×

Eid Aur Ramzan Special: सेवई, सूद और भविष्य पर क्या कहता है इस्लाम, जानिए कब दिखेगा ईद का चांद

Eid Aur Ramzan Special: पाक ए रमजान (Ramzan) का माह चल रहा है। जो कुछ दिनों में ईद के चांद के साथ खत्म हो जाएगा। इस माह में मुसलमानों पूरी शिद्दत से अल्लाह की इबादत (Worship) करते हैं और लोग अच्छे राह पर चलने के लिए कसमें खाते हैं वादा करते हैं।

suman
Published By suman
Published on: 28 April 2022 10:26 AM IST (Updated on: 28 April 2022 4:10 PM IST)
Ramzan Aur Eid Special
X

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

Ramzan Aur Eid Special:

सेवई, सूद और भविष्य पर क्या कहता है इस्लाम

अभी रमजान (Ramzan) का माह चल रहा है। कुछ दिनों में ईद के चांद के साथ रमजान का पवित्र मास खत्म हो जाएगा। इस माह में मुसलमानों पूरी शिद्दत से अल्लाह की इबादत (Worship) करते हैं। और नेक बंदों पर रहमत बरसाने के दुआ करते हैं। लोग अच्छे राह पर चलने के लिए कसमें खाते हैं वादा करते हैं। शराब,नशा और सूद को इस्लाम में गलत माना गया है। वैसे तो सूद लेना किसी भी धर्म में सही नहीं लेकिन इस्लाम सूद को गलत मानता है और हर मुसलमान इसे मानने की कोशिश करते है। रमजान खत्म होता होता है इन्ही इबादतों और दुआओं के साथ ईद की खुशी मना कर।इसमें एक चीज इस माह के आखिर में होती है ईद के चांद और ईद की सेवईयों की तैयारी। सेवईयों के बिना ईद भी अधूरा है। जानते हैं क्यों ईद पर सेवई बनती है और इस्लाम में सूद ( Interest) लेना हराम है....

ईद पर सेवईयों की मिठास की शुरूआत कब से

वैसे भी बात ईद की हो तो सेवई का जिक्र न हो कैसे संभव है। ईद आते ही इसका जिक्र जहन में आ जाता है। अमीर हो या गरीब, राजा हो या रंक इस दिन सेवई से ही मेहमानों का स्वागत होता है, लेकिन क्या आपको पता है कि सेवई का चलन कब से हैं क्या सेवई का ताल्लुक ईद से नहीं है इसे जानने के लिए इस बात पर गौर करते हैं।

दरअसल ईद का ताल्लुक नूरजहां से है जिन्होंने हिंदोस्तान में ईद पर सेवई बनाने का रिवाज बनाया। सेवई का ईद से ताल्लुक ईद का ताल्लुक खुशी से है और सेवई का ताल्लुक मिठास से। यही वजह है कि इस दिन सेवई से लोगों का मुंह मीठा किया जाता है। ईद के दिन पूरे देश में हर घर में सेवई बनाई जाती है। जाफरान और मेवे के साथ-साथ मलाई और दूध का इस्तेमाल इसे बेहद लजीज बना देता है। लोग एक दूसरे के घर मुबारकबाद देने जाते हैं और सेवई का खाते हैं।

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

नूरजहां ने की करवाई थी सेवईयों की शुरुआत ईद के दिन सेवई बनाने का रिवाज हिंदोस्तान में ही प्रचलित हुआ। नवाब इब्राहिम अली खान बताते हैं कि सबसे पहली बार नूरजहां ने सेवई बनाने की शुरुआत की थी। धीरे धीरे मुगल सूबेदारों के साथ सन 1660 तक सेंवई पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में फैल गई। इस तरह धीरे-धीरे ईद का सेवई से खास रिश्ता हो गया। वैसे तो सेवई को आम तौर से शाही डिश मानते हैं।किन इसकी पहुंच खास से लेकर आम लोगों तक है।

