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Sankashti Ganesh Chaturthi 2025 Kab Hai: साल 2025 में जनवरी से दिसंबर में कब-कब है संकष्टी चतुर्थी व्रत जानिए पूरी लिस्ट
Sankashti Ganesh Chaturthi 2025 Kab Hai: 2025 में संकष्टी गणेश चतुर्थी का व्रत जनवरी से दिसंबर तक में कब से कब तक है, जानिए कब कब...
Sankashti Chaturthi 2025 me Kab Kab Hai :हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने 2 चतुर्थी तिथि पड़ती हैं। पूर्णिमा के बाद कृष्ण पक्ष में जो चतुर्थी तिथि पड़ती है उसको संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। और अमावस्या के बाद शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी कहते हैं। संकष्टी चतुर्थी व्रत भगवान गणेश को समर्पित है, जो भक्तों के सभी कष्टों और विघ्नों को दूर करते हैं। इस व्रत को करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इसे संकटहर्ता चतुर्थी भी कहा जाता है।
क्या है संकष्टी चतुर्थी?
हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महीने दो चतुर्थी तिथियां आती हैं:संकष्टी चतुर्थी - पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी।विनायक चतुर्थी - अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी।संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व तब और बढ़ जाता है जब यह मंगलवार के दिन पड़ती है। इसे अंगारकी चतुर्थी कहा जाता है, जो अत्यधिक शुभ मानी जाती है।
2025 में संकष्टी चतुर्थी की तिथियां
जानते हैं 2025 में आने वाली सभी संकष्टी चतुर्थी तिथियों के बारे में:
माह तिथि चतुर्थी नाम समय
जनवरी 17 जनवरी (शुक्रवार) लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी 04:06 AM (17 जनवरी) - 05:30 AM (18 जनवरी)
फरवरी 16 फरवरी (रविवार) द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी 11:52 PM (15 फरवरी) - 02:15 AM (17 फरवरी)
मार्च 17 मार्च (सोमवार) भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी 07:33 PM (17 मार्च) - 10:09 PM (18 मार्च)
अप्रैल 16 अप्रैल (बुधवार) विकट संकष्टी चतुर्थी 01:16 PM (16 अप्रैल) - 03:23 PM (17 अप्रैल)
मई 16 मई (शुक्रवार) एकदंत संकष्टी चतुर्थी 04:02 AM (16 मई) - 05:13 AM (17 मई)
जून 14 जून (शनिवार) कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी 03:46 PM (14 जून) - 03:51 PM (15 जून)
जुलाई 14 जुलाई (सोमवार) गजानन संकष्टी चतुर्थी 01:02 AM (14 जुलाई) - 11:59 PM (14 जुलाई)
अगस्त 12 अगस्त (मंगलवार) हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी 08:40 AM (12 अगस्त) - 06:35 AM (13 अगस्त)
सितम्बर 10 सितम्बर (बुधवार) विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 03:37 PM (10 सितम्बर) - 12:45 PM (11 सितम्बर)
अक्टूबर 10 अक्टूबर (शुक्रवार) वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी 10:54 PM (9 अक्टूबर) - 07:38 PM (10 अक्टूबर)
नवम्बर 8 नवम्बर (शनिवार) गणाधिप संकष्टी चतुर्थी 07:32 AM (8 नवम्बर) - 04:25 AM (9 नवम्बर)
दिसम्बर 7 दिसम्बर (रविवार) अखुरथ संकष्टी चतुर्थी 06:24 PM (7 दिसम्बर) - 04:03 PM (8 दिसम्बर)
संकष्टी चतुर्थी व्रत की विधि
संकष्टी चतुर्थी व्रत सूर्योदय से चंद्रोदय तक उपवास रखें। केवल फलों और वनस्पति उत्पादों का सेवन करें। साबूदाना खिचड़ी, आलू और मूंगफली ग्रहण कर सकते हैं।भगवान गणेश की मूर्ति पर धूप, दीप, फूल, और मोदक अर्पित करें। चंद्रमा को अर्घ्य देकर उपवास खोलें।
यह व्रत सभी प्रकार की परेशानियों को दूर करता है।गणेश जी की कृपा: बुद्धि, धन, और समृद्धि की प्राप्ति होती है।सकारात्मक ऊर्जा: जीवन में सकारात्मकता और शांति का वास होता है।संकष्टी चतुर्थी व्रत जीवन को सुखमय बनाने और विघ्नों से मुक्ति पाने का एक प्रभावी साधन है।
नोट : ये जानकारी ज्योतिषऔर पंचांगों पर आधारित है जो सामान्य सूचना के लिए दी गई है। Newstrack.com इसकी पुष्टि नहीं करता है। सही जानकारी के लिए आस पास के विद्वानों से भी संपर्क कर लें।