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Purnima Kab Hai 2022: साल 2022 में 12 पूर्णिमा की तिथि कब-कब पड़ रही है, जानिए इस दिन का धार्मिक महत्व

Purnima Kab Hai 2022: साल की 12 पूर्णिमा का अपना महत्व है। इन तिथियों पर वेद व्यास, गौतम बुद्ध जैसे महात्माओं का जन्म भी हुआ है। धर्म ग्रंथों अनुसार साल की किसी भी पूर्णिमा के दिन तीर्थ स्नान, दान और व्रत करने से सारी कामनाओं की पूर्ति होती है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 20 Aug 2021 3:33 PM IST (Updated on: 3 Nov 2023 2:50 PM IST)
पूर्णिमा 2022 में कब कब
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सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

Purnima Kab Hai पूर्णिमा कब है 2022

हिंदू धर्म में दो महत्वपूर्ण तिथियां होती है जो हर माह आती है। एक पूर्णिमा दूसरी अमावस्या। पूर्णिमा के दिन देवताओं को और अमावस्या के दिन पितरों के नाम पर ध्यान पूजा और दान किया जाता है। दोनों तिथियों से हमारा कल्याण होता है। बता दें कि शुक्ल पक्ष में 15 वीं तिथि पूर्णिमा होती है और कृष्ण पक्ष में 30 वीं तिथि अमावस्या। हर साल की तरह आने वाले साल 2022 में साल की 12 पूर्णिमा की तिथि कब-कब पड़ रही हैं जानते हैं।

इसमें फाल्गुन पूर्णिमा ,बौद्ध पूर्णिमा,गुरु पूर्णिमा, शरद पूर्णिमा और कार्तिक पूर्णिमा भी शामिल है। साल की 12 पूर्णिमा का अपना महत्व है। इन तिथियों पर वेद व्यास, गौतम बुद्ध जैसे महात्माओं का जन्म भी हुआ है।

साल 2022 12 पूर्णिमा में कब-कब है...


जनवरी में पूर्णिमा कब है 2022

  • 2022 जनवरी में पौष माह की पूर्णिमा
  • 17 जनवरी दिन सोमवार
  • पूर्णिमा तिथि का आरंभ- 03.18am से
  • पूर्णिमा तिथि का समापन-05.17 am 18 जनवरी तक


फ़रवरी में पूर्णिमा कब है 2022

  • 16 फरवरी दिन बुधवार
  • पूर्णिमा तिथि का आरंभ- 21.42 am, 15 फरवरी से
  • पूर्णिमा तिथि का समापन-22.55pm , 16 फरवरी तक


मार्च में पूर्णिमा कब है 2022

  • 2022 मार्च में फाल्गुन माह की पूर्णिमा
  • 18 मार्च दिन शुक्रवार
  • पूर्णिमा तिथि का आरंभ-13.39 pm, 17 मार्च से
  • पूर्णिमा तिथि का समापन-12 .46 pm , 18 मार्च तक


अप्रैल में पूर्णिमा कब है 2022

  • 2022 अप्रैल में चैत्र माह की पूर्णिमा
  • 16 अप्रैल दिन शनिवार
  • पूर्णिमा तिथि का आरंभ- 02.25 am 15 अप्रैल से
  • पूर्णिमा तिथि का समापन- रात 12.47 am 17 अप्रैल तक


मई में पूर्णिमा कब है 2022

  • 2022 मई में वैशाख माह की पूर्णिमा
  • 16 मई दिन सोमवार
  • पूर्णिमा तिथि का आरंभ-12.45 pm 15 मई से
  • पूर्णिमा तिथि का समापन-09.43 am 16 मई तक


जून में पूर्णिमा कब है 2022

  • 2022 जून में ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा
  • 14 जून दिन मंगलवार
  • पूर्णिमा तिथि का आरंभ-3.33 am से
  • पूर्णिमा तिथि का समापन- रात 12 .09 तक


जुलाई में पूर्णिमा कब है 2022

  • 2022 जुलाई में आषाढ़ माह की पूर्णिमा
  • 13 जुलाई दिन बुधवार
  • पूर्णिमा तिथि का आरंभ- 21:02 pm, 12 जुलाई
  • पूर्णिमा तिथि का समापन-7:21 am 13 जुलाई तक


अगस्त में पूर्णिमा कब है 2022

  • 2022 अगस्त में सावन माह की पूर्णिमा
  • 12 अगस्त दिन गुरुवार
  • पूर्णिमा तिथि का आरंभ- 10:38 am, 11 अगस्त से
  • पूर्णिमा तिथि का समापन-07:05 am , 12 अगस्त तक


सितम्बर में पूर्णिमा कब है 2022

  • 2022 सितंबर में भादो माह की पूर्णिमा
  • 10 सितंबर दिन शनिवार
  • पूर्णिमा तिथि का आरंभ- 18:07pm , 9 सितम्बर से
  • पूर्णिमा तिथि का समापन-15:28 pm, 10 सितम्बर तक


अक्टूबर में पूर्णिमा कब है 2022

  • 2022 अक्टूबर में आश्विन माह की पूर्णिमा
  • 10 अक्टूबर दिन रविवार
  • पूर्णिमा तिथि का आरंभ- 03:41, 9 अक्टूबर से
  • पूर्णिमा तिथि का समापन-02:24 , 10 अक्टूबर तक


नवम्बर में पूर्णिमा कब है 2022

  • 2022 नवंबर में कार्तिक माह की पूर्णिमा
  • 8 नवंबर दिन मंगलवार
  • पूर्णिमा तिथि का आरंभ- 16:15 pm, 7 नवंबर से
  • पूर्णिमा तिथि का समापन- 16:31 pm, से नवंबर तक


दिसंबर में पूर्णिमा कब है 2022

  • 2022 दिसंबर में मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा
  • 8 दिसंबर दिन गुरुवार
  • पूर्णिमा तिथि का आरंभ- 08:01am, 7 दिसंबर से
  • पूर्णिमा तिथि का समापन- 09:37am , 8 दिसंबर तक


पूर्णिमा का महत्व

पूर्णिमा तिथि का अपना महत्व है। इन तिथियों पर महापुरुषों धर्मगुरूओं और देवताओं का प्रादुर्भाव हुआ था। इस वजह से इसका और भी महत्व बढ जाता है। इस दिन चंद्रमा अपने पूर्ण रुप में और सोलह कलाओं से युक्त होता है। धर्म ग्रंथों अनुसार साल की किसी भी पूर्णिमा के दिन तीर्थ स्नान, दान और व्रत करने से सारी कामनाओं की पूर्ति होती है। इस दिन सुहागिनें व्रत कर अपने सौभाग्य की वृद्धि करती है पति की लंबी आयु के लिये वट, यानि बरगद के पेड़ की उपासना की जाती है। इसके अलावा इस दिन बिल्व पत्र से भगवान शंकर और मां पार्वती की पूजा की जाती है। फाल्गुन की पूर्णिमा पर होलिका दहन तो सावन की पूर्णिमा पर रक्षा बंधन का त्योहार मनाते है।जो प्रेम और सौहार्द्र की भावना जागृत होती है। कुंडली का चंद्र दोष खत्म होता है।



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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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