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Shani Amavasya Upay:शनि अमावस्या पर सौभाग्य और समृद्धि के लिए अचूक उपाय, मिलेगी अपार कृपा , खत्म होगा दुर्भाग्य

Shani Amavasya Upay:शनि अमावस्या शांति, समृद्धि और सफलता पाने के लिए खास दिन है। इस दिन कियें ये उपाय आपको बेतहाशा सफला देंगे...जानते है...

Suman  Mishra
Published on: 25 March 2025 6:19 AM IST
Shani Amavasya Upay
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Shani Amavasya Upay: शनि अमावस्या 2025: महत्व, पूजा विधि और नियम

हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। 29 मार्च 2025, शनिवार को चैत्र मास की अमावस्या है, जिसे शनिश्चरी अमावस्या कहा जाता है। यह दिन शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष माना जाता है।इस दिन गंगा स्नान, पिंडदान, और तर्पण आदि करना अत्यंत शुभ माना गया है।

शनि अमावस्या का महत्व

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिन जातकों की कुंडली में शनि की स्थिति शुभ नहीं होती, उनके जीवन में कई प्रकार की समस्याएं आती हैं, जैसे कि आर्थिक तंगी, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां, नौकरी में अड़चनें आदि। शनिश्चरी अमावस्या पर कुछ विशेष उपाय करने से शनि दोष से मुक्ति पाई जा सकती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

शनि अमावस्या पर शुभ कार्य

शनि अमावस्या दिन कुछ विशेष उपायों को करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त की जा सकती है और जीवन में शांति और समृद्धि आती है।

शनि कृपा प्राप्त करने के लिए शनिदेव के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। दीपक में काली उड़द की साबुत दाल, थोड़े काले तिल और एक लोहे की कील डालनी चाहिए। इससे शनि ग्रह के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।

शनिवार और शनिश्चरी अमावस्या के दिन काले तिल, काला कंबल, उड़द की दाल और काले वस्त्र गरीबों को दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।

शनि अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की सात बार परिक्रमा करनी चाहिए और उसके समक्ष दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से पितृ दोष का निवारण होता है और शनि दोष से राहत मिलती है।

इस दिन काले कुत्ते को सरसों के तेल से चुपड़ी हुई रोटी खिलानी चाहिए। यह उपाय शनि दोष को कम करता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।

शनि अमावस्या के दिन शमी के वृक्ष की पूजा करना अत्यंत शुभ माना गया है। ऐसा करने से शनि देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, शनि अमावस्या पर गंगा स्नान करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। यदि गंगा नदी तक जाना संभव न हो तो घर में स्नान के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं।

शनिदेव हनुमान जी के परम भक्त माने जाते हैं। इसलिए इस दिन हनुमान जी को सिंदूर और घी का चोला चढ़ाना चाहिए और उन्हें गुड़ और चने का भोग लगाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से बजरंगबली प्रसन्न होते हैं और शनि कृपा प्राप्त होती है।

शनि अमावस्या के दिन किन कार्यों से बचें

इस दिन कुछ कार्य करने की मनाही होती है, क्योंकि इससे अशुभ प्रभाव पड़ सकता है।

शनिश्चरी अमावस्या के दिन मांस-मदिरा और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से शनि देव कुपित होते हैं और जीवन में कष्ट बढ़ते हैं।

इस दिन विशेष रूप से माता-पिता और गुरुजनों का सम्मान करना चाहिए। उनके अपमान से शनि दोष और पितृ दोष बढ़ सकता है।

इस दिन किसी भी जानवर या पक्षी को कष्ट नहीं देना चाहिए। खासकर कुत्ते, गाय, और कौवे को भोजन कराना शुभ माना जाता है।

शनि अमावस्या के दिन बाल, दाढ़ी, और नाखून काटने की मनाही होती है। मान्यता है कि ऐसा करने से शनि ग्रह की अशुभता बढ़ जाती है।

इस दिन किसी भी तरह के झगड़े, वाद-विवाद या नकारात्मक सोच से बचना चाहिए। घर में शांति बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि अशांति नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है।

शनिवार और शनि अमावस्या के दिन लोहे से बनी वस्तुएं, जूते या शनि से संबंधित अन्य चीजों की खरीदारी नहीं करनी चाहिए।

शनि अमावस्या पर विशेष मंत्र

शनि दोष से मुक्ति के लिए इस दिन निम्न मंत्रों का जाप करना अत्यंत फलदायी माना जाता है:

ॐ शं शनैश्चराय नमः (108 बार जाप करें)

ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः

नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।

छायामार्तण्ड सम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्॥

शनि अमावस्या के दिन उपरोक्त उपाय करने से जीवन में आने वाली परेशानियों से मुक्ति मिलती है। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जिनकी कुंडली में शनि की दशा या साढ़े साती का प्रभाव चल रहा है। सही विधि से पूजा-पाठ करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में उन्नति के मार्ग खुलते हैं।

शनिश्चरी अमावस्या शनि देव की कृपा पाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन विशेष रूप से शनि देव की पूजा, गरीबों को दान, पीपल की पूजा, और हनुमान जी की आराधना करने से जीवन में शांति, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।

Suman  Mishra

Suman Mishra

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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