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Shani Amavasya 2022 Upay: आज शनि अमावस्या के दिन करें ये उपाय, बरसेगी शनिदेव की कृपा, खत्म होगा बुरा प्रभाव

Shani Amavasya 2022 Upay:शनि अमावस्या के दिन अगर पूरी श्रद्धा और भक्ति से उनकी पूजा की जाए तो शनि की कृपा बरसती है। जातक के जीवन में सुख-समृद्धि छा जाती है। हम जैसा कर्म करेंगे शनिदेव वैसा फल देते हैं। बुरे कर्म करने पर शनिदेव दंडित भी करते हैं। शनिवार को सूर्य ग्रहण भ लग रहा है, उससे पहले शनि की विधिवत पूजा कर ली जाए तो ग्रहण का प्रभाव कम कर सकते हैं।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 30 April 2022 9:00 AM IST (Updated on: 30 April 2022 5:18 PM IST)
Shani Amavasya 2022
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सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

Shani Amavasya 2022 Upay:

शनि अमावस्या 2022 और सूर्य ग्रहण

शनिवार के दिन इस बार 30 अप्रैल को लगने वाले सूर्य ग्रहण के साथ शनि अमावस्या भी है।सूर्य-शनि के बीच पिता और पुत्र का संबंध है। इस दिन न्याय के देव शनि की पूजा से शनि के कोप,साढेसाती के प्रभाव से बच जाते हैं।लेकिन अमावस्या के दिन सूर्य का ग्रहित होने सेहत और मान-सम्मान पर असर पड़ेगा।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनि और सूर्य एक दूसरे के शत्रु है। दोनों का आपस बैर है। उसपर इस बार के ग्रहण के समय भरणी नक्षत्र मेष राशि के होने से जीवन पर और भी गहरा प्रभाव पड़ रहा है। कहा जा रहा है कि शनि और सूर्य साथ में ग्रहण के फलस्वरुप सबसे अधिक मेष राशि के जातक प्रभावित होंगे। आर्थिक तंगी से लेकर अपयश मानहानी और धन की कमी के साथ सेहत पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा।

कौन है शनिदेव

हिन्दू धर्म के अनुसार शनि देव को न्याय का देव माना जाता है। नवग्रहों में शनिदेव को सातवां स्थान मिला है।मकर और कुंभ राशि के स्वामी शनिदेव को क्रुर ग्रहों की श्रेणी में रखा रखा गया है। एक राशि में शनि ढाई साल और साढ़े साल रहते हैं।जिस भी राशि पर शनि साढ़े साती होती है उस पर शनि का कहर बरपता है, लेकिन जातक सदकर्मों और पूजा जप-तप से शनि का प्रभाव कम कर सकते हैं।

ऐसा कहते हैं कि शनि अमावस्या के दिन अगर पूरी श्रद्धा और भक्ति से उनकी पूजा की जाए तो शनि की कृपा बरसती है। जातक के जीवन में सुख-समृद्धि छा जाती है। हम जैसा कर्म करेंगे शनिदेव वैसा फल देते हैं। बुरे कर्म करने पर शनिदेव दंडित भी करते हैं। शनिवार को सूर्य ग्रहण भ लग रहा है, उससे पहले शनि की विधिवत पूजा कर ली जाए तो ग्रहण का प्रभाव कम कर सकते हैं।

शनि अमावस्या के दिन शुभ योग


शनि अमावस्या तिथि प्रारंभ : वैशाख मास की अमावस्या 30 अप्रैल को सुबह 12:57 से शुरू होगी।

शनि अमावस्या तिथि समापन: अमावस्या तिथि 1 मई को सुबह 01:57 पर समाप्त होगी।

शनि अमावस्या के दिन खगोलीय घटना घट रही है, लेकिन इन्हीं शुभ और अशुभ प्रभावों के बीच आयुष्मान योग बन रहे हैं। मेष राशि मे चंद्र, सूर्य व राहु की युति से त्रिग्रही योग और शनि के साथ मंगल की युति भी बन रही है। इसके कारण इसका धार्मिक महत्त्व और भी बढ़ गया है। जो मांगलिक कामों के लिए बढ़िया होने के साथ कठिन से कठिन कामों की सफलता के लिए भी शुभ है।

