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Rishi Panchami Vrat Kab Hai 2022: ऋषि पंचमी कब है 2022, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Rishi Panchami Vrat Kab Hai 2022: धर्मानुसार अनजाने में हुए भूल के प्रायश्चित और सप्तऋषियों के सम्मान के लिए ऋषि पंचमी व्रत को किया जाता है। खासकर रजस्वला स्त्री के लिए ये व्रत करना जरूरी है।

Suman  Mishra
Written By Suman Mishra
Published on: 1 Sept 2022 6:30 AM IST (Updated on: 1 Sept 2022 7:10 AM IST)
Rishi Panchami Vrat 2022
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सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

ऋषि पंचमी व्रत कब है? 2022

Rishi Panchami Vrat 2022

ऋषि पंचमी गणेश चतुर्थी के अगले दिन यानी कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इसमें सप्त ऋषि कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि और वशिष्ठ की पूजा की जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार ये व्रत महिलाओं द्वारा किया जाता है। कुछ जगहो पर ऋषि पंचमी को भाई पंचमी भी कहा जाता है। जिसमें भाईयों को बहनों द्वारा राखी बांधने की परंपरा भी है। कायस्थ, ब्राह्मण और वैश्य समाज के कुछ गोत्रों में रक्षाबंधन इसी दिन मनाया जाता है।

अनजाने में हुए भूल की माफी के लिए हिंदू धर्म में ऋषि पंचमी का व्रत करने की महिमा का बखान किया गया है। हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ऋषि पंचमी का व्रत किया जाता है। इस व्रत से एक दिन पहले तीज और गणेश चतुर्थी का व्रत भी होता है। इस साल ऋषि पंचमी 1 सितंबर गुरुवार को मनाई जाएगी।

ऋषि पंचमी 2022 के लिए शुभ मुहूर्त

  • गुरुवार, 1 सितंबर 2022
  • पंचमी तिथि प्रारंभ : 31 अगस्त 2022 को 03:23 PM
  • पंचमी तिथि समाप्त: 1 सितंबर 2022 को 02:49 PM
  • ऋषि पंचमी पूजा मुहूर्त : 11:03 AM से 01:32 PM
  • अभिजीत मुहूर्त: 12:01 PM से 12:51 PM
  • अमृत काल मुहूर्त 03:24 PM से 05:00 PM, 1सितंबर
  • ब्रह्म मुहूर्त :- 04:36 AM से– 05:24 AM,1 सितंबर
  • रवि योग : 12:12 AM, से 05:39 AM, 01 सितंबर
  • ऋषि पंचमी 2022 पूजा मुहूर्त - 1 सितंबर 2022 सुबह 11: 05 एएम से 01: 37 पीएम तक

  • पारणा समय: 06.35 AM से 8.55 AM

सुबह जल्दी उठकर इस व्रत को विधि विधान से पूजा करने से व्यक्ति का कल्याण होता है। इस दिन सप्त ऋषियों की पांरपरिक पूजा का विधान है। उन 7 ऋषियों के नाम हैं - ऋषि कश्यप, ऋषि अत्रि, ऋषि भारद्वाज, ऋषि विश्वमित्र, ऋषि गौतम, ऋषि जमदग्नि और ऋषि वशिष्ठ। इन्होंने समाज कल्याण के लिए काम किया था। इसलिए उनके सम्मान में यह व्रत और पूजन करते हैं।

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कोई भी व्यक्ति खासकर महिलाएं इस दिन सप्त ऋषियों का पूजन करते है और सभी पापों से मुक्त हो जाते हैं। माना जाता है कि स्त्रियों को रजस्वला दोष लगता है। इसलिए कहते हैं कि ऋषि पंचमी व्रत करने से मासिक धर्म के दौरान भोजन को दूषित किए गए पाप से मुक्ति मिलती है।

ऋषि पंचमी की पूजा विधि


ऋषि पंचमी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि से निवृत होकर हल्दी का चौकोर मंडल बनाना चाहिए। उस पर सप्त ऋषियों के स्थापना कर व्रत का संकल्प लेना चाहिए। दीप, धूप और नैवेद्य चढ़ाकर ऋषि पंचमी की कथा सुनना चाहिए। साथ ही सप्त ऋषियों को मीठा भोग भी लगाना चाहिए। इसके बाद दिनभर उपवास रखकर रात को एक ही समय भोजन करें। संभव हो तो किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं। माना जाता है कि इस दिन जमीन से उगे हुए अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए। ऋषियों के पूजन के समय इस मंत्र का उच्चारण जरूर करें।


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Suman  Mishra

Suman Mishra

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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