स जीवति गुणा यस्यधर्मो यस्य जीवतिगुणधर्म विहीनो यो निष्फलं तस्य जीवितम् ॥भावार्थ-जो गुणवान है, धार्मिक है, जिसकी धर्म मे अटूट आस्था है, वही जीवन जीते हैं अथवा जीवित हैं। जो गुण और धर्म से रहित है, उनका जीवन निष्फल है अर्थात मृतक समान है।