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Shankh Se Jude Niyam: क्या आपके घर में भी हैं शंख तो जान लीजिए इससे जुड़ें नियम,वरना अनजाने में हुई गलती देगा पुरा परिणाम
Shankh se Jude Niyam शंख से जुड़े नियम : भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को अति प्रिय शंख ज्यादातर सनातनी घरों में देखने को मिल जाता है, लेकिन बहुत से लोगों को इसके बारे जानकारी नहीं होती तो अनजाने में अपना नुकसान करते हैं, जानते हैं शंख के नियम
Shankh se Jude Niyam शंख से जुड़े नियम : शंख को हिंदू धर्म में सर्वोच्च स्थान दिया गया है।मार्गशीर्ष मास में शंख की पूजा होती है, घरों में शंख को रखना शुभ माना जाता है। शंख (Shankha) को भगवान विष्णु और माता महालक्ष्मी का बेहद प्रिय माना गया है, इसी कारण माना जाता है कि जिस किसी भी घर में शंख होता है उस घर में भगवान विष्णु और माता महालक्ष्मी का वास होता है। इसकी ध्वनी जहां तक जाती है, वहां तक इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। शंख बजाने से घर में मौजूद नेगेटिव ऊर्जा बाहर निकल जाती हैं और घर में हो रह लड़ाई-झगड़े खत्म हो जाते हैं। जीवन में शांति बनी रहती हैं।
देवी-देवता की पूजा के बाद शंख बजाने का विशेष ही महत्व हैं। घर में शंख बजाना हमारे लिए अच्छा ही होता हैं, लेकिन शंख बजाने के कुछ नियम होते हैं।अगर आप नियम का पालन नहीं करते हैं तो शंख बजाने का नुकसान भी हो सकता हैं।
शंख बजाने के नुकसान
घर में दो शंख रखने चाहिए। एक शंख से आप भगवान की पूजा और अभिषेक करना चाहिए और दूसरा शंख को बजाने के लिए रख सकते हैं। जिस शंख को आप बजाते हैं। उस शंख से अभिषेक और पूजा नहीं कर सकते हैं। अगर आप ऐसा करते है तो आपको नुकसान हो सकता हैँ।आपको इसका कष्टकारी परिणाम भी भुगतना पड़ सकता हैं।
अगर आप घर में शंख बजाते हैं तो सूर्यास्त के बाद शंख नहीं बजाना चाहिए। क्योंकि सूर्यास्त के बाद भगवान विश्राम करते हैं। ऐस में शंख बजाने से नुकसान हो सकता हैं।
हम जिस शंख को घर में रखते हैं। उसे पूजा घर में रखने से पहले सफ़ेद कपडे में लपेटकर रखना चाहिए और जब भी आप शंख बजाए गंगाजल से धोने के बाद ही शंख बजाए।
जब भी आप पूजा घर में शंख रखे भगवान की पूजा के साथ-साथ शंख की पूजा करना भी जरूरी होता हैं।इसलिए शंख की पूजा भी करे। इन सब बातों का अगर ध्यान नहीं रखते हैं तो आपकों इससे का बुरा परिणाम भुगतना पड़ेगा।
शंख बजाने के नियम
अगर शