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Raksha Bandhan 2022 Date-Shubh Muhurat: रक्षा बंधन कब है 2022, इस दिन बन रहा खास संयोग, जानिए राखी बांधने का शुभ मुहूर्त और भद्रा काल

Raksha Bandhan 2022 Date-Shubh Muhurat: रक्षा बंधन कहे या राखी दोनों का संबंध भाई बहन के अटूट बंधन से है। इस दिन बहने भाईयों की कलाईयों पर राखी बांधकर अपना प्रेम और आभार जताती है तो भाई अपनी बहन की सुरक्षा-सम्मान का संकल्प लेते है। जो आज से नहीं बल्कि सदियों से चलता आ रहा है। इसका वर्णन धर्म ग्रंथों में है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 8 Aug 2022 7:15 AM IST (Updated on: 8 Aug 2022 3:00 PM IST)
Raksha Bandhan 2022 Muhurat Time
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सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

Raksha Bandhan 2022 Kab Hai

रक्षा बंधन का पर्व सावन में कब है?

भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांध भाई के लंबी उम्र की कामन करती बहन-भाई के अटूट प्रेम का प्रतीक है रक्षा बंधन। इस दिन का बहनों को सालभर इंतजार रहता है। इस बार 11 अगस्त को राखी या रक्षा बँधन है। भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षा बंधन ( Raksha Bandhan) का पर्व आने वाला है। इस साल यह पर्व 2022 में 11 अगस्त को पड़ेगा। इस त्योहार का जितना धार्मिक महत्व है उतना ही वैज्ञानिक भी। बहनों को इस पर्व का हर साल बेसब्री से इंतजार रहता है। जहां भाई रक्षा सूत्र बंधवाकर बहन की रक्षा का संकल्प लेता है वहीं बहन भाई के सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना करती है। रक्षाबंधन को राखी भी कहते हैं।

धार्मिक मान्यतानुसार रक्षा बंधन का त्योहार पौराणिक काल से चला आ रहा है। भविष्यपुराण के अनुसार शचि ने इंद्र को रक्षा सूत बांधा, जिसके बाद असुरों पर इंद्र की विजय हुई थी। उसी तरह एक कथा के अनुसार मां लक्ष्मी ने राजा बलि को राखी बांधी थी तो महाभारत काल में द्रौपदी कृष्ण को राखी बांधी थी।

रक्षा बंधन और सावन की पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त

हर साल सावन की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला रक्षाबंधन इस साल भी पूर्णिमा के दिन ही 11 अगस्त को मनाया जाएगा। जानते हैं राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त ताकि भाई-बहन का प्यार बना रहे...

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 09.28 मिनट से रात में 09 .14 मिनट तक रहेगा। रवि योग सुबह 05.48 मिनट से शुरू होकर सुबह 06. 53 मिनट तक रहेगा। अमृत काल शाम 06 बजकर 55 मिनट से रात्रि 08. 20 मिनट तक रहेगा।

रक्षा बंधन पूर्णिमा तिथि का आरंभ- 11 अगस्त को सुबह 10.38 मिनट पर शुरू

रक्षा बंधन पूर्णिमा तिथि का समापन- 12 अगस्त को सुबह 07.05 मिनट तक

रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त- सुबह 09.28 मिनट से रात में 09 .14 मिनट

रक्षा बंधन की समय अवधि- 12 घंटा 01 मिनट

रवि योग- सुबह 05.48 मिनट से शुरू से सुबह 06. 53 मिनट तक रहेगा

रक्षा बंधन में दोपहर का समय- 11:37 AM से 12:29 PM

रक्षा बंधन के दिन प्रदोष काल- 06:36 PM से 07:42 PM

अभिजीत मुहूर्त -06:55 PM से 08:20 PM

अमृत काल – 02:14 PM से 03:07 PM

ब्रह्म मुहूर्त – 04:03 AM से 04:46 AM

विजय मुहूर्त- 02:14 PM से 03:07 PM

गोधूलि बेला- 06:23 PM से 06:47 PM

निशिता काल-11:41 PM से 12:25 AM, 12 अगस्त

भद्रा काल -10:38 AM से 08:50 PM

रक्षा बंधन के दिन चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे, धनिष्ठा नक्षत्र के साथ सौभाग्य योग भी लगेगा। भद्रा काल को छोड़ कर राखी बांधने के लिए पूरा 12 घंटे का समय रहेगा।

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

रक्षा बंधन के नियम

भाई-बहन के पवित्र प्रेम को गहरा बनाने के लिए रक्षा बंधन के दिन इन शुभ मुहूर्तों राखी बांधने से भाई बहन का रिश्ता कभी नहीं टूटता है और प्यार बना रहता है। राखी बंधवाने के लिए भाई को हमेशा पूर्व दिशा और बहन को पश्चिम दिशा की ओर मुख करना चाहिए। ऐसा करने से आपकी राखी को देवताओं का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा। इस समय भाइयों को सिर पर रुमाल या कोई स्वच्छ वस्त्र होना चाहिए। बहन भाई की दाहिने हाथ की कलाई पर राखी बांधे और फिर चंदन व रोली का तिलक लगाएं। तिलक लगाने के बाद अक्षत लगाएं और आशीर्वाद के रूप में भाई के ऊपर कुछ अक्षत छींटें भी दें। इसके बाद दीपक से आरती उतारकर बहन और भाई एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर मुंह मीठा कराएं औक भाई यथा शक्ति कुछ उपहार देकर बहन के सुखी जीवन की कामना करें।

राखी बांधते समय ये मंत्र बोलें-

ॐ एन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबली

तेन त्वा मनुबधनानि रक्षे माचल माचल।।

इन मंत्रों को बोलने से ईश्वरीय कृपा बरसती है। मां लक्ष्मी ने राजा बलि को रक्षा सूत्र बांधकर धर्म भाई बनाया था। ऐसा वर्णन पुराणों में मिलता है। तब से यह त्योहार भाई बहन के त्योहार के रूप में मनाया जाने लगा है। इस दिन भाईयों को बहनों की रक्षा और सम्मान का संकल्प लेना चाहिए तो बहनों को अपने भाई की लंबी उम्र की कामना ईश्वर से करनी चाहिए।



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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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