×

Ravi Pradosh Vrat 2022 Ashadh Me Kab Hai: आषाढ़ माह का पहला प्रदोष व्रत कब है, जानिए महिमा, मुहूर्त और उपाय

Ravi Pradosh Vrat 2022 Ashadh Me Kab Hai: इस साल 26 जून 2022 को आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष में प्रदोष व्रत इस व्रत की महिमा बहुत है। माता पार्वती और भगवान शिव को समर्पित इस व्रत को लोग लंबी आयु, संतान और समृद्धि के लिए करते हैं। इस बार आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष का प्रदोष 26 जून को है तो जानते हैं आने वाले इस व्रत शुभ मुहूर्त...

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 26 May 2022 7:15 AM IST (Updated on: 26 Jun 2022 9:24 AM IST)
Ravi Pradosh Vrat Ashadh Me Kab Hai
X

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

Ravi Pradosh Vrat Ashadh Me Kab Hai

आषाढ़ में रवि प्रदोष व्रत ( 26 जून 2022) कब है?

इस साल 2022 में 26 जून को आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष में रवि प्रदोष पड़ रहा है। प्रदोष के दिन भगवान शिव की पूजा कर व्रत धारण किया जाता है। शिव की भक्ति और कृपा के लिए हर माह की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत कर भोले बाबा की कृपा प्राप्त की जाती है। हर माह में कृष्ण और शुक्ल पक्ष में 2 प्रदोष पड़ते हैं।

इस साल 26 जून 2022 को आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष में प्रदोष व्रत है। प्रदोष व्रत जिस दिन होता है उसके अनुसार उनका नाम होता है। 26 जून को पड़ने वाला प्रदोष व्रत के दिन रविवार को है, इसलिए इसे रवि प्रदोष कहेंगे।

धर्मशास्त्रों के अनुसार इस व्रत की महिमा बहुत है। माता पार्वती और भगवान शिव को समर्पित इस व्रत को लोग लंबी आयु, संतान और समृद्धि के लिए करते हैं। इस बार आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष का प्रदोष 26 जून को है तो जानते हैं आने वाले इस व्रत शुभ मुहूर्त...

रवि प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त

अच्छे योग और मुहूर्त में शिव की पूजा की जाए तो फल शुभ मिलता है। इस दिन रोहिणी नक्षत्र 06:19 PM तक रहने के बाद मॄगशिरा नक्षत्र आएगा।

प्रदोष की पूरी तिथि : 26 जून के दिन आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि आरंभ: 01:09 AM पर

आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि समाप्त: 27 जून, सोमवार, 03: 25 AM

ब्रह्म मुहूर्त : 04:11 AM से 04:59 AM

अमृत काल : 10:26 AM से 12:12 PM

अभिजीत मुहूर्त : 12.02 PM से 12.58 PM

प्रदोष काल शाम : प्रदोष व्रत की पूजा हमेशा प्रदोष काल में की जाती है। आषाढ़ माह के पहले प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त 26 जून सायं 07: 23 मिनट से रात्रि 09: 23 मिनट तक है।

निशिता काल : 11:40 PM से 12:21 AM, 27 जून

प्रदोष की पूजा : में 11.38 pm से 12.45 am के बीच तक।

पारणा का समय: 5.10 am से 8.21 am तक

रवि प्रदोष पूजा-विधि व महत्व

रवि प्रदोष के दिन शिव परिवार की पूजा करते हैं। जो हर कष्ट का निवारण करते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इस योग में किया गये काम में सफलता मिलती है। व्यवसाय, नौकरी और शिक्षा के क्षेत्र में सफलता के लिए मन में इच्छा रखकर इस योग में शिव पंचाक्षर मंत्र से शिव से कामना करने पर हर इच्छा पूरी होती है। धार्मिक पुराण में प्रदोष व्रत के महत्व का उल्लेख प्राप्त होता है। मान्यता है कि त्रयोदशी तिथि पर शाम के समय यानी प्रदोष काल में भोलेनाथ कैलाश पर खुश होकर नृत्य करते हैं। ज्योतिष में प्रदोष काल में शिव पूजा और मंत्र जाप से भोलेनाथ प्रसन्न होकर भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। साथ ही व्यक्ति को सौभाग्य, आरोग्य और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। रवि प्रदोष व्रत रखने से धन, आयु, बल, पुत्र आदि की प्राप्ति होती है। दिन के आधार पर प्रदोष व्रत का महत्व अलग-अलग होता है। रविवार के दिन का प्रदोष व्रत, जो रवि प्रदोष व्रत होता है, इसके करने से लंबी आयु प्राप्त होती है और रोग आदि से मुक्ति भी मिलती है। रवि प्रदोष के दिन सुबह स्नानादि के बाद व्रत का संकल्प लें, फिर दिन भर उपवास के बाद शाम को प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करें और प्रसाद ग्रहण करें।

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

रवि प्रदोष पर ये काम देंगे आपको आराम

इस बार प्रदोष के दिन जौ का आटा भगवान शिव के चरणों में चढ़ाएं और उसकी रोटी बनाएं और फिर गाय या बैल को खिलाएं , इससे घर में सुख-शांति बनी रहेगी।

रवि प्रदोष के दिन शिवलिंग पर चावल मिश्रित जल से अभिषेक करने से जीवन में जमीन-जायदाद से जुड़ी कोई समस्या का समाधान मिलता है।

इस दिन दूध में थोड़ा-सा केसर और फूल डालकर शिवलिंग पर चढ़ाने से दांपत्य जीवन में मिठास रहती है और मनचाहा जीवनसाथी मिलता है।

रवि प्रदोष के दिन रुद्राक्ष या चंदन की माला से "ऊँ नमः शिवाय" मंत्र का 108 बार जाप करने से शरीरी में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

रवि प्रदोष के दिन सूर्य की पूजा करें, धन के लिए सूर्य प्रदोष व्रत के दिन तांबे के कलश में पानी भर लें, तांबे के दीपक में कलावे की बाती लगाकर सूर्य स्त्रोत का दिन बार पाठ करें। इससे सेहत अच्छा रहेगा और धन बढ़ेगा।




Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

Next Story