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RamLala Pran Pratishtha : 20 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का होगा कौन सा विधान, जानिए पीएम मोदी कर रहे किन नियमों का पालन

RamLala Pran Pratishtha : अयोध्या में राम रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कार्यक्रम शुरू हो गए है.इसमे पीएम मोदी कर रहे कठोर नियम का पालन । जानते है 20 जनवरी की प्राण प्रतिष्ठा

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 20 Jan 2024 10:37 AM IST
RamLala Pran Pratishtha : 20 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का होगा कौन सा विधान, जानिए पीएम मोदी कर रहे किन नियमों का पालन
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RamLala Pran Pratishtha : प्राण प्रतिष्ठा एक ऐसी प्रक्रिया होती है जिसका विशिष्ट मंत्र द्वार प्राण शक्ति का आह्वान मूर्ति में किया जाता है। जिस देवता की प्राण प्रतिष्ठा करनी होती है उससे संबंधित कुछ विशेष मंत्र अनुष्ठान होते हैं जिनका विशेष नियम द्वार पालन करना होता है। जैसे स्नान, पवित्र वस्त्र धारण करना, व्रत रखना और नित्य इष्ट के पूजन जाप इत्यादी।साथ ही धरती पर सोने जैसे नियम भी होते हैं, कम से कम बोलना एवं स्वयं को संयमित रखना। सात्विक भोजन और फलाहार जैसा नियम का पालन भी करना होता है।

अयोध्या में राम रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कार्यक्रम शुरू हो गए है। मुख्य यजमान के साथ प्रधानमंत्री भी इस पूजा में शामिल हो होंगे।इसकेलिए वो 12 जनवरी से नियमों का पालन कर रहे है। इस दौरान
प्रधानमंत्री मोदी ने 11 दिनों तक यम नियम के पालन करने का संकल्प लिया है और वे 12 जनवरी से इस नियम का पालन कर रहे हैं. लेकिन क्या जानते हैं कि यम नियम क्या है और इसमें किन नियमों का पालन करना पड़ता है...

यम नियम क्या है

शास्त्रों के अनुसार मूर्ति स्थापना या मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को पवित्र प्रक्रिया माना जाता है. इसलिए इसके कठोर नियम बनाए गए हैं. इन नियमों का संबंध शास्त्रों से होता है. अष्टांग योग के आठ भाग (यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, भजन और समाधि) में यम नियम सबसे पहला नियम है.

कुछ लोग यम नियम को बोद्ध धर्म के पांच सिद्धांत (अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह) भी मानते हैं. यम नियम में प्रतिदिन स्नान, अन्न त्याग, बिस्तर पर सोने का त्याग आदि जैसे कठोर नियम होते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी व्रत-संकल्प के साथ इस धार्मिक और शास्त्रीय प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं.

पीएम मोदी के यम नियम का प्रमुखता से पालन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए कठोर यम-नियम का पालन कर रहे हैं। पिछले 9 दिनों से पीएम मोदी ने अन्न का त्याग किया है. प्रधानमंत्री ने इस अनुष्ठान के लिए अन्न-जल दोनों का त्याग किया है। जल के स्थान पर प्रधानमंत्री एक नारियल पानी का सेवन कर रहे हैं।

यम नियम अनुष्ठान के कठोर नियमों का पालन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए यजमान के सभी आवश्यक नियमों का पालन कर रहे हैं और इन दिनों वे केवल नारियल पानी पी रहे हैं और तपश्चर्या के सभी नियमों का पालन कर रहे हैं।

11 दिनों के यम नियम के साथ ही प्रधानमंत्री अपने सरकारी कामकाज और यात्रा विशेष तौर पर सुदूर दक्षिण के मंदिरों में पूजा अर्चना भी कर रहे हैं. ये मंदिर प्रभु राम के जीवन में अहम पड़ाव रहे हैं.

20 जनवरी : शर्कराधिवास, फलाधिवास और फलाधिवास

रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की प्रकिया में या किसी भी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करने के लिए कई धार्मिक विधानों का पालन करना पड़ता है। राम मंदिर के लिए, प्राण प्रतिष्ठा से पहले सात दिवसीय अनुष्ठान होगा। इसमें कई विधान शामिल हैं।19 जनवरी को प्रात: फल अधिवास और शाम को धान्य अधिवास किया जाएगा। इस दौरान धान्याधिवास औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास भी होगा। राम मंदिर में यज्ञ अग्निकुंड की स्‍थापना की जाएगी।

16 जनवरी: प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन

17 जनवरी: मूर्ति का परिसर प्रवेश

18 जनवरी (सायं)-तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधिवास और गंधाधिवास

19 जनवरी (सायं): औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास, धान्याधिवास

20 जनवरी (प्रातः): शर्कराधिवास, फलाधिवास

20 जनवरी (सायं): पुष्पाधिवास

21 जनवरी (प्रातः): मध्याधिवास

शर्कराधिवास- मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से पहले प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन,मूर्ति का परिसर प्रवेश कराया जाता। फिर उसके बाद तीर्थ पूजन , जल यात्रा, जलाधिवास के गंधाधिवास औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास, धान्याधिवास किया जाता है। फिर मूर्ति को शक्कर के बीच कर रखा जाता है।

फलाधिवास-फलाधिवास इसमें मूर्ति फलो से दबाकर कर रखा जाता है।

पुष्पाधिवास- पुष्पाधिवास का मतलब होता है मूर्ति को फूलों के बीच में रखा जाता है, ये सब मूर्ति में प्राण वायु के संचार का विधान है।

धान्याधिवास-धान्यधिवास में सभी तरह के अनाजों में मूर्ति को दबाकर रखा जाता है। इसके बाद शर्कराधिवास, फलाधिवास होता है जो अगले दिन होता है।ये सारे विधान 19 जनवरी को किये जायेंगे।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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