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Ramayana Story in Hindi: क्या आप जानते हैं राम राज्य की विशेषतायें क्या थीं, यहाँ जाने डिटेल में
Ramayana Story in Hindi: भगवान श्रीराम ने पृथ्वी पर ग्यारह हजार वर्षों तक राज्य किया था। रामराज्य की चर्चा सर्वत्र चलती है । पर ग्यारह हजार वर्षों में श्रीराम ने क्या क्या किया था यह विस्तार से पता नहीं चलता।
Ramayana Story in Hindi: भगवान श्रीराम ने पृथ्वी पर ग्यारह हजार वर्षों तक राज्य किया था। रामराज्य की चर्चा सर्वत्र चलती है । पर ग्यारह हजार वर्षों में श्रीराम ने क्या क्या किया था यह विस्तार से पता नहीं चलता। रामराज्य के संदर्भ में किसी किसी ग्रन्थ में एक दो श्लोक मिल जाते हैं। श्रीराम में गुणों के अन्वेषण के अनेक श्लोक यत्र - तत्र मिलते हैं पर राज्य की उपलब्धियों के नहीं। यदि कुछ विकीर्ण श्लोक कहीं मिलते हैं तो वे निःसंदेह संग्राह्य होंगे। उनसे नई सूचनायें मिलेंगी ही। ऐसे ही कतिपय श्लोक यहाँ दिए जा रहे हैं :-
नापद् भयं न विधवा न च व्याल कृतं भयम्।
न च व्याधि कृतं किंचिद् रामे राज्यं प्रशासति।।
वर्णानामाश्रमाणां च न सांकर्य नृपोत्तमे ।
धार्मिष्ठाश्च जना सर्वे रामे राज्यं प्रशासति ।।
निरदस्युरभवल्लोको नानर्थः किंचिदस्पृशत् ।
नाकालवर्षी पर्जन्यः सर्व सस्यधरा धरा: ।।
जनानुरागश्च महान् रामस्य विदितात्मनः।।
अर्थ :- श्रीराम के राज्य में विपत्ति भय, विधवा भय, सर्प भय, रोग भय नहीं होता था। वर्ण और आश्रम के धर्म में विपर्यास नहीं होता था। सभी जन धर्मिष्ठ थे।दस्यु ( लुटेरा, डाकू ) विहीन समाज हो गया था। अनर्थ किसी का स्पर्श नहीं कर रहा था। बादल सुकाल में वृष्टि कर रहे थे। पृथ्वी शस्य से लदी रहती थी। प्रजा जन के प्रति श्री राम के मन में महान अनुराग भरा हुआ था।
इसी तरह यदि अन्य श्लोक राम राज्य से संदर्भित मिलेंगे तो उन्हें दिया जायेगा।
विष्णुधर्मोत्तर पुराण १/२२२/( ६१,६२,७०,७१ )