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Hariyali Amavasya 2022 In Hindi: हरियाली अमावस्या आज, बन रहा 4 अद्भुत संयोग, करें ये काम लक्ष्मी जी रहेंगी मेहरबान

Hariyali Amavasya 2022 In Hindi: सावन हरियाली अमावस्या के दिन पवित्र नदी, तालाब और सरोवर में स्नान का बहुत महत्व है। साल की 12 अमावस्या की तरह ही इस दिन जल पितरों को तर्पण और पिंड दान किया जाता है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 28 July 2022 6:30 AM IST (Updated on: 28 July 2022 7:30 AM IST)
hariyali amawasya
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सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

Hariyali Amawasya 2022 in Hindi

हरियाली अमावस्या ( 28 जुलाई 202 ) आज हैं

Sumanसावन माह में हरियाली अमावस्या 28 जुलाई को है। इस माह का हर दिन धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इसमें अमावस्या भी शामिल है। इस साल सावन की हरियाली अमावस्या जुलाई में 28 तारीख गुरुवार के दिन है। सावन मास की अमावस्या और पूर्णिमा तिथि का बहुत महत्व होता है। सावन में पड़ने की वजह से इस अमावस्या को श्रावणी अमावस्या कहते हैं। सावन में हर तरफ हरियाली छा जाती है, इसलिए इसे हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है।

हरियाली अमावस्या सावन शिवरात्रि के दूसरे दिन पड़ती है। हरियाली अमावस्या के दिन वृक्षों का पूजन और वृक्षारोपण करने का बहुत महत्व होता है। अमावस्या की तरह श्रावणी अमावस्या पर भी पितरों की शांति के लिए पिंडदान और दान-धर्म करने का महत्व है।

हरियाली अमावस्या का शुभ मुहूर्त

सावन के माह में प्रकृति की हर चीज बारिश में नहा कर एक दम नई प्रतीत होती है। ऐसे में अमावस्या के दिन अच्छे योग और मुहूर्त में शिव की पूजा की जाए तो शुभ फल मिलता है। इस दिन वृक्षरोपण और उनमें जल सींचने का महत्व है। इस दिन वज्र और सिद्धि योग साथ में पुष्य नक्षत्र रहेगा।

  • अमावस्या की तिथि शुरू:27 जुलाई की रात 09:11 से
  • अमावस्या की तिथि समाप्त :28 जुलाई गुरुवार की रात 11:24 तक

उदया तिथि 28 जुलाई को होने से इस दिन व्रत रखना बहुत ही शुभ होता है। इस दिन सुबह 07:05 तक पुनर्वसु नक्षत्र होने से सिद्धि और उसके बाद पुष्य नक्षत्र होने से दो शुभ योग बनने जा रहे हैं। वहीं गुरु पुष्य का शुभ योग होने से इस तिथि का महत्व और भी बढ़ गया है।

  • ब्रह्म मुहूर्त :04:23 AM – 05:11 AM
  • अमृत काल : 02:40 AM – 04:26 AM
  • अभिजीत मुहूर्त :12:07 PM – 12:59 PM
  • हरियाली अमावस्या के दिन बहुत खास योग
  • सर्वार्थसिद्धि योग - 05:59 AM से 07:05 AM (गुरु-पुष्य)
  • अमृतसिद्धि योग - 07:05 AM से 06:00 AM (गुरु-पुष्य)
  • सर्वार्थसिद्धि योग - 07:05 AM से 06:00 AM (गुरु-पुष्य)
  • गुरू पुष्य योग - 07:05 AM से 06:00 AM (गुरु-पुष्य)

सावन हरियाली अमावस्या के दिन नदी, तालाब और सरोवर में स्नान का बहुत महत्व है।साल की 12 अमावस्या की तरह ही इस दिन जल पितरों को तर्पण और पिंड दान किया जाता है।इस दिन पितरों के नाम पर दान का महत्व है। वट वृक्ष , पीपल ,केला और नींबू का पौधा लगाने से पितरों का आशीर्वाद बना रहता है। साथ ही शिव भगवान के साथ हनुमान जी की भी पूजा करना जरुरी होता है।

मान्यता है कि सावन माह में पड़ने वाली हरियाली अमावस्या के दिन पेड़-पौधे लगाना बेहद शुभ होता है। हरियाली अमावस्या के दिन पीपल, बरगद, केला, नींबू, तुलसी और आंवला जैसे पेड़-पौधे लगाने का धार्मिक महत्व है। क्योंकि इन वृक्षों पर देवी-देवताओं का वास होता है। इसलिए इस दिन इन पेड़-पौधों को लगाने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। अमावस्या का दिन पितरों को समर्पित होता है। इसलिए हरियाली अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान करना भी उत्तम माना जाता है।

हरियाली अमावस्या पर करें ये उपाय

  • इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करके इसकी परिक्रमा की जाती है। इस दिन शास्त्रों के अनुसार पूजन करने से विशेष लाभ मिलता है। परेशानियों को दूर करने के लिए इस दिन कई उपाय भी किए जाते हैं। जानते हैं क्या हैं वे उपाय
  • परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए हरियाली अमावस्या पर किसी नदी या तालाब में जाकर मछली को आटे की गोलियां बनाकर खिलाएं, चीटियों को चीनी या सूखा आटा खिलाएं। सावन माह में चींटियों और मछलियों जैसे जीवों को कुछ खिलाना अच्छा रहता है।
  • सावन की अमावस्या के दिन किसी हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए साथ ही हनुमान जी को सिंदूर का चोला और चमेली का तेल चढ़ाए। ऐसा करने से परेशानियों से मुक्ति मिलती है
  • हरियाली अमावस्या की संध्या को घर के ईशान कोण में घी का दीपक प्रज्वलित करें। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और दरिद्रता नष्ट होती है। लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए रात में पूजा करते समय थाली में ऊं या स्वास्तिक का चिह्न बनाएं और उस पर महालक्ष्मी यंत्र रखें।


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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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