TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Sakat Chauth Date and Time: सकट चौथ कब है, जानिए महत्व-इस दिन गणेश जी की पूजा कैसे क्यों की जाती है

Sakat Chauth Date and Time: सकट चौथ कब है 2024 इसका महत्व क्या है जानते हैं इस दिन गणेश जी की पूजा कैसे क्यों की जाती है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 24 Dec 2023 6:45 AM IST (Updated on: 24 Dec 2023 6:45 AM IST)
Sakat Chauth Date and Time: सकट चौथ कब है, जानिए महत्व-इस दिन गणेश जी की पूजा कैसे क्यों की जाती है
X

Sakat Chauth 2024 Tithi Samay: सकट चौथ व्रत में भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु और खुशहाल जीवन के लिए व्रत रखती हैं। कहते हैं इस व्रत को करने से बच्चे की जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं। इस दिन भगवान गणे को तिल, गुड़ और गन्ना का भोग चढ़ाया जाता है। इस दिन गणेश जी के अलावा शिव जी, मां पार्वती, चंद्र देव और कार्तिकेय जी की भी पूजा का विधान है।

माघ महीने के गणेश चतुर्थी को सकट, तिलवा और तिलकुटा चौथ का व्रत कहते है। इस बार सकट व्रत का पूजन 29 जनवरी यानि कि दिन शुक्रवार को होगा। ये व्रत महिलाएं संतान की लंबी आयु के लिए करती है। पहले ये व्रत पुत्र के लिए किया जाता रहा है, लेकिन अब बेटियों के लिए भी व्रत किया जाने लगा है।

सकट चौथ का शुभ मुहूर्त

सकट चौथ- 29 जनवरी 2024, सोमवार

सकट चौथ के दिन चन्द्रोदय समय - 08:52 PM

चतुर्थी तिथि प्रारम्भ - 29 जनवरी 2024 को 06:10 AM बजे

चतुर्थी तिथि समाप्त - 30 जनवरी 2024 को 08:54 AM बजे

सकट चौथ पूजा विधि

सकट चौथ के दौरान महिलाओं को निर्जला व्रत रखना चाहिए। चंद्रोदय से पहले भगवान गणेश की विधि विधान पूजा करनी चाहिए और फिर चांद निकलने के बाद उसे अर्घ्य देने देकर व्रत का पारण करना चाहिए। इस दिन भक्तों को काले रंगे के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। ध्यान रखें कि चंद्रमा को अर्घ्य देते समय जल की छींटे आपके पैरों पर न पड़ें।

संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाएं। स्नान कर इस दिन लाल रंग का वस्त्र धारण करें।इसके बाद वे गणपति की पूजा की शुरुआत करें।गणपति की पूजा करते समय जातक को अपना मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए।सबसे पहले आप गणपति की मूर्ति को फूलों से अच्छी तरह से सजा लें।पूजा में आप तिल, गुड़, लड्डू, फूल ताम्बे के कलश में पानी , धुप, चन्दन , प्रसाद के तौर पर केला या नारियल रख लें।गणपति को रोली लगाएं, फूल और जल अर्पित करें।संकष्टी को भगवान गणपति को तिल के लड्डू और मोदक का भोग लगाएं।

सकट चौथ का महत्व

संकष्टी के दिन गणपति की पूजा करने से घर से नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं और शांति बनी रहती है। गणेश जी घर में आ रही सारी विपदाओं को दूर करते हैं और व्यक्ति की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। चन्द्र दर्शन भी चतुर्थी के दिन बहुत शुभ माना जाता है। सूर्योदय से प्रारम्भ होने वाला यह व्रत चंद्र दर्शन के बाद संपन्न होता है।

दोस्तों देश और दुनिया की खबरों को तेजी से जानने के लिए बने रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलो करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

Next Story