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Radhey Radhey in hindi : राधे-राधे क्यों बोलते है,इसका महत्व क्या है जानिए इन दो शब्दों का चमत्कार

Radhey Radhey in hindi : राधारानी जीवन में सकारात्मक शक्ति का संचार करती है, जानते हैं राधे राधे शब्द का महत्व ...

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 11 Nov 2024 4:30 PM IST (Updated on: 12 Nov 2024 3:33 PM IST)
Radhey Radhey in hindi :  राधे-राधे क्यों बोलते है,इसका महत्व क्या है जानिए इन दो शब्दों का चमत्कार
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Radhey Radhey In Hindi: राधे-राधे" का मंत्र आध्यात्मिक और प्रेम से भरा हुआ शब्द है, जिसमें भक्ति, प्रेम, और माधुर्य का अद्वितीय संगम है। भारतीय संस्कृति और विशेषकर वैष्णव परंपरा में, राधा और कृष्ण का मिलन दिव्यता और प्रेम की सर्वोच्च अभिव्यक्ति माना गया है। राधा-कृष्ण के प्रेम की यह कथा अनंत और अपरम्पार है, और "राधे-राधे" इस प्रेम और भक्ति की भावना को गहराई से व्यक्त करता है।

मान्यता के अनुसार लगभग हजारों हजार साल पहले बृज में भी राम-राम ही बोला जाता था, लेकिन भगवान श्री कृष्ण जन्म के बााद जब मथुरा छोड़कर द्वारिका चले गए तब से हे राधे-हे राधे बोला जाने लगा। भगवान श्री कृष्ण के मथुरा छोड़ने के बाद पूरा बृज वीरान सा हो गया था। जीव-जंतु, पेड़-पौधे सब वीरान हो गए. बृजवासियों की ऐसी हालत देख राधा रानी ने बृजवासियों के प्राण बचाने के लिए श्रीकृष्ण का वेश धारण किया. मोर पंख धारण कर और पीतांबरी पहन कर कृष्ण के स्वरूप में राधा रानी विचरण करने लगीं। कृष्ण जाते-जाते अपनी बांसुरी राधा रानी को देकर गए थे। बृजवासियों को पता था कि यह राधा हैं, जो श्री कृष्ण के वेश में घूमती हैं. इसलिए बृज के लोग उन्हें हे राधे-हे राधे कहकर पुकारते थे।

भगवान श्री कृष्ण के मथुरा छोड़ने के बाद पूरा बृज वीरान सा हो गया था। जीव-जंतु, पेड़-पौधे सब वीरान हो गए. बृजवासियों की ऐसी हालत देख राधा रानी ने बृजवासियों के प्राण बचाने के लिए श्रीकृष्ण का वेश धारण किय। मोर पंख धारण कर और पीतांबरी पहन कर कृष्ण के स्वरूप में राधा रानी विचरण करने लगीं। कृष्ण जाते-जाते अपनी बांसुरी राधा रानी को देकर गए थे। बृजवासियों को पता था कि यह राधा हैं, जो श्री कृष्ण के वेश में घूमती हैं. इसलिए बृज के लोग उन्हें हे राधे-हे राधे कहकर पुकारते थे।

भगवान कृष्ण राधा रानी को पुकारते हुए हरे कहते थे, तो राधा रानी दूसरी तरफ से कृष्ण कहती थीं.भगवान श्री कृष्ण जब हरे-हरे पुकारते थे, तो राधी रानी कृष्ण-कृष्ण कहा करती थीं. वहीं से शुरू हुआ हरे कृष्ण हरे कृष्ण-कृष्ण कृष्ण हरे हरे का संबोधन.राधे-राधे, हरे कृष्ण, राधे-श्याम. इस संबोधन में कृष्ण को पाने की शक्ति है. भगवान के वियोग से खुद को बचाने का मार्ग है. कृष्ण को पाना है या उनके वियोग से प्राण बचाने हैं तो राधे-राधे कहना होगा।

राधे राधे दो बार क्यों बोलते हैं?