हिंदोस्तान के बाद इन देशों में सेवई ने बनाई जगह ईद पर वैसे तो हिंदोस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में सेवई बनाने का रिवाज है। दूसरे मुल्कों में रहने वाले यहां के लोग भी अपने घरों में सेवई बनाकर ईद मनाते हैं। नूरजहां के जमाने से शुरू हुई शाही डिश की इस मिठास का पीढ़ी दर पीढ़ी ईद से खास रिश्ता हो गया। अब तो सेवई के बिना ईद का जिक्र भी नामुमकिन है।

इस्लाम में हर किसी के लिए सूद हराम है

अर्थशास्त्र में भले ही ब्याज (सूद) को मूलधन, शुल्क या कुछ और माने, लेकिन इस्लाम धर्म में ब्याज लेना हराम माना गया है। इस्लाम के अनुसार सूद एक ऐसी व्यवस्था है जो अमीर को और अमीर बनाती है, गरीब को और ज्यादा गरीब। सूद से बढ़ता शोषण इस प्रकार ये शोषण का जरिया है, जिसे लागू करने से इंसानों को बचना चाहिए। पवित्र कुरान साफ-साफ सूद लेने की मनाही है। कुरान में मुसलमानों के लिए कहा गया है कि दो गुना और चार गुना करके सूद नहीं लिया जाना चाहिए। ऐसा करने से पहले अल्लाह से डरना चाहिए। सूद खाने से बरकत खत्म हो जाती है।

मुहम्मद साहब के संदेश के बाद सूद बंद मुहम्मद साहब के संदेश से पहले अरब निवासियों में सूद की प्रथा बहु बड़े पैमाने पर प्रचलित थी। इससे अमीरों का तो फायदा था, लेकिन गरीब इसकी बेरहम मार से बच नहीं पाते थे। मुहम्मद साहब ने स्वयं गरीबी में जीवन बिताया था और उन्होंने इस प्रथा से कई लोगों को कष्ट उठाते देखा था। इसलिए कुरान के जरिए संदेश दिया है कि जो लोग सूद लेना लेना बंद कर देंगे, वो अल्लाह के प्यारे होंगे, लेकिन तमाम जानकारी के बाद भी जो नहीं संभले, जिसने सूद लेना जारी रखा, उसके लिए आगे का जीवन कष्टप्रद होगा और कोई मुक्ति नहीं मिलेगी।

कुरान में क्या लिखा है -अल्लाह से डरो और जो कुछ भी ब्याज में से शेष रह गया है, उसे छोड़ दो, यदि तुम सच्चे दिल से ईमान रखते हो। तब धैर्य बनाए रखो, बुरे तरीके मत अपनाओ। अल्लाह से डरते हुए, उसकी नाफरमानी से बचते हुए सही, जायज, हलाल तरीके अपनाओ। हराम रोजी के करीब भी मत जाओ।

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

इस्लाम में भविष्य बताना गुनाह

देवबंद दारुल ऊलूम के जरिए बताया गया कि इस्लाम में किसी का भविष्य बताने की मनाही है। अगर कोई मुसलमान हस्त-ज्योतिष या भविष्य बताता है तो उसकी 40 दिन की नमाज कबूल नहीं की जाएगी। शरियत में कहा गया है कि सिर्फ अल्लाह ही बता सकते है कि कौन आया है कौन कब जाएगा और किसी को हक नहीं है।

कब दिखेगा ईद का चांद

इस बार 2 मई को ईद का त्योहार मनाने का दिन है। इस दिन मुस्लिम समुदाय के लिए खासा है। सूरज के बढ़ते तापमान और एक माह के रोजे के बाद पवित्र त्योहार ईद इस बार 2 मई 2022 को मनाई जाएगी। वैसे चांद देखने के बाद ही ईद का दिन निर्धारित होता है। ईद को ईद उल-फ़ित्र के नाम से जाना जाता है। रमजान के माह में रोजे की समाप्ति के बाद ईद के दिन अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं कि अल्लाह ने उन्हें पूरे महीने उपवास रखने की शक्ति की। इस पवित्र दिन सुबह की नमाज मस्जिदों में अदा की जाती है। इस दिन दान देना हर मुस्लमान का फर्ज होता है। इसे जकात उल फितर के नाम से जाना जाता है।



Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

Next Story