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सावन में पुत्रदा एकादशी व्रत कब है, इस दिन शुभ मुहूर्त और योग में पूजा-व्रत का संकल्प लेने से मिलता है दोगुना फल

सावन में पुत्रदा एकादशी इस साल 2021 में 18 अगस्त को विष्कुंभ योग में हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से संतान की प्राप्ति और इसके प्रभाव से संतान की रक्षा होती है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 17 Aug 2021 10:30 AM GMT (Updated on: 17 Aug 2021 10:28 AM GMT)
सावन की पुत्रदा एकादशी
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 सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

सावन में पुत्रदा एकादशी व्रत कब है?

एकादशी तिथि का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है।हर महीने दो एकादशी दो पक्ष में पड़ती है। हर एकादशी की अपनी महिमा है। सावन के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। इस साल 2021 में पुत्रदा एकादशी व्रत 18 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से संतान की प्राप्ति और इसके प्रभाव से संतान की रक्षा होती है।

सावन में पुत्रदा एकादशी व्रत मुहूर्त

एकादशी तिथि प्रारम्भ : 18 अगस्त 03.21 AM से

एकादशी तिथि समाप्त : 19 अगस्त 01:06 AM

अभिजीत मुहूर्त -नहीं है

अमृत काल – 06:07 PM से 07:37 PM

ब्रह्म मुहूर्त – 04:05 AM, 19अगस्त से 04:49 AM,

विजय मुहूर्त- 02.11 PM से 03.03 PM

गोधूलि बेला- 06.17 PM से 06.36 PM

रवि योग – 05:33 AM से 12:07 AM, 19 अगस्त

19 अगस्त को पारण का समय : 05:30 से 07:23

जिनकी संतान नहीं होती है, वो अगर पूरी श्रद्धा से पुत्रदा एकादशी का व्रत करते हैं तो उनकी हर इच्छा पूरी होती है। भगवान श्री विष्णु और हरि की कृपा बरसती रहती है।एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा, व्रत, कथा महात्मय सुनने के साथ दान-पुण्य का भी महत्व है। इस दिन पूरे समय ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का उच्चारण करते हुए वस्त्र ,चन्दन ,जनेऊ ,गंध, अक्षत ,पुष्प , धूप-दीप नैवेध,पान-सुपारी चढ़ाकर करनी चाहिए। इससे श्रीहरि की कृपा बरसती है। विष्णु पुराण,पद्म पुराण व भागवद् के अनुसार कामिका एकादशी समस्त भय और पापों का नाश करने वाली संसार के मोह माया में डूबे हुए प्राणियों को पार लगाने वाली नाव के समान बताया गया है। इस व्रत के करने संतान सुख, अश्वमेध यज्ञ के समान फल मिलता है।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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