राधे-राधे, हरे कृष्ण, राधे-श्याम। इस संबोधन में कृष्ण को पाने की शक्ति है। मोर पंख धारण कर और पीतांबरी पहन कर कृष्ण के स्वरूप में राधा रानी विचरण करने लगीं। कृष्ण जाते-जाते अपनी बांसुरी राधा रानी को देकर गए थे। बृजवासियों को पता था कि यह राधा हैं, जो श्री कृष्ण के वेश में घूमती हैं। इसलिए बृज के लोग उन्हें हे राधे-हे राधे कहकर पुकारते है।भगवान कृष्ण की तरह राधा जी की पूजा करने से भी व्यक्ति को विशेष फलों की प्राप्ति होती है। जिस प्रकार भारत के कई क्षेत्रों में राम-राम कहकर एक दूसरे का अभिवादन किया जाता है, ठीक उसी प्रकार कई राज्यों में राधे-राधे कहने की भी प्रथा है। लेकिन यह केवल अभिवादन करने का एक तरीका नहीं है, बल्कि इससे व्यक्ति को कई लाभ भी मिल सकते हैं।

राधे राधे शब्द से लाभ

राधे-राधे बोलने के पीछे ये मान्यता चली आ रही है कि राधे-राधे बोलने या राधा नाम का जप करने से भगवान श्री कृष्ण आपसे प्रसन्न होते हैं, जिससे व्यक्त को जीवन में परम सुख की अनुभूति होती है। साथ ही राधा नाम जपने वाले साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।

शास्त्रों में राधा नाम को अपने आप में एक सिद्ध मंत्र बताया गया है। माना जाता है कि राधे-राधे बोलने वाले व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। इतना ही नहीं, राधा नाम जपने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद जन्म-मरण के चक्र से भी मुक्ति मिल सकती है।

राधे-राधे बोलने वाले व्यक्ति की एकाग्रता में वृद्धि होती है। इस नाम के जाप से व्यक्ति का मन शांत रहता है और उसे चिंताओं से भी मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ ही राधे-राधे बोलने से व्यक्ति के भीतर मौजूद बुरी भावनाओं का अंत होता है। साथ ही एक सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह व्यक्ति के अंदर बना रहता है।

राधा नाम की इतनी महिमा बताई गई है कि राधा-राधा जपने वाले साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। राधे-राधे बोलने से व्यक्ति के लिए मोक्ष के द्वार तो खुलते ही हैं, साथ ही उसे बैकुंठ में स्थान प्राप्त होता है।राधे-राधे" का जाप न केवल भक्ति का एक साधन है, बल्कि यह प्रेम, शांति और आत्मिक उन्नति की ओर मार्गदर्शित करने वाला मंत्र है। राधा के नाम में वह शक्ति है जो हर प्रकार की पीड़ा और दुःख को हर लेती है और जीवन को एक नई दिशा में ले जाती है।

राधे-राधे का महत्व

राधा और कृष्ण का प्रेम शारीरिक या सांसारिक नहीं, बल्कि एक आत्मीय प्रेम है, जो निरंतर और शाश्वत है। "राधे-राधे" का उच्चारण करते ही भक्त के मन में उस दिव्य प्रेम की भावना जागृत हो जाती है जो मनुष्य को अपनी आत्मा के सबसे शुद्ध रूप से जोड़ती है।

जब आप "राधे-राधे" कहते है, तो वह राधा रानी के प्रति अपनी भक्ति और समर्पण को व्यक्त करता है। राधा को स्वयं भगवान कृष्ण से भी अधिक प्रिय माना गया है, और उनके नाम का जाप करने से भक्त को भगवान तक पहुँचने का मार्ग प्राप्त होता है।

राधा-कृष्ण के नाम का जाप करते ही मन में एक विशेष प्रकार की शांति और आनंद की अनुभूति होती है। "राधे-राधे" का यह मंत्र मन की विकारों से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है और जीवन में सकारात्मकता लाता है।

राधा रानी को प्रेम, करुणा और दया का प्रतीक माना जाता है। यह माना जाता है कि राधा के बिना कृष्ण तक पहुँचना असंभव है, इसलिए "राधे-राधे" का जाप कृष्ण की कृपा प्राप्ति का साधन है। भक्तों का विश्वास है कि राधा रानी की कृपा से कृष्ण की भक्ति प्राप्त होती है।

जब "राधे-राधे" का जाप करते है, तो वह सांसारिक माया से ऊपर उठकर परम चेतना से जुड़ने का प्रयास करता है। यह मंत्र साधना में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और आत्मा को पवित्र करता है।



Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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