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Sawan 2023 Puja Vidhi: सावन में इन बातों का रखें ख्याल, शिव की पूजा में इन चीजों न करें इस्तेमाल
Sawan Me Ye Chize Bhagwan Shiv Se Dur Rakhe: कहते है भगवान शिव एक लोटा जल से प्रसन्न हो जाते हैं, लेकिन फिर भी भोले भंडारी की पूजा में कुछ चीजों को चढाने की मनाही है, जानते हैं क्या
Sawan Me Ye Chize Bhagwan Shiv Se Dur Rakhe: 4 जुलाई मंगलवार ( Mangalvar) से सावन माह की शुरूआत हो गई और अब पूरे दो माह तक शिव भक्ति से पूरा माहौल गूंजयामान रहेगा। भगवान शिव ( Bhagwan Shiva) की पूजा करने का सबसे अच्छा दिन सोमवार होता है। इसके अलावा सावन माह और हर माह के शिवरात्रि और प्रदोष को व्रत किया जाता है। उस दिन उनकी पूजा सच्चे मन से करनी चाहिए। ऐसी मान्यता है की भगवान शिव की पूजा पूरे मन से करने से उसका फल मिलता है ।
लेकिन शिव की पूजा में कुछ बातों का ध्यान रखा जाता है।
शिव की पूजा में ये चीजें है वर्जित
शिव की पूजा में लाल पुष्प वर्जित
पूजा में सभी देवी– देवताओं को फूल अर्पित करते है। शिव को लाल फूल अर्पित करना वर्जित है। भगवान शिव संहारकर्ता है। ऐसी मान्यता है की भगवान शिव को लाल फूल में कनेर और कमल के पुष्प को ही अर्पित कर सकते हैं। लाल वस्तुएं और लाल फूल नहीं कर सकती है ।
शिव की पूजा में नारियल का पानी वर्जित
कहते है की भगवान शिव को नारियल का पानी नहीं चढ़ाते है। ना ही अभिषेक में इसका इस्तेमाल कर सकते है । मान्यता है की आप पूजा जिस मन्नत को ले कर रही है वो सफल नहीं होता है।
शिव की पूजा में केतकी का पुष्पवर्जित
केतकी क फूल ने ब्रह्म देव के झूठ में साथ दिया था जिससे भगवान शिव क्रोधित हो कर केतकी को श्राप दे दिया ।जिस कारण शिव जी को केतकी के पुष्प अर्पित नहीं किया जाता हैं।
शिव की पूजा में सिंदूर वर्जित
सिंदूर सुहाग की निशानी हैं। वही शिव संहारक के रूप में देखा जाता है तो इसलिए भगवान शिव को सिंदूर चढ़ना मना है। सावन या कभी भी शिव पूजा में सिंदूर न चढाये
शिव पूजा में तुलसी वर्जित - भगवान शिव को तुलसी के पत्तों को नहीं चढ़ाया जाता है क्योंकि भगवान शिव ने तुलसी पति जालंधर (उदंड राक्षस )का वध किया था। वैसे तो शिव भोले भाले है आप जिस भी साधारण रूप से उनकी पूजा करे उन्हें उनकी मान्य हो जाता है लेकिन तुलसी का भोग ना लगावे और ना ही शिवलिंग पर अर्पित करें ।
शिव की पूजा में शंख वर्जित
शंख का इस्तेमाल हर पूजा पाठ में किया जाता है। कभी पूजा के बीच में तो कभी पूजा शुरू होने से पहले बजाया जाता हैं। पर भगवान शिव की पूजा में शंख नहीं बजाया जाता है क्योंकि शिव ने शंख चूड़ का वध अपने त्रिशूल से से किया जिसके बाद उसका शरीर भस्म हो गया और उस भस्म से शंख की उत्पत्ति हुई थी । कारण है की ना ही पूजा में शंख बजाया जाता है और ना ही अभिषेक किया जाता है ।
शिव की पूजा में हल्दी वर्जित
हल्दी को शुभ माना जाता है । हर देवी– देवताओं के पूजा में हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है। मान्यता हैं कि शिवलिंग एक पुरुष का रूप है और हल्दी स्त्रीयों का वस्तु और भगवान शिव एक वैरागी है तो इस कारण मनाही होती है की हल्दी ना चढ़ाएं
सावन माह में इन कामों से परहेज करें
भगवान शिव का प्रिय है सावन, इसे शास्त्रों में बहुत पवित्र माना गया है। इसी माह में भगवान शिव और माता पार्वती की शादी हुई थी। इस वजह से भी लोग इस महीने में व्रत-उपवास कर भगवान की भक्ति करते हैं। भगवान शिव की विशेष कृपा होने से व्यक्ति कष्टों से मुक्ति पा लेता है। सावन के महीने में शिव भगवान से व्रत व पूजा करने से हर परेशानी को दूर कर सकते हैं
सावन में घर में भारी कपड़ों को धोने, कबाड़ घर से बाहर निकालने, घर को धोने या पोछा लगाने से बच्चों, पुत्रों, घर के सदस्यों की शिक्षा, धर्म आदि पर शुभ प्रभाव में कमी आती है। सावन के मौसम में मांस- मदिरा से दूरी बना लेना चाहिए। इस पूरे मास व्यक्ति को सात्विक जीवन जीना चाहिए। सावन मास में पेड़ों को काटने से बचना चाहिए। इस माह घर के सदस्यों की संख्या के बराबर पेड़ लगाना चाहिए। इससे तरक्की के साथ सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। सावन मास में बैंगन के अलावा साग का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, सावन का माह भगवान शिव का होता है। इसलिए इनकी पूरी श्रद्धा के साथ आराधना करना चाहिए। मन में किसी भी तरह के बुरे ख्याल नहीं लेना चाहिए। सावन के माह में बिस्तर में नहीं लेटना चाहिए बल्कि जमीन में लेटना चाहिए। सावन मास में लहसुन, प्याज से तामसिक भोजन का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए क्योंकि इसका सेवन करने से शरीर में क्रोध, वासना आदि बढ़ती है जो भगवान की उपासना करने में बाधा उत्पन्न करती है
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