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Pradosh Vrat 2024: कब कब है प्रदोष व्रत, यहां मिलेगी पूरी जानकारी

Pradosh Vrat 2024 Me Kab Kab Hai:2024 में प्रदोष व्रत कब-कब है : साल 2024 में कब कब है प्रदोष व्रत तिथि, कितनी बार है पूरे साल में शनि और सोम प्रदोष व्रत, जानिए

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 29 Dec 2023 7:36 PM IST
Pradosh Vrat 2024: कब कब है प्रदोष व्रत, यहां मिलेगी पूरी जानकारी
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Pradosh Vrat 2024 Me Kab Kab Hai: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है और प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है। हर महीने 2 प्रदोष व्रत पड़ता है। प्रदोष व्रत त्रयोदशी को मनाया जाता है। प्रदोष व्रत में शिव की पूजा की जाती है। शिव प्रदोष व्रत का उल्लेख स्कन्द पुराण में किया गया है। स्कन्द पुराण के अनुसार प्रत्येक माह की दोनों पक्षों की त्रयोदशी के दिन शाम के समय को प्रदोष कहा जाता है। इस दिन शिवजी को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत रखा जाता है।प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है। वहीं मान्यता है तो भी व्यक्ति इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा- अर्चना करता है। भोलेनाथ उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। जानते हैं साल 2024 में कब- कब प्रदोष व्रत है...

प्रदोष व्रत के लाभ

प्रदोष व्रत रखने से व्यक्ति सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही व्यक्ति पर भगवान शिव का पूर्ण आशीर्वाद रहता है। सूर्य प्रदोष व्रत रखने से व्यक्ति को संतान की प्राप्ति होता है। साथ ही पिता के साथ संबंध अच्छे रहते हैं। मान- सम्मान की प्राप्ति होती है। साथ ही सूर्य दोष से मुक्ति मिलती है। वहीं चंद्र प्रदोष व्रत रखने से मन शांत रहता है और एकाग्रता बढ़ती है। साथ माता के साथ संबंध अच्छे रहते हैं और चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है। वहीं मंगल प्रदोष व्रत रखने से पराक्रम और साहस की वृद्धि होती है। साथ ही मंंगल दोष से मुक्ति मिलती है। वहीं बुध प्रदोष व्रत रखने से व्यापार में सफलता मिलती है। गुरु प्रदोष व्रत रखने से वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है। वहीं शुक्र प्रदोष व्रत रखने से व्यक्तित्व में निखार आता है। पति- पत्नी के बीच संबंध मजबूत होते हैं। वहीं शनि प्रदोष व्रत रखने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है।

2024 में प्रदोष व्रत की पूरी लिस्ट

09 जनवरी 2024 मंगलवार भौम प्रदोष व्रत, कृष्ण पक्ष
23 जनवरी 2024 मंगलवार भौम प्रदोष व्रत, शुक्ल पक्ष
07 फरवरी 2024 बुधवार सौम्यवारा प्रदोष व्रत, कृष्ण पक्ष
21 फरवरी 2024 बुधवार सौम्यवारा प्रदोष व्रत, शुक्ल पक्ष
22 मार्च 2024, शुक्रवार: शुक्र प्रदोष व्रत
08 मार्च 2024 शुक्रवार भृगुवार प्रदोष व्रत, कृष्ण पक्ष
6 अप्रैल 2024, शनिवार: शनि प्रदोष व्रत

21 अप्रैल 2024, रविवार: रवि प्रदोष व्रत

5 मई 2024, रविवार: रवि प्रदोष व्रत

20 मई 2024, सोमवार: सोम प्रदोष व्रत

4 जून 2024, मंगलवार: भौम प्रदोष व्रत

19 जून 2024, बुधवार: बुध प्रदोष व्रत

3 जुलाई 2024, बुधवार: बुध प्रदोष व्रत

18 जुलाई 2024, गुरुवार: गुरुप्रदोष व्रत

1 अगस्त 2024, गुरुवार: गुरु प्रदोष व्रत

17 अगस्त 2024, शनिवार: शनि प्रदोष व्रत

31 अगस्त 2024, शनिवार: शनि प्रदोष व्रत

15 सितंबर 2024, रविवार: रवि प्रदोष व्रत

15 अक्टूबर 2024, मंगलवार: भौम प्रदोष व्रत

29 अक्टूबर 2024, मंगलवार: भौम प्रदोष व्रत

13 नवंबर 2024, बुधवार: बुध प्रदोष व्रत

28 नवंबर 2024, गुरुवार: गुरु प्रदोष व्रत

13 दिसंबर 2024, शुक्रवार: शुक्र प्रदोष व्रत

28 दिसंबर 2024, शनिवार: शनि प्रदोष व्रत

यहां पूरे साल के प्रदोष व्रत की जानकारी है। आपको बता दें कि पूरे साल में 4 शनि और 1 सोम प्रदोष पड़ रहा है। इन दोनों का खास महत्व होता है।

प्रदोष व्रत का महत्व-विधि

प्रदोष व्रत के दिन प्रातः काल में स्नान-ध्यान कर भगवान शिव का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लेना चाहिए।पूजा स्थल पर भगवान शिव की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करें और विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करें।प्रदोष व्रत के पूरे दिन उपवास रखना चाहिए। इस दिन निर्जला उपवास करना और भी फलदायी माना जाता है।शाम के समय में पुनः भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने के बाद फलहार से अपना व्रत खोलें। ध्यान रहे कि प्रदोष व्रत में नमक का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए।साथ ही इस दिन पूर्ण-ब्रह्मचर्य का पालन करें। इस दौरान तन, मन की स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखें। साथ ही इस दिन भगवान शिव के मंत्रों का जाप जरूर करें।चतुर्दशी तिथि पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने के बाद भोजन ग्रहण करें। इसे पारण करना भी कहते हैं। प्रदोष व्रत के दिन तामसिक भोजन जैसे प्याज, लहसुन, मांस, मसूर, उड़द, तंबाकू और मदिरा का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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