×

Shanivar Ke Upay In Hindi: शनिवार के दिन शनिदेव को इन 10 उपायों से करें प्रसन्न, मिलेगी हर परेशानी से छुटकारा, चमकेगी किस्मत

Shanivar Ke Upay In Hindi:शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार का दिन सबसे बढ़िया है। इस दिन शनि देव की विधि-विधान से पूजा करने और उपाय से उनकी कृपा उनके भक्तों पर बरसती है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 11 March 2023 12:58 PM IST (Updated on: 11 March 2023 12:58 PM IST)
Shanivar Ke Upay In Hindi: शनिवार के दिन शनिदेव को इन 10 उपायों से करें प्रसन्न, मिलेगी हर परेशानी से छुटकारा, चमकेगी किस्मत
X

Shanivar Ke Upay In Hindi

शनिवार के उपाय

शनिवार शनिदेव का दिन है। शनि देव न्यायप्रिय है। गलत होने पर उनके क्रोध के अनेक उदाहरण मिलते हैं। मेघनाद की कुंडली में रावण ने सारे ग्रहों को पकड़कर सबसे शुभ माने जाने वाले 11वें भाव में क़ैद कर दिया था। लेकिन त्रिलोक को जीतने वाला रावण भी शनि देव को रोक न सका और उन्होंने धीरे-से अपना पैर अनिष्ट-कारक 12वें भाव में बढ़ा दिया। शनि देव के इस कार्य की ही वजह से अपराजेय समझा जाने वाले मेघनाद का अंत बुरा हुआ।

ज्योतिष में कुंडली के अलग-अलग भावों में शनि का फल भी अलग होता है। शनि सूर्य पुत्र के नाम से विख्यात हैं। कहते हैं कि शनि जिसे चाहे राजा से रंक बना देता है और रंक से राजा। इसलिए शनिदेव की कृपा पाने के लिए शनिवार को कुछ उपाय करना उन जातकों के लिए जरूरी होता हैं जो लोग शनि ढैय्या, साढ़ेसाती या शनि दोष से प्रभावित होते हैं। किसी की कुण्डली में शनि ग्रह यदि नीच में हो तो व्यक्ति के अनेकों झूठे संबंध होते हैं वो, जुआ, सट्टे और शराब आदि में पैसा बर्बाद करता है, कानूनी मामलों में जेल जाता है, मानसिक रोगी हो जाता है साथ ही उस व्यक्ति का जीवन लगातार दुर्घटनाओं से घिरा रहता हैं। इसलिए इससे बचने के लिए शनिवार को कुछ उपाय करने चाहिए..

शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें

हनुमान जी की पूजा करके भी हम शनि का कुप्रभाव कम कर सकते हैं, कहते हैं कि शनि उन लोगों का कुछ नहीं बिगाड़ते जो बजरंगबली की शरण में जाते हैं। हनुमान चालीसा का नियमित पाठ शनिदेव के प्रकोप से बचने का रामबाण उपाय है। अगर आप पर शनि की ढैया या साढे साती चल रही है और शनि द्वारा दिए कष्टों से पीड़ित हैं, तो हनुमान चालीसा का पाठ अचूक उपाय है।

कहते हैं कि हनुमान जी ने शनि देव को लंका में दशग्रीव के बंधन से मुक्त कराया था। ऐसा भी कहा गया है कि कलियुग में अभिमानवश एक बार शनिदेव हनुमान जी के पास गए और बोले - “तुमने मुझे त्रेता में ज़रूर बचाया था, लेकिन अब यह कलिकाल है। मुझे अपना काम करना ही पड़ता है। इसलिए आज से तुम्हारे ऊपर मेरी साढ़े साती शुरू हो रही है। मैं तुम पर आ रहा हूँ।” यह कहते हुए वे हनुमान जी के मस्तक पर सवार हो गए। शनिदेव के कारण हनुमान जी को सर पर खुजली होने लगी, जिसे मिटाने के लिए उन्होंने सर पर एक विशाल पर्वत रख लिया। जिसके नीचे शनिदेव दब गए और “त्राहि माम् त्राहि माम्” चिल्लाने लगे। उन्होंने हनुमान जी से याचना की और कहा कि वे आगे से उन्हें या उनके भक्तों को कभी परेशान नहीं करेंगे। हनुमान चालीसा हनुमान जी के स्तोत्रों में बहुप्रचलित और अनन्त शक्ति संपन्न है। इसका पाठ शनि के सभी कष्टों से मुक्ति दिलाने वाला कहा गया है।

शनिवार को शनि मंत्र का जाप करें

कहते हैं कि मन्त्रों में इतनी शक्ति होती है कि उनका सही उपयोग जीव में प्राण भर सकता है। हर देवता का अपना मन्त्र होता है, जिसको विधि-पूर्वक जपना उस देवता को प्रसन्न करने का सबसे आसान तरीक़ा है। शनि देव के निम्न मंत्र का 40 दिनों में 19,000 बार जप साढ़ेसाती में बहुत लाभ देता है -

“ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनिश्चराय नमः”

शनि-मंत्र के बीज अक्षरों की अपरिमित शक्ति ढैया और साढ़े साती के ताप का शमन करती है। शनि देव के इस मन्त्र का लाभ सभी को लेना चाहिए। साथ ही दशरथ कृत शनि स्तोत्र भी शनि के दुष्प्रभावों से बचने का बेहतरीन उपाय है।

