Pitru Paksha Shradh 2024 सच या भ्रम! पितृ पक्ष में बच्चे का जन्म हो तो क्या होगा? भविष्य, जानकर हो जाएंगे हैरान

pitru paksha shradh 2024 श्राद्ध में जन्मे बच्चे कैसे होते है, इनके बारे में क्या है सामाजिक धार्मिक धारणा, जानते है...

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 10 Sep 2024 4:55 AM GMT
Pitru Paksha Shradh 2024 सच या भ्रम! पितृ पक्ष में बच्चे का जन्म हो तो क्या होगा? भविष्य, जानकर हो जाएंगे हैरान
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Pitru Paksha Shradh 2024 सच कुछ दिन में आश्विन मास शुरु होने वाला है, इसमें 15 दिन का श्राद्ध पक्ष रहेगा, जिसमें पूर्वजों की पूजा तर्पण किया जायेगा। पितृपक्ष में पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्धकर्म और तर्पण किया जाता है। गरुड़ पुराण के अनुसार इससे पितृपक्ष में पितरोंकी आत्मा को शांति मिलती है और घर परिवार में शांति बनी रहती है। जन्म मृत्यु का कोई समय नहीं होता । इस दौरान जन्म-मृत्यु का लड़ी नहीं रुकती है है तो जानते है कि पितृपक्ष में जन्मे बच्चे कैसे होते है, उका भविष्य कैसा होता है?

श्राद्ध में जन्मे बच्चे कैसे होते है

धर्मनुसार जो बच्चे श्राद्ध पक्ष के दौरान जन्म लेते हैं वह उसी कुल के पूर्वज होते हैं। पितरों के आशीर्वाद से ऐसे बच्चों का भाग्य समृद्ध होता है। श्राद्ध पक्ष में जन्म लेने वाले बच्चे कलात्मक होते हैं और भविष्य में उसी क्षेत्र में अपना नाम कमाते हैं। शास्त्रों की मानें तो ऐसे बच्चों पर हमेशा उनके पूर्वजों का आशीर्वाद बना रहता है।

श्राद्ध पक्ष में जन्म लेने वाले बच्चे अपने परिवार के लिए भी भाग्यशाली होते हैं। ऐसे बच्चों के जन्म लेते ही परिवार, पहले से ज्यादा खुशहाल और समृद्ध हो जाता है। पितर पक्ष के महीने में पूर्वज अपने घर आते हैं ऐसी मान्यता है लोगों की। मान्यता है कि पितर अपने परिवार से मिलने किसी भी रूप में आ सकते हैं, जैसे- गाय, कुत्ता, बिल्ली, कौवा।।इसलिए पितर पक्ष के महीने में लोग किसी को भी अपने घर से खाली हाथ नहीं लौटाते हैं. इस कारण पितर पक्ष के महीने में लोग पिंडदान, श्राद्ध आदि कराते हैं घर की सुख समृद्धि के लिए.

कैसा होता है स्वाभाव?

श्राद्ध पक्ष में जन्मे बच्चे काफी समझदार होते हैं। ऐसे बच्चे उम्र से ज्यादा ज्याणी भी होते हैं। ये बच्चे अपने परिवार से काफी लगाव रखते हैं और परिवार के लोगों का खूब ध्यान भी रखते हैं। ऐसे बच्चों का यश सदियों तक बना रहता है।श्राद्ध में जन्मे बच्चों में अपने परिवार के संस्कार और मूल्यों का पालन करने की आदत होती है। ऐसे बच्चों का मन धर्म और आध्यात्म की ओर होता है, और वे जीवन में पूजा-पाठ और धार्मिक कार्यों में रुचि रखते हैं।

ये बच्‍चे घर के पूर्वज ही होते है

श्राद्ध पक्ष में जन्‍मे बच्‍चों को लेकर ऐसी भी मान्‍यता है कि ये बच्‍चे अपने ही कुल के पूर्वज होते हैं. यानी कि अपने ही परिवार में फिर से जन्‍म लेते हैं. इस कारण कई बार इन बच्‍चों की शक्‍ल-सूरत या आदतें भी अपने परिवार के पूर्वजों से मिलती है. पितृ पक्ष में जन्‍मे बच्‍चे अपनी उम्र की तुलना में ज्‍यादा समझदार होते हैं. वे कम उम्र में ही ज्ञानी या समझदार हो जाते हैं और परिवार के लिए सम्‍मान का कारण बनते हैं.

श्राद्ध पक्ष में जन्‍मे बच्‍चों का चंद्रमा होता है कमजोर

श्राद्धतृ पक्ष में जन्‍मे बच्‍चों का भविष्‍य उज्‍जवल होता है. वे खूब धन-दौलत के मालिक बनते हैं, जिस भी क्षेत्र में जाएं नाम कमाते हैं। उन्‍हें खूब मान-सम्‍मान भी मिलता है। लेकिन पितृ पक्ष में जन्‍मे बच्‍चों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है. इस कारण उन्‍हें तनाव, अवसाद झेलना पड़ता है. बेहतर होता है कि चंद्रमा को मजबूत करने के लिए ज्‍योतिषीय उपाय करें। बता दें कि पितृ पक्ष का महीना 18 सितंबर से शुरू हुआ है जिसका समापन 2 अक्टूबर को होगा

श्राद्ध पक्ष में जन्‍मे बच्‍चों पर अशुभ पक्ष भी होता है

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्राद्ध काल में जन्मे बच्चों के भाग्य पर कुछ नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि यह समय पूर्वजों की आत्माओं की तृप्ति का होता है।

इन बच्चों को जन्म के बाद सेहत से जुड़ी समस्याएं या कमजोर इम्यूनिटी हो सकती है, हालांकि इसका कोई प्रमाण नहीं है।

समाज में लोग श्राद्ध के समय जन्मे बच्चों को अशुभ मानते हैं और उन्हें परिवार के लिए बुरा संकेत मानते हैं, जिससे बच्चों के मानसिक और भावनात्मक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। लेकिन ये सब भ्रांतियां है। किसी भी बच्चे का जन्म का प्रभाव उस समय के ग्रह नक्षत्रो की स्थिति पर निर्भर करता है।


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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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