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया


शनि अमावस्या पर पूजा के समय इन बातों का रखें ध्यान

सुबह उठकर सबसे पहले साफ-सफाई के बाद स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनकर शनि ग्रह की पूजा पंचोचार विधि से करें। शनि देव की पूजा में काले-नीले फूल अक्षत, धूप, दीप के साथ तेल से बनी चीजों को अर्पित करना चाहिए। इससे उनकी कृपा बरसती है। पूजा के समय और सूर्य ग्रहण के समय शनि मंत्र और शनि चालीसा का पाठ करते रहें इससे बुरे प्रभाव से बच जाएँगे।

शनि अमावस्या पर ऊं शं अभ्यहस्ताय नम: मंत्र का जाप करके महामारी से बच सकते हैं।

शनि के साथ इस दिन बजरंगबली की भी पूजा करेंगे तो अच्छा रहेगा।

साथ ही सूर्यदेव की पूजा की जगह उनका मंत्र उच्चारण करना इस दिन अच्छा रहेगा।

बड़े-बुजुर्गों का अपमान करने से बचें, नहीं तो शनिदेव दंड़ित करते है।

अगर इस बार ग्रहण के दिन शनि अमावस्या पर कही जाने की सोच रहे है तो यात्रा स्थगित करने में ही सबकी भलाई है।

शनि अमावस्या पर करें उपाय

शनि अमवास्या के दिन कुछ उपाय करने से समस्याओं का समाधान होता है।जानते हैं क्या..

किसी काम में रुकावट आने पर शनि अमावस्या के दिन गरीबों को भोजन कराएंगे तो रुका हुआ काम बनेगा।

इस दिन शादी की बात नहीं तय होने पर 7 इलाइची लें उसे 7 बार अपने ऊपर से उबार लें, फिर उसे देवी कात्यायनी के चरणों में रख दें बात बन जाएगाी।

शनि अमावस्या पर पीपल वृक्ष के नीचे दीप जलाए और ढइया से राहत पाएं।

शनि अमावस्या पर प्रेम संबंध के लिए काला धागा लेकर पीपल पर चढ़ाएं और तेल अर्पित करें लाभ मिलेगा।

शनि अमावस्या पर सेहत के लिए चप्पल और छाता का दान करें।

शनि अमावस्या पर अध्यात्म में झुकाव के लिए तिल के लड्डू शनि जयंती पर खाए और दान दें।

शनि अमावस्या पर परिवार की इज्जत के लिए शनि देव को सरसों का तेल अर्पित करें।

शनि अमावस्या पर विवाद बचें और परिवार से दूरी की वजह से परेशान रहेंगे इसके लिए तेल और उड़द की दाल का दान करेंगे तो लाभ मिलेगा।

शनि अमावस्या पर सूरमा लगाएंगे तो वाणी पर नियंत्रण रहेगा और आर्थिक हानि से बचेंगे।

शनि अमावस्या पर साढ़े साती और ढइया का असर जातक पर कम करने के लिए शनिदेव के इस दिन सूरमे का तिलक लगाएंगे तो लाभ मिलेगा।

शनि अमावस्या पर खर्च की अधिकता रहेगा इसके लिए दूध और तिल से वट वृक्ष की पूजा करेे।

शनि अमावस्या पर परिवार के सहयोग के लिए काला चना दान दें।

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

शनि अमावस्या के दिन पोछा लगाने वाले पानी में थोड़ा-सा नमक डालकर घर की सफाई करें। इससे घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। आपके घर मां लक्ष्मी का वास होगा और घर में बरकत होने लगेगी। इस उपाय को गुरुवार के दिन भूलकर भी न करें।

शनि अमावस्या के दिन एक कांच के गिलास में थोड़ा-सा पानी और नमक मिलाएं और इसे नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम) दिशा की ओर रख दें। इसके पास लाल रंग का बल्ब जला दें। पानी खत्म होने पर इसमें फिर से पानी भर दें। ये उपाय करने से जातक के घर में कभी भी धन की कमी नहीं होगी और घर में मां लक्ष्मी का वास रहेगा।

सूर्य ग्रहण के समय सूतक मान्य नहीं

बता दे कि सूर्य ग्रहण धार्मिक दृष्टि से 2022 का दिन बहुत खास है। इस दिन सूर्य ग्रहण का प्रारंभ और समापन का समय कुछ इस तरह है कि 10 जून के दिन दोपहर 13:42 बजे से सूर्य ग्रहण का आरंभ 30 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण मध्यरात्रि 12 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा और सुबह 4 बजकर 8 मिनट तक रहेगा। यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा और न ही सूतक मान्य होगा।

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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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