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Santan ke Liye Achuk Upay: इनकी पूजा से भरेगी सुनी गोद, मिलेगी मनचाही संतान, फाल्गुन माह में जरूर करें ये अचूक उपाय

Santan ke Liye Achuk Upay: जिन लोगों के बच्चे नहीं होते हैं जिनकी गोद सुनी रहती है। उनकी भी गोद भर सकती है। अगर इस माह में भगवान के इस रुप की पूजा की जाये जानते हैं कैसे...

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 21 Feb 2025 8:51 AM IST
Santan ke Liye Achuk Upay,Image-social media
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Santan ke Liye Achuk Upay: हिंदू धर्म में फाल्गुन मास का विशेष महत्व है, क्योंकि इस मास में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। विशेष रूप से श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा इस माह में अत्यंत फलदायी मानी जाती है। यदि विधि-विधान से भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाए तो जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा की विशेष विधि दी गई है।

फाल्गुन मास में श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा विधि

प्रातःकाल की तैयारी-प्रतिदिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करें।स्नान के पश्चात शुद्ध वस्त्र धारण करें।सूर्यदेव को जल अर्पित करें।पूजा स्थल को शुद्ध जल से स्वच्छ करें।

श्रीगणेश की पूजा-श्रीगणेश की पूजा के बिना कोई भी शुभ कार्य पूर्ण नहीं होता, इसलिए सबसे पहले गणपति की पूजा करें।गणेशजी को स्नान कराएं।उन्हें वस्त्र अर्पित करें।फूल, धूप-दीप अर्पित करें।चावल चढ़ाएं और गणेशजी को मोदक या लड्डू का भोग लगाएं।श्रीगणेश की पूजा के पश्चात श्रीकृष्ण की पूजा प्रारंभ करें।

श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप का स्नान और अभिषेक

श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की मूर्ति को शुद्ध जल से स्नान कराएं।इसके बाद पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) से अभिषेक करें।पुनः शुद्ध जल से स्नान कराएं।दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिश्रित दूध भरें और ‘ॐ कृं कृष्णाय नमः’ मंत्र का उच्चारण करते हुए अभिषेक करें।

श्रीकृष्ण को वस्त्र और आभूषण अर्पण करें

आप रोज स्नान के पश्चात भगवान श्रीकृष्ण को नवीन वस्त्र पहनाएं।उन्हें सुंदर आभूषण अर्पित करें।श्रीकृष्ण को चंदन, रोली और अक्षत का तिलक करें।

कृष्णजी को पूजा में ये चढायें

भगवान को हार-फूल अर्पित करें।फल, मिठाई, पंचामृत, सूखे मेवे, नारियल, जनेऊ, पान और दक्षिणा अर्पित करें।धूप और दीप जलाकर आरती करें।

कृष्ण जी को माखन-मिश्री का भोग

भगवान श्रीकृष्ण को तुलसी के पत्ते डालकर माखन-मिश्री का भोग अर्पित करें।कर्पूर जलाकर उनकी आरती करें।भगवान श्रीकृष्ण की परिक्रमा करें।पूजा में हुई किसी भी भूल के लिए भगवान से क्षमा याचना करें।अन्य भक्तों को प्रसाद वितरित करें और स्वयं भी प्रसाद ग्रहण करें।

फाल्गुन माह में विशेष मंत्रों का जाप

इस माह में पूजा के समय मंत्रों का जाप अत्यंत शुभ माना जाता है।

ॐ नमो भगवते गोविंदाय

ॐ नमो भगवते नंदपुत्राय

ॐ कृष्णाय गोविंदाय नमो नमः

फाल्गुन मास में श्रीकृष्ण पूजा का महत्व

फाल्गुन मास भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं से जुड़ा हुआ है। इस मास में कृष्ण की पूजा विशेष रूप से सुख-समृद्धि और संतान प्राप्ति के लिए की जाती है। मान्यता है कि इस मास में जो व्यक्ति सच्चे मन से श्रीकृष्ण की बाल स्वरूप में आराधना करता है, उसे जीवन में सभी सुख-संपत्तियाँ प्राप्त होती हैं। इसके अलावा, इस मास में की गई पूजा से पारिवारिक कलह दूर होती है और घर में शांति का बना रहता है।

फाल्गुन मास में पूजा के लाभ

यदि किसी दंपति को संतान प्राप्ति में बाधा आ रही हो, तो फाल्गुन मास में श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करने से यह समस्या दूर हो सकती है।

जिन पति-पत्नियों के बीच आपसी मतभेद रहते हैं, वे इस पूजा के माध्यम से अपने दांपत्य जीवन को सुखमय बना सकते हैं।

फाल्गुन मास में श्रीकृष्ण की पूजा करने से आर्थिक परेशानियाँ दूर होती हैं और धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।

जीवन में यदि कोई बड़ी बाधा आ रही हो, तो इस माह पूजा से उसे दूर किया जा सकता है। भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से सभी इच्छाएँ पूर्ण होती हैं। इसलिए इस मास में सच्चे मन से भगवान की भक्ति करने से समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं। अतः इस पवित्र मास में नियमपूर्वक और श्रद्धापूर्वक भगवान श्रीकृष्ण की आराधना अवश्य करनी चाहिए।



Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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