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Hariyali Amavasya 2021: सावन में हरियाली अमावस्या कब है, जानिए इस दिन बन रहे कौन से दो चमत्कारी योग

Hariyali Amavasya 2021: सावन हरियाली अमावस्या के दिन पवित्र नदी, तालाब और सरोवर में स्नान का बहुत महत्व है। साल की 12 अमावस्या की तरह ही इस दिन जल पितरों को तर्पण और पिंड दान किया जाता है।

Suman  Mishra
Published By Suman Mishra
Published on: 26 July 2021 5:30 PM IST (Updated on: 26 July 2021 5:38 PM IST)
8 अगस्त को हरियाली अमावस्या
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 सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया )

हरियाली अमावस्या ( 8 अगस्त ) कब हैं

सावन माह 25 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस माह का हर दिन धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इसमें अमावस्या भी शामिल है। इस साल सावन की हरियाली अमावस्या 8 अगस्त रविवार के दिन है। सावन मास की अमावस्या और पूर्णिमा तिथि का बहुत महत्व होता है। सावन में पड़ने की वजह से इस अमावस्या को श्रावणी अमावस्या कहते हैं। सावन में हर तरफ हरियाली छा जाती है, इसलिए इसे हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है। सावन के माह में प्रकृति की हर चीज बारिश में नहा कर एक दम नई प्रतीत होती है।

हरियाली अमावस्या सावन शिवरात्रि के दूसरे दिन पड़ती है। हरियाली अमावस्या के दिन वृक्षों का पूजन और वृक्षारोपण करने का बहुत महत्व होता है। अमावस्या की तरह श्रावणी अमावस्या पर भी पितरों की शांति के लिए पिंडदान और दान-धर्म करने का महत्व है।

हरियाली अमावस्या का शुभ मुहूर्त

अमावस्या के दिन अच्छे योग और मुहूर्त में शिव की पूजा की जाए तो शुभ फल मिलता है। इस दिन वृक्षरोपण और उनमें जल सींचने का महत्व है। इस दिन व्यातीपात और वरियान योग साथ में पुष्य नक्षत्र रहेगा।

• अमावस्या की तिथि शुरू: 07 अगस्त 07:11 PM

• अमावस्या की तिथि समाप्त :08 अगस्त 07:20 PM तक

• ब्रह्म मुहूर्त : 04.26 AM, से 05.32 AM,

• अमृत काल : नहीं है

• अभिजीत मुहूर्त :12.06 PMसे 12.58 PM

• हरियाली अमावस्या के दिन दो खास योग

• सर्वार्थसिद्धि योग - 08 अगस्त 06:04 AM से 08 अगस्त 09:19 AM (पुष्य नक्षत्र)

• रवि पुष्य योग - 08 अगस्त 06:04 AM से 08 अगस्त 09:19 AM (पुष्य)

सावन हरियाली अमावस्या के दिन नदी, तालाब और सरोवर में स्नान का बहुत महत्व है।साल की 12 अमावस्या की तरह ही इस दिन जल पितरों को तर्पण और पिंड दान किया जाता है।इस दिन पितरों के नाम पर दान का महत्व है। वट वृक्ष , पीपल ,केला और नींबू का पौधा लगाने से पितरों का आशीर्वाद बना रहता है। साथ ही शिव भगवान के साथ हनुमान जी की भी पूजा करना जरुरी होता है।

Suman  Mishra

Suman Mishra

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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