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Shankaracharya Kaise Bane: जाने शंकराचार्य कैसे बनते हैं, आइये जाने सारी जानकारी
Shankaracharya Kaise Bane: सोचिए, किस उम्र से शंकराचार्य के लिए त्याग, तपस्या, पारिवारिक, सांसारिक, भौतिक, लोभ, काम, वासना, क्रोध का त्याग कर वेदों की तरफ समर्पण करना होता।
Shankaracharya Kaise Bane: पहली शर्त- चार वेद, 108 उपनिषद,18 पुराण, 6 दर्शन,6 शास्त्र, 60 नीतियां और 25 संहितयों का पारगामी विद्वान हो। दूसरी शर्त-आदि शंकराचार्य द्वारा बनाई दशनामी परंपरा से पूर्ण दीक्षित हों।ये संन्यास मार्ग की एक परंपरा है।इसमें आने के बाद सिंह, ठाकुर, ब्रह्मण, कायस्थ, आदि ये हट जाते हैं। सरस्वती, तीर्थ आदि, नाम के अंतिम में जुड जाते हैं।
- तीसरी शर्त- काशी विद्वत परिषद के शास्त्रार्थ द्वारा प्रमाणित हों और इसमें विजयी हों।
- चतुर्थ और महत्वपूर्ण शर्त- जिस पीठ के लिए शंकराचार्य दावेदारी पेश होती है, उस पीठ के वर्तमान शंकराचार्य उत्तराधिकार के रूप में स्वीकार करते हों।
- पांचवी शर्त- सम्पूर्ण भारत की परिक्रमा वो भी पदयात्रा कर हिमालय में 200 पीठ, जैसे गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्री, केदार जैसे कुछ अज्ञातपीठों में रहने के बाद शंकराचार्य को दावेदारी पीठ में रखते हैं।
- इन सबके बाद एक शंकराचार्य का चयन और उन्हें चारों पीठ में दावेदारी वाली जगह स्थान दिया जाता।
- सोचिए, किस उम्र से शंकराचार्य के लिए त्याग, तपस्या, पारिवारिक, सांसारिक, भौतिक, लोभ, काम, वासना, क्रोध का त्याग कर वेदों की तरफ समर्पण करना होता।
- खास- चारों पीठ, हमारे चारों वेदों को भी कहा जाता है। जिस पीठ के शंकराचार्य होंगे, उस पीठ के वेद का जुबानी कांठस्य करना होता है।
- चार वेद- ऋग्वेद, अथर्वेद, सामवेद, यजुर्वेद. इन्हे मिलाकर वेद ग्रंथ भी तैयार किया गया था।
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