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Purnima Kab-Kab Hai: 2024 के पूर्णिमा व्रत की लिस्ट, जानिए कब होगी माघ, फाल्गुन शरद और गुरु पूर्णिमा, जाने इसका महत्व लाभ

2024 Me Purnima Kab-Kab Hai: साल की 12 पूर्णिमा का अपना महत्व है। इन तिथियों पर वेद व्यास, गौतम बुद्ध जैसे महात्माओं का जन्म भी हुआ है। धर्म ग्रंथों अनुसार साल की किसी भी पूर्णिमा के दिन तीर्थ स्नान, दान और व्रत करने से सारी कामनाओं की पूर्ति होती है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 19 July 2024 6:30 AM IST (Updated on: 19 July 2024 12:40 PM IST)
Purnima Kab-Kab Hai: 2024 के पूर्णिमा व्रत की लिस्ट, जानिए कब होगी माघ, फाल्गुन शरद और गुरु पूर्णिमा, जाने इसका महत्व लाभ
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Purnima 2024 Me Kab Kab Hai: दो महत्वपूर्ण तिथियां होती है जो हर माह आती है। एक पूर्णिमा दूसरी अमावस्या। पूर्णिमा के दिन देवताओं को और अमावस्या के दिन पितरों के नाम पर ध्यान पूजा और दान किया जाता है। दोनों तिथियों से हमारा कल्याण होता है। बता दें कि शुक्ल पक्ष में 15 वीं तिथि पूर्णिमा होती है और कृष्ण पक्ष में 30 वीं तिथि अमावस्या। हर साल की तरह आने वाले साल 2024 में साल की 12 पूर्णिमा की तिथि कब-कब पड़ रही हैं जानते हैं।

इसमें फाल्गुन पूर्णिमा ,बौद्ध पूर्णिमा,गुरु पूर्णिमा, शरद पूर्णिमा और कार्तिक पूर्णिमा भी शामिल है। साल की 12 पूर्णिमा का अपना महत्व है। इन तिथियों पर वेद व्यास, गौतम बुद्ध जैसे महात्माओं का जन्म भी हुआ है।

पूर्णिमा का महत्व

पूर्णिमा तिथि का अपना महत्व है। इन तिथियों पर महापुरुषों धर्मगुरूओं और देवताओं का प्रादुर्भाव हुआ था। इस वजह से इसका और भी महत्व बढ जाता है। इस दिन चंद्रमा अपने पूर्ण रुप में और सोलह कलाओं से युक्त होता है। धर्म ग्रंथों अनुसार साल की किसी भी पूर्णिमा के दिन तीर्थ स्नान, दान और व्रत करने से सारी कामनाओं की पूर्ति होती है। इस दिन सुहागिनें व्रत कर अपने सौभाग्य की वृद्धि करती है पति की लंबी आयु के लिये वट, यानि बरगद के पेड़ की उपासना की जाती है। इसके अलावा इस दिन बिल्व पत्र से भगवान शंकर और मां पार्वती की पूजा की जाती है। फाल्गुन की पूर्णिमा पर होलिका दहन तो सावन की पूर्णिमा पर रक्षा बंधन का त्योहार मनाते है।जो प्रेम और सौहार्द्र की भावना जागृत होती है। कुंडली का चंद्र दोष खत्म होता है।

साल 2024 12 पूर्णिमा में कब-कब है...

जनवरी में पूर्णिमा कब है 2024

पौष पूर्णिमा

शाकंभरी जयंती

25 जनवरी, गुरुवार

फ़रवरी में पूर्णिमा कब है 2024

माघ पूर्णिमा

गुरु रविदास जयंती

24 फरवरी, शनिवार

मार्च में पूर्णिमा कब है 2024

फाल्‍गुन पूर्णिमा

होलिका दहन

25 मार्च, सोमवार

अप्रैल में पूर्णिमा कब है 2024

चैत्र पूर्णिमा

हनुमान जयंती

23 अप्रैल, मंगलवार

मई में पूर्णिमा कब है 2024

वैशाख पूर्णिमा

बुद्ध जयंती

23 मई, गुरुवार

जून में पूर्णिमा कब है 2024

ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा

वट सावित्री व्रत

22 जून, शनिवार

जुलाई में पूर्णिमा कब है 2024

आषाढ़ पूर्णिमा

गुरु पूर्णिमा और व्‍यास पूजा

21 जुलाई, रविवार

अगस्त में पूर्णिमा कब है 2024

श्रावण पूर्णिमा

रक्षाबंधन

19 अगस्‍त, सोमवार

सितम्बर में पूर्णिमा कब है 2024

भाद्रपद पूर्णिमा

पितृ पक्ष आरंभ

18 सितंबर, बुधवार

अक्टूबर में पूर्णिमा कब है 2024

अश्विन पूर्णिमा

शरद पूर्णिमा और कोजाग्र पूजन

17 अक्‍टूबर, गुरुवार

नवम्बर में पूर्णिमा कब है 2024

कार्तिक पूर्णिमा

गुरु पर्व

15 नवंबर, शुक्रवार

दिसंबर में पूर्णिमा कब है 2024

मार्गशीर्ष पूर्णिमा

दत्तात्रेय जयंती

15 दिसंबर, रविवार

पूर्णिमा व्रत के फायदे

पूर्णिमा व्रत रखने से मनुष्‍य के शरीर और मन एवं मस्तिष्‍क पर कई सकारात्‍मक प्रभाव पड़ते हैं। पूर्णिमा उपवास रखने से मेटाबॉलिज्‍म तेज होता है, शरीर में एसिड की मात्रा कंट्रोल होती है, शारीरिक शक्‍ति बढ़ती है और पाचन तंत्र साफ होता है। इस दिन व्रत रखने से मस्तिष्‍क और शरीर आराम महसूस करता है। 2024 पूर्णिमा व्रत मानव के पूरे तंत्र को शक्‍ति से भर देता है और उसके जीवन में सुख और शांति लेकर आता है।2024 पूर्णिमा तिथि पर दान और दक्षिणा देना काफी शुभ माना जाता है और अन्‍य दिनों की तुलना में इस दिन दान करने से 32 गुना अधिक पुण्‍य की प्राप्‍ति होती है। इस दिन आप धन, वस्‍त्रों या भोजन आदि का दान कर सकते हैं। इस तिथि पर गरीबों लोगों को खाना खिलाने से पुण्‍य मिलता है। पूर्णिमा पर गरीबों को भोजन खिलाने से व्‍यक्‍ति को सभी पापों से भी मुक्‍ति मिल जाती है।



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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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