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Sawan 2021: जानिए कब से शुरू होगा शिव भक्ति का पवित्र मास सावन,यहां सोमवारी व्रत की लिस्ट
Sawan 2021: सावन के पवित्र मास की शुरुआत श्रवण-घनिष्ठा नक्षत्र और द्विपुष्कर योग में हो रही है। जो 26 जुलाई से 16 अगस्त तक रहेगा।
कब से कब तक रहेगा सावन मास
भगवान शिव का प्रिय मास सावन इस साल 2021 में 25 जुलाई रविवार से शुरू हो रहा है। इस महीने जो भी भक्त सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव की आराधना करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सावन में भगवान शिव पृथ्वी पर अपने भक्तों की बीच निवास करते हैं और उनकी समस्त कामनाओं की पूर्ति करते हैं। सावन मास में सोमवार का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। इस महीने में शिवभक्त सावन सोमवार का व्रत करते हैं।
सावन मास और सोमवार की तिथियां देश के उत्तरी और दक्षिणी-मध्य भागों में अलग-अलग हैं। पंचांग के अनुसार सावन का महीना जुलाई-अगस्त के बीच आता है और हिंदू पंचाग के अनुसार आषाढ़ मास की गुरु पूर्णिमा के अगले दिन से सावन महीने की शुरुआत होती है। इस साल सावन का महीना 26 जुलाई से शुरू हो रहा है और इसका समापन 16 अगस्त को होगा। सावन 2021 में सावन सोमवार के तिथियों की लिस्ट।
सावन मास में कितने सोमवार
इस बार 29 दिनों के सावन मास में 4 सोमवार पड़ रहा है। सावन महीना 2021- 26 जुलाई 2021 से 16 अगस्त 2021 तक रहेगा। इस बारश्रवण – घनिष्ठा नक्षत्र और द्विपुष्कर योग में सावन के पवित्र मास की शुरुआत हो रही है।इसलिए इस बार सावन मास में सच्चे मन से की गई भक्ति का पूरा फल मिलेगा और स्थायी रुप से शिव की कृपा बनी रहेगी।
- पहला सावन सोमवार-26 जुलाई 2021
- दूसरा सावन सोमवार- 2 अगस्त 2021
- तीसरा सावन सोमवार- 9अगस्त 2021
- चौथा सावन सोमवार- 16 अगस्त 2021
सावन का महत्व
पौराणिक मान्यता कथा के अनुसार, देवी सती ने हर जन्म में भगवान शिव को पति रूप में पाने का प्रण लिया था, उन्होंने पिता के विरुद्ध जाकर भगवान शिव से विवाह किया, लेकिन पिता द्वारा शिव के अपमान के कारण उन्होंने अपना शरीर त्याग दिया। शरीर का त्याग करने के बाद माता सती ने हिमालय और मैना की पुत्री पार्वती के रूप में जन्म लिया।
इस जन्म में उन्होंने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए सावन माह में निराहार रहते हुए कठिन व्रत किया और भगवान शिव की अर्धांगिनी बनीं।भगवान शिव की कृपा पाने के लिए इस महीने से सोलह सोमवार, प्रदोष और सोमवार के व्रत आरंभ किए जाते हैं। सावन में हर सोमवार को तमाम शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है और भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। लेकिन इस बार कोरोना के कारण मंदिरों में भक्तों की कमी रहेगी।
इस पवित्र मास में रुद्राभिषेक, शिवसहस्त्रनाम का पाठ करने से भगवान शिव की कृपा बनी रहती है और कुंवारी कन्याओं को अच्छे जीवनसाथी मिलते हैं। इसी मास में समुद्र मंथन से निकले विष को प्रभु शिव नें पान किया था और नीलकंठ कहलाए। इस मास में शिव को जल से रुद्रभिषेक करके प्रसन्न किया जा सकता है। बिल्व पत्र दूध, धतूरा और अक्षत फूल से व्रत पूजा कर शिव की कृपा पाई जा सकती है।