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Raksha Bandhan 2022 Sahi Date & Time : रक्षाबंधन का त्यौहार 12 तारीख शुक्रवार को मनाना श्रेष्ठ रहेगा!

Raksha Bandhan 2022 Shubh Muhurat Time -: शास्त्रों में यही कहा गया है कि जो उदया तिथि है उसी का मान दिन भर रहेगा। अतः मांगलिक कार्य पूरे दिन मानाया जाएगा। इसलिए रक्षाबंधन का त्यौहार एवं श्रावणी कर्म आप लोग 12 तारीख शुक्रवार को ही मनाएं पूरा दिन शुद्ध रहेगा।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 5 Aug 2022 4:50 AM GMT (Updated on: 5 Aug 2022 4:57 AM GMT)
Raksha Bandhan 2022 Sahi Date & Time
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सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

Raksha Bandhan 2022 Sahi Date & Time

12 तारीख शुक्रवार को रक्षाबंधन मनाना श्रेष्ठ रहेगा

कारण कि 11 तारीख गुरुवार को पूर्णिमा तिथि प्रातः 09:35 से लगेगी, और उसी समय से भद्रा भी शुरू हो रही है जो रात्रि में 8:53 तक रहेगी और दुसरे दिन यानी 12/8/2022 को प्रातः 7:16 तक पूर्णिमा रहेगी। अतः भद्रा के अंदर में ना ही तो कोई मांगलिक कार्यक्रम होते हैं ना ही रक्षाबंधन का ना ही तो सुन जिमाने का कार्यक्रम हो सकता है।

यदि कोई व्यक्ति रक्षाबंधन - सुण जिमाने का काम 11 तारीख रात्रि काल को करता है तो कर सकता है। लेकिन रात 8:53 के पश्चात।

उदया तिथि पूर्णिमा 12 अगस्त शुक्रवार को प्रातः 7:15 बजे तक ही है अतः

12 अगस्त शुक्रवार को 7:30 बजे तक रक्षाबंधन और सुन जिमाने का अपने घर का सगुण करके उदया तिथि के हिसाब से दिन भर रक्षाबंधन का कार्य चलता रहेगा।

शास्त्रों में यही कहा गया है कि जो उदया तिथि है उसी का मान दिन भर रहेगा। अतः मांगलिक कार्य पूरे दिन मानाया जाएगा। इसलिए रक्षाबंधन का त्यौहार एवं श्रावणी कर्म आप लोग 12 तारीख शुक्रवार को ही मनाएं पूरा दिन शुद्ध रहेगा।

भद्रा में क्यों नहीं बांधी जाती राखी?

रक्षाबंधन पर भद्राकाल में राखी नहीं बांधनी चाहिए। इसके पीछे एक पौराणिक कथा भी है। लंकापति रावण की बहन ने भद्राकाल में ही उनकी कलाई पर राखी बांधी थी और एक वर्ष के अंदर उसका विनाश हो गया था। भद्रा शनिदेव की बहन थी।भद्रा को ब्रह्मा जी से यह श्राप मिला था कि जो भी भद्रा में शुभ या मांगलिक कार्य करेगा, उसका परिणाम अशुभ ही होगा।

भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांध भाई के लंबी उम्र की कामन करती बहन-भाई के अटूट प्रेम का प्रतीक है रक्षा बंधन। इस दिन का बहनों को सालभर इंतजार रहता है। इस बार 11 अगस्त को राखी या रक्षा बँधन है। भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षा बंधन ( Raksha Bandhan) का पर्व आने वाला है। इस साल यह पर्व 2022 में 11 अगस्त को पड़ेगा। इस त्योहार का जितना धार्मिक महत्व है उतना ही वैज्ञानिक भी। बहनों को इस पर्व का हर साल बेसब्री से इंतजार रहता है। जहां भाई रक्षा सूत्र बंधवाकर बहन की रक्षा का संकल्प लेता है वहीं बहन भाई के सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना करती है। रक्षाबंधन को राखी भी कहते हैं।

धार्मिक मान्यतानुसार रक्षा बंधन का त्योहार पौराणिक काल से चला आ रहा है। भविष्यपुराण के अनुसार शचि ने इंद्र को रक्षा सूत बांधा, जिसके बाद असुरों पर इंद्र की विजय हुई थी। उसी तरह एक कथा के अनुसार मां लक्ष्मी ने राजा बलि को राखी बांधी थी तो महाभारत काल में द्रौपदी कृष्ण को राखी बांधी थी।

भाई-बहन के पवित्र प्रेम को गहरा बनाने के लिए रक्षा बंधन के दिन इन शुभ मुहूर्तों राखी बांधने से भाई बहन का रिश्ता कभी नहीं टूटता है और प्यार बना रहता है। राखी बंधवाने के लिए भाई को हमेशा पूर्व दिशा और बहन को पश्चिम दिशा की ओर मुख करना चाहिए। ऐसा करने से आपकी राखी को देवताओं का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा। इस समय भाइयों को सिर पर रुमाल या कोई स्वच्छ वस्त्र होना चाहिए। बहन भाई की दाहिने हाथ की कलाई पर राखी बांधे और फिर चंदन व रोली का तिलक लगाएं। तिलक लगाने के बाद अक्षत लगाएं और आशीर्वाद के रूप में भाई के ऊपर कुछ अक्षत छींटें भी दें। इसके बाद दीपक से आरती उतारकर बहन और भाई एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर मुंह मीठा कराएं औक भाई यथा शक्ति कुछ उपहार देकर बहन के सुखी जीवन की कामना करें।

राखी बांधते समय ये मंत्र बोलें-

ॐ एन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबली

तेन त्वा मनुबधनानि रक्षे माचल माचल।।

इन मंत्रों को बोलने से ईश्वरीय कृपा बरसती है।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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