शनिवार को तिल, तेल और छाया पात्र का दान करें

तिल, तेल और छाया पात्र दान शनिदेव को अत्यन्त प्रिय हैं। इन चीज़ों का दान शनि की शान्ति का प्रमुख उपाय है। मान्यता है कि यह दान शनि देव द्वारा दिए जाने वाले कष्टों से निजात दिलाता है। छाया पात्र दान की विधि बहुत ही सरल है। मिट्टी के किसी बर्तन में सरसों का तेल लें, उसमें अपनी छाया देखकर उसे दान कर दें। यह दान शनि के आपके ऊपर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को दूर कर उनका आशीर्वाद प्रदान करता है।

शनिवार को धतूरे की जड़ धारण करें

शनि देव को प्रसन्न कर उनकी कृपा पाने के लिए ग्रन्थों में धतूरे की जड़ को धारण करने की सलाह दी गई है। धतूरे की जड़ का छोटा-सा टुकड़ा गले या हाथ में बांधकर धारण किया जा सकता है। इस जड़ी को धारण करने से शनि की ऊर्जा आपको सकारात्मक रूप से मिलने लगेगी और जल्दी ही आपको ख़ुद फर्क महसूस होगा। क्योंकि वैदिक ज्योतिष में विभिन्न जड़ों की मदद से ग्रहों की शान्ति का विधान है। कई ज्योतिषियों का मानना है कि रत्न धारण करना नुक़सान भी पहुँचा सक्ता है, लेकिन जड़ धारण करने से ऐसी आशंका नहीं रहती है। रत्न ग्रह की शक्ति बढ़ाने का काम करते हैं, वहीं जड़ियाँ ग्रहों की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में मोड़ने का कार्य करती हैं।

शनिवार को सात मुखी रुद्राक्ष धारण करें

जड़ियों की ही तरह रुद्राक्ष को भी हानि रहित उपाय की मान्यता प्राप्त है। सात मुखी रुद्राक्ष धारण करना न सिर्फ़ भगवान शिव को प्रसन्न करता है, बल्कि शनि देव का आशीर्वाद भी दिलाता है। पुराणों के अनुसार सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से घर में धन-धान्य की कमी नहीं रहती है और लक्ष्मी माता की कृपा हमेशा बनी रहती है। साथ ही सेहत से जुड़ी समस्याओं में भी इसे बहुत प्रभावी माना जाता है। इस रुद्राक्ष को सोमवार या शनिवार के दिन गंगा जल से धोकर धारण करने से शनि जनित कष्टों से छुटकारा मिलता है और समृद्धि प्राप्त होती है।

शनिवार को नाव की कील का छल्ला और काले घोड़े की नाल

नाव की कील का छल्ला और काले घोड़े की नाल भी शनि देव के दुष्प्रभावों से बचने के कारगर उपाय हैं। यदि आप शनि की अंतर्दशा या महादशा से गुजर रहे हैं और इस दौरान मिलने वाले कष्टों और असफलता से परेशान हैं, तो नाव की कील का छल्ला धारण करें। इसके प्रभाव से शनि जनित कष्टों में कमी आएगी। वहीं यदि आपके घर व ऑफिस पर किसी की बुरी नजर है, तो काले घोड़े की नाल घर या दफ्तर में लगाएं। इसके प्रभाव से घर और ऑफिस में सुख, शांति व समृद्धि रहेगी।

  • हर शनिवार आटा, काले तिल, शक्कर मिला लें। मिश्रण को अच्छे से तैयार कर चीटियों को डालें। शनिवार के दिन जब सूर्यास्त हो रहा हो तब काले घोड़े की नाल या नाव की कील से अंगूठी बनवाकर मध्यमा में पहनें।शनिदेव के नामों का जाप करें।
  • शनिवार के दिन काला कपड़ा, लोहे के बर्तन, काले तिल, कंबल, उदड़ की दाल का दान करें। इससे शनिदेव प्रसन्न हो जातक पर कृपा करते हैं।बंदरों को गुड-चना खिलाएं। साथ ही प्रत्येक शनिवार हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  • शनिदेव को नीले रंग के पुष्प अर्पित करें। ॐ शं शनैश्चराय नमः जाप करें। प्रयास करें कि जाप रुद्राक्ष की माला से करें।शनिवार को एक कटोरी में तेल लेकर उसमें चेहरा देखें किसी दरिद्र व्यक्ति को उस तेल का दान करें।
  • शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे जल अर्पित कर, वहां दीप प्रज्जवलित करें। साथ ही वहां बैठकर ॐ शं शनैश्चराय नमःका पाठ करें।शनिवार के दिन तांबे के लौटे में जल लेकर भगवान शिव के स्वरूप शिवलिंग पर अर्पित करें।

नोट- ये छोटे-छोटे उपाय करने में सरल हैं और जल्दी असर दिखाते हैं। अगर श्रद्धा के साथ इन उपायों को किया जाए, तो शनि देव की वक्र दृष्टि से बचकर उनकी कृपा सहज ही हासिल की जा सकती है। इन सरल उपायों को अपनाएं और शनि देव के आशीष से अपना जीवन सुखमय बनाएँ।लेकिन इस तरह के किसी भी खबर की पुष्टि न्यूज ट्रैक डॉट कॉम नहीं करता है। इन उपाय को करने से पहले योग्य ज्योतिष से जरूर सलाह लें



Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

Next Story