तिलांजली देने की अपेक्षा रहती हैं. जो ऐसा करते है उन्हें दीर्घायु, पुत्र-पौत्रादि, यश, स्वर्ग, पुष्टि, बल, लक्ष्मी, पशु, सुख-साधन तथा धन-धान्य की प्राप्ति होती हैं.

    इनके नियमों के बारे में आम लोगो को बहुत कम जानकारी रहती हैं, नियमों की जानकारी के अभाव में पितरों का पिंडदान करने के बावजूद किसी चूक के चलते पूर्वज संतुष्ट होने की बजाय कोपित हो जाते हैं. पितरों के श्राद्ध से जुडी यहाँ आपकों कुछ खास बातें बता रहे है, जिनका ध्यान रखा जाना अत्यावश्यक हैं.



\
Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

Next Story