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Sawan 2021: जानिए कब से शुरू होगा शिव भक्ति का पवित्र मास सावन,यहां सोमवारी व्रत की लिस्ट

Sawan 2021: सावन के पवित्र मास की शुरुआत श्रवण-घनिष्ठा नक्षत्र और द्विपुष्कर योग में हो रही है। जो 26 जुलाई से 16 अगस्त तक रहेगा।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 31 May 2021 11:00 AM IST (Updated on: 11 Jan 2022 11:27 AM IST)
सावन का महीना 2021 कितने सोमवार
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सांकेतिक तस्वीर( सौ. से सोशल मीडिया)  

कब से कब तक रहेगा सावन मास

भगवान शिव का प्रिय मास सावन इस साल 2021 में 25 जुलाई रविवार से शुरू हो रहा है। इस महीने जो भी भक्त सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव की आराधना करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सावन में भगवान शिव पृथ्वी पर अपने भक्तों की बीच निवास करते हैं और उनकी समस्त कामनाओं की पूर्ति करते हैं। सावन मास में सोमवार का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। इस महीने में शिवभक्त सावन सोमवार का व्रत करते हैं।

सावन मास और सोमवार की तिथियां देश के उत्तरी और दक्षिणी-मध्य भागों में अलग-अलग हैं। पंचांग के अनुसार सावन का महीना जुलाई-अगस्त के बीच आता है और हिंदू पंचाग के अनुसार आषाढ़ मास की गुरु पूर्णिमा के अगले दिन से सावन महीने की शुरुआत होती है। इस साल सावन का महीना 26 जुलाई से शुरू हो रहा है और इसका समापन 16 अगस्त को होगा। सावन 2021 में सावन सोमवार के तिथियों की लिस्ट।

सावन मास में कितने सोमवार

इस बार 29 दिनों के सावन मास में 4 सोमवार पड़ रहा है। सावन महीना 2021- 26 जुलाई 2021 से 16 अगस्त 2021 तक रहेगा। इस बारश्रवण – घनिष्ठा नक्षत्र और द्विपुष्कर योग में सावन के पवित्र मास की शुरुआत हो रही है।इसलिए इस बार सावन मास में सच्चे मन से की गई भक्ति का पूरा फल मिलेगा और स्थायी रुप से शिव की कृपा बनी रहेगी।

  • पहला सावन सोमवार-26 जुलाई 2021
  • दूसरा सावन सोमवार- 2 अगस्त 2021
  • तीसरा सावन सोमवार- 9अगस्त 2021
  • चौथा सावन सोमवार- 16 अगस्त 2021

सांकेतिक तस्वीर( सौ. से सोशल मीडिया)

सावन का महत्व

पौराणिक मान्यता कथा के अनुसार, देवी सती ने हर जन्म में भगवान शिव को पति रूप में पाने का प्रण लिया था, उन्होंने पिता के विरुद्ध जाकर भगवान शिव से विवाह किया, लेकिन पिता द्वारा शिव के अपमान के कारण उन्होंने अपना शरीर त्याग दिया। शरीर का त्याग करने के बाद माता सती ने हिमालय और मैना की पुत्री पार्वती के रूप में जन्म लिया।

इस जन्म में उन्होंने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए सावन माह में निराहार रहते हुए कठिन व्रत किया और भगवान शिव की अर्धांगिनी बनीं।भगवान शिव की कृपा पाने के लिए इस महीने से सोलह सोमवार, प्रदोष और सोमवार के व्रत आरंभ किए जाते हैं। सावन में हर सोमवार को तमाम शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है और भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। लेकिन इस बार कोरोना के कारण मंदिरों में भक्तों की कमी रहेगी।

इस पवित्र मास में रुद्राभिषेक, शिवसहस्त्रनाम का पाठ करने से भगवान शिव की कृपा बनी रहती है और कुंवारी कन्याओं को अच्छे जीवनसाथी मिलते हैं। इसी मास में समुद्र मंथन से निकले विष को प्रभु शिव नें पान किया था और नीलकंठ कहलाए। इस मास में शिव को जल से रुद्रभिषेक करके प्रसन्न किया जा सकता है। बिल्व पत्र दूध, धतूरा और अक्षत फूल से व्रत पूजा कर शिव की कृपा पाई जा सकती है।



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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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