×

धर्म नहीं, विज्ञान भी मानता है शरद पूर्णिमा को खास, जानिए इस दिन बने खीर का राज

श्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा होती है। इस साल शरद पूर्णिमा 13अक्टूबर 2019 के दिन होगी। शरद पूर्णिमा का महत्व बहुत अधिक है। शरद पूर्णिमा के दिन लोग व्रत करते है। यह वहीं दिन है जब द्वापर में भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के संग रास रचाया था।

suman
Published on: 3 Aug 2023 8:50 AM GMT (Updated on: 3 Aug 2023 9:15 AM GMT)
धर्म नहीं, विज्ञान भी मानता है शरद पूर्णिमा को खास, जानिए इस दिन बने खीर का राज
X

जयपुर:आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा होती है। इस साल शरद पूर्णिमा 13अक्टूबर 2019 के दिन होगी। शरद पूर्णिमा का महत्व बहुत अधिक है। शरद पूर्णिमा के दिन लोग व्रत करते है। यह वहीं दिन है जब द्वापर में भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के संग रास रचाया था। ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात को चन्द्रमा से अमृत की वर्षा होती है। यह अमृत चन्द्रमा की 16 कलाओं में से धरती पर बरसता है। शरद पूर्णिमा को रास पूर्णिमा या कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है।

ऑफिस जाने वाली महिलाएं करें ये सारे काम तो करवा चौथ पर मिलेगा आराम

महत्व शरद पूर्णिमा का महत्व शास्त्रों में भी बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि चन्द्रमा से निकलने वाले अमृत को कोई भी साधारण व्यक्ति ग्रहण कर सकता है। चन्द्रमा से बरसने वाले अमृत को सफेद खाने योग्य वस्तु के माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपने शरीर में प्राप्त कर सकता है। माना जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा की रोशनी यानी चांदनी में समय बिताने वाले व्यक्ति को भी चन्द्रमा से बरसने वाले अमृत की प्राप्ति होती है। चांद की रोशनी में बैठने से, चांद की रोशनी में 4 घण्टे रखा भोजन खाने से और चन्द्रमा के दर्शन करने से व्यक्ति आरोग्यता को प्राप्त करता है।

रोगियों के लिए शरद पूर्णिमा की रात को बहुत विशेष माना जाता है। क्योकि इस दिन चांद से निकलने वाला अमृत रोगियों के रोगों को दूर करता है। इस रात्रि की मध्यरात्रि में देवी महालक्ष्मी अपने कर-कमलों में वर और अभय लिए संसार में विचरती हैं और मन ही मन संकल्प करती हैं कि इस समय भूतल पर कौन जाग रहा है? जागकर मेरी पूजा में लगे हुए उस मनुष्य को मैं आज धन दूँगी। इस प्रकार प्रतिवर्ष किया जाने वाला यह कोजागर व्रत लक्ष्मीजी को संतुष्ट करने वाला है। इससे प्रसन्न हुईं माँ लक्ष्मी इस लोक में तो समृद्धि देती ही हैं और शरीर का अंत होने पर परलोक में भी सद्गति प्रदान करती हैं।

पूजा विधि शरद पूर्णिमा के दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नानादि कर पवित्र हो जाएं। शरद पूर्णिमा के दिन सफेद वस्त्र धारण करने चाहिए। इस दिन व्रत करने वाले को लक्ष्मीनारायण की उपासना करनी चाहिए। पूरा दिन नाम जप, भजन व ध्यान आदि में व्यतीत करने का प्रयास करें। संध्या के समय शरद पूर्णिमा कथा का श्रवण करें। मां लक्ष्मी के श्री यंत्र का दर्शन करें। लक्ष्मी नारायण की पूजा करें। इस दिन खीर बनाकर चन्द्रमा की रोशनी में लगभग 4 घण्टे के लिए रखें। खीर किसी पात्र में डालकर ऐसे स्थान पर रखें जहां चांदनी आती हो। चाहें तो खीर को सफेद झीने वस्त्र से धककर भी रख सकते है। खीर को चांदनी से हटाने के बाद श्री लक्ष्मीनारायण को उसका भोग लगाएं। भोग लगी खीर को प्रसाद रूप में बांटें व खाएं।

13OCT की रात मां लक्ष्मी आएंगी आपके द्वार, होगी अमृत वर्षा, इस तरह करें अमृत पान

अध्यात्म भी विज्ञान भी: शरद पूर्णिमा की रात को चन्द्रमा से निकलने वाली ऊर्जा को अमृत के समान चमत्कारी माना जाता है। श्रद्धालुओं की मान्यता है कि इस रात चन्द्रमा से निकलने वाली समस्त ऊर्जा उस खीर के भोग में सम्माहित हो जाती है। इसे प्रसाद रूप में लेने वाले व्यक्ति की दीर्घायु होती है। इस प्रसाद से रोग-शोक दूर होते है। बीमारियों का नाश करने वाली है ये अमृत वाली खीर। रोगियों के लिए शरद पूर्णिमा की अमृत की खीर वरदान साबित होता है। स्वस्थ लोगों के लिए यह रात सेहत और सम्पति देने वाली है। इसलिए शरद पूर्णिमा को अमृत वाली खीर खाने के बहुत फायदे होते हैं। इस खीर को खाने वाला व्यक्ति प्रसिद्धि को प्राप्त करता है।

शरद पूर्णिमा की रात औषधियों की स्पंदन क्षमता अधिक हो जाती है। रसाकर्षण के कारण जब अंदर का पदार्थ सांद्र होने लगता है, तब रिक्तिकाओं से विशेष प्रकार की ध्वनि उत्पन्न होती है। सोमचक्र, नक्षत्रीय चक्र और आश्विन के त्रिकोण के कारण शरद ऋतु से ऊर्जा का संग्रह होता है और बसंत में निग्रह होता है। दुग्ध में लैक्टिक अम्ल और अमृत तत्व होता है। यह तत्व किरणों से अधिक मात्रा में शक्ति का शोषण करता है। चावल में स्टार्च होने के कारण यह प्रक्रिया और आसान हो जाती है। इसी कारण ऋषि-मुनियों ने शरद पूर्णिमा की रात्रि में खीर खुले आसमान में रखने का विधान किया है। यह परंपरा विज्ञान पर आधारित है।

suman

suman

Next Story