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Ravivar Ko Koun Sa Ratan Pahnana Chahiye: रत्न धन के साथ आत्मविश्वास बढ़ाने का करते है काम, जानिए रविवार का रत्न

Ravivar Ko Koun Sa Ratan Pahnana Chahiye: ग्रह-नक्षत्रों को मजबूत करने के लिए कर्मकांड के साथ रत्न ज्योतिष के अनुसार रत्न धारण करना चाहिए । इन रत्नों को ग्रहों की कमजोर स्थित और उनके दिन के आधार पर ही पहनना चाहिए,जानते हैं रविवार को कौन सा रत्न पहनना चाहिए....

Suman Mishra। Astrologer
Published on: 21 May 2023 12:02 AM IST (Updated on: 21 May 2023 1:06 PM IST)
Ravivar Ko Koun Sa Ratan Pahnana Chahiye: रत्न धन के साथ आत्मविश्वास बढ़ाने का करते है काम, जानिए रविवार का रत्न
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Ravivar Ko Koun Sa Ratan Pahnana Chahiye (सोशल मीडिया)
Ravivar Ko Koun Sa Ratan Pahnana Chahiye: सप्ताह के हर दिन को सनातन धर्म में देवताओं से जोड़कर देखते है।इसी कर्म में रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित है। इस दिन सूर्य को प्रसन्न कर ग्रह को मजबूत किया जा सकता है। रविवार को नित्य क्रम के साथ अगर माणिक्य भी धारण करे तोकाम बनता है। इस दिन ज्योतिष के अनुसार माणिक्य पहन सकते है।रत्न शास्त्र के अनुसार माणिक को सूर्य का रत्न मानते है, रविवार के दिन सूर्योदय होने के साथ-साथ रिंग फिंगर में पहनना शुभ होता है। यह रत्न सोने की धातु में धारण किया जाता है।
कुंडली मे सूर्य की स्थिति मजबूत करने के लिए माणिक्य रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। इस रत्न को धारण करने से करियर में अपार सफलता मिलने लगती है। माणिक्य रत्न को धारण करने से व्यक्ति के अंदर ऊर्जा और आत्म बल का विकास होता है और उसे कार्यक्षेत्र में प्रगति मिलने लगती है। यह रत्न सूर्य ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है और इसे सूर्य के कमजोर व कुंडली में स्थिति जानकर इस रत्न को धारण करने का विधान है।

रविवार को माणिक्य कब और किसके साथ पहनें

माणिक्य को शुक्ल पक्ष के किसी भी रविवार को सुबह 9.15 से 11.00 बजे तक धारण कर सकते है।
इसे धारण करने से पहले इस पत्थर को गंगाजल या शहद में डुबोएं ताकि सारी नकारात्मकता दूर हो जाए। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि यह रत्न को सकारात्मकता के साथ चार्ज करता है

रविवार को इस रत्न को किसे पहनना चाहिए

मेष, मिथुन, कन्या, वृश्चिक, धनु मीन लग्न वाले सूर्य की शुभ स्थिति में माणिक पहन सकते है। कीमत में इसका कोई मोल नहीं है, इसकी क्वॉलिटी पारदर्शिता व कलर पर निर्भर करता है इसका मूल्य। कहते हैं सबसे उत्तम बर्मा का माणिक माना गया है। यह अनार के दाने-सा दिखने वाला गुलाबी आभा वाला रत्न बहुमूल्य है। इसकी कीमत वजन के हिसाब से होती है। यह करूर, बैंकॉक का भी मिलता है; लेकिन कीमत सिर्फ बर्मा की ही अधिक होती है। बाकी 100 रु. से 500 रु. कैरेट तक में मिल जाता है, लेकिन बर्मा की किमत 1000 रु. कैरेट से आगे होती है। एक कैरेट 200 मिली का होता है व पक्की रत्ती 180 मिली की होती है।

  • रविवार को माणिक्य किसके साथ पहनें
    माणिक को मोती के साथ पहन सकते हैं, तो पुखराज के साथ भी पहन सकते हैं।
  • मोती के साथ पहनने से पूर्णिमा नाम का योग बनता है।

    जबकि माणिक व पुखराज प्रशासनिक क्षेत्र में उत्तम सफलता का कारक होता है।

  • माणिक व मूंगा भी पहन सकते हैं, ऐसा जातक प्रभावशाली व कोई प्रशासनिक क्षेत्र में सफलता पाता है।

  • वृषभ लग्न में केन्द्र चतुर्थ का स्वामी होता है सूर्य कि स्थितिनुसार इस लग्न के जातक भी माणिक पहन सकते हैं।
    इसे पुखराज, मूंगा के साथ भी पहना जा सकता है।
  • पन्ना व माणिक भी पहन सकते है, इसके पहनने से बुधादित्य योग बनता है। जो पहनने वाले को दिमागी कार्यों में सफल बनाता है।

  • माणिक, पुखराज व पन्ना भी साथ पहन सकते हैं।

    माणिक के साथ नीलम व गोमेद नहीं पहना जा सकता है।

  • सिंह लग्न में जब सूर्य पंचम या नवम भाव में हो तब माणिक पहनना शुभ रहता है।

    रविवार को माणिक्य पहनने के फायदें-

    माणिक्य रत्न धारण करने के बहुत फायदे बताए गए हैं। जानते हैं कि इसे धारण करने के क्या लाभ होते हैं।

    इस रत्न का संबंध सूर्य से होता है। इसे धारण करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिसका अच्छा प्रभाव जातकों के जीवन पर पड़ता है।

    सूर्य देव को सभी ग्रहों का नेतृत्वकर्ता माना जाता है। माणिक्य रत्न धारण करने से जातक के अंदर भी नेतृत्व क्षमता का विकास होता है, जिसके अच्छे परिणाम जीवन में मिलते हैं।

    इसे धारण करने से आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होता है। साथ ही नेत्र व रक्त संचार जैसी समस्याओं से भी निजात मिलती है।

    इसे धारण करने से कुंडली में की स्थिति मजबूत होती है, जिससे जातकों को कई लाभ होते हैं।

ध्यान रहें- माणिक्य धारण करने से ब्लड प्रेशर से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं।कार्यस्थल पर विवाद की स्थिति पैदा हो सकती हैं।
निर्णय लेने की क्षमता कमजोर हो सकती है।यह जातकों के अहंकार को भी बढ़ा सकते हैं।किसी भी रत्न को ज्योतिष के अनुसार ही धारण करना चाहिए।अन्यथा लाभ ही जगह जातकों को हानि और परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है।



Suman Mishra। Astrologer

Suman Mishra। Astrologer

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