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Sanskrit Shloka: एक ही अक्षर से बना श्लोक पढ़ा है कभी, यदि नहीं, तो पढ़े जरुर

Sanskrit Shloka: परब्रह्म कः श्री राम पृथ्वी कौ) और साकेतलोक के में [दोनों स्थानों पर] सुशोभित हो रहे हैं

Kanchan Singh
Published on: 30 April 2024 9:35 AM GMT
Sanskrit Shloka
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"कः कौ के केककेकाकः काककाकाककः ककः ।

काकः काकः ककः काकः कुकाकः काककः कुकः ॥"

अर्थात- परब्रह्म कः श्री राम पृथ्वी कौ) और साकेतलोक के में [दोनों स्थानों पर] सुशोभित हो रहे हैं। उनसे सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में आनन्द निःसृत होता है। वह मयूर की केकी केककेकाकः) एवं काक (काकभुशुण्डि) की काँव-काँव काककाकाककः) में आनन्द और हर्ष की अनुभूति करते हैं। उनसे समस्त लोकों ककः) के लिए सुख का प्रादुर्भाव होता है। उनके लिए [वनवास के] दुःख भी सुख काकः हैं। उनका काक काकः [काकभुशुण्डि] प्रशंसनीय है। उनसे ब्रह्मा ककः को भी परमानन्द की प्राप्ति होती है। वह अपने भक्तों को पुकारते काकः हैं। उनसे कूका अथवा सीता कुकाकः को भी आमोद प्राप्त होता है। वह अपने काक [काकभुशुण्डि] को पुकारते काककः) हैं और उनसे सांसारिक फलों एवं मुक्ति का आनन्द कुक: प्रकट होता है।

हमारी संस्कृति जयतु संस्कृतं।

( लेखिका ज्योतिषाचार्य हैं ।)

Shalini singh

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