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Sawan Shivratri 2021 : भगवान शिव को प्रिय सावन शिवरात्रि व्रत कब है, जानिए पूजा का सही समय और बन रहा कौन सा शुभ योग

Sawan Shivratri 2021: सावन शिवरात्रि कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को होता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष विधान है। इस तिथि को भोले बाबा के जलाभिषेक करने से हर इच्छा पूरी हो जाती है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 15 Jun 2021 10:11 AM IST
सावन की शिवरात्रि
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सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

सावन की शिवरात्रि ( Sawan Ki Shivaratri 2021) व्रत कब है?

सावन का महीना भगवान शिव को अतिप्रिय है। इस माह का हर एक दिन खास और पवित्र है। कहते हैं कि भगवान शिव अपने भक्तों की पुकार से जल्दी प्रसन्न हो जाते है। सावन और सोमवार का दिन भोले बाबा की आराधना के लिए उत्तम है। इसके अलावा अगर शिवभक्त शिवरात्रि पर खासकर सावन की शिवारात्रि पर पूजा व्रत करें तो अतिप्रसन्न होते है। फाल्गुन की शिवरात्रि की तरह ही सावन की शिवरात्री सर्वोत्तम फलदायक है। हर माह में दो शिवरात्रि होती है। एक कृष्ण पक्ष में दूसरी शुक्ल पक्ष। लेकिन शिव को कृष्ण पक्ष की शिवरात्रि या कहे तेरस त्रयोदशी बहुत प्रिय है। इस बार सावन की शिवरात्रि 6 अगस्त को है।


सावन शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त

सावन की शिवरात्रि 6 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन शुक्रवार है, पुनर्वसु नक्षत्र और सिद्ध योग में हरियाली तीज की पूजा होगी। साथ में चंद्रमा मिथुन राशि में रहेंगे। पूजा के लिए शुभ मुहूर्त श्रावण चतुर्दशी की तिथि 6 अगस्त को शाम 06 बजकर 25 मिनट से शुरू होगी और 7 अगस्त को शाम 7 बजकर 10 मिनट तक रहेगी। इसलिए सावन की शिवरात्रि 6 अगस्त को ही मनाई जाएगी।

अभिजीत मुहूर्त - 12:06 PM – 12:58 PM

अमृत काल – नहीं

ब्रह्म मुहूर्त – 04:27 AM – 05:15 AM

विजय मुहूर्त- 02.16 PM से 03.09 PM

गोधूलि बेला- 06.27 PM से 06.51 PM

निशिता काल- 11.42 PM से 12. 26 AM तक 7 अगस्त

सर्वार्थसिद्धि योग - 06 अगस्त 06:37 AM से 07 अगस्त 06:04 AM अगस्त

कहते हैं कि सावन की शिवरात्रि को जो भी व्यक्ति सच्चे मन से दुध, दही, फल-फूल, धतूरे से शिव की पूजा करते हैं, उनके हर कष्ट भोलेभंडारी की कृपा से दूर होती है।



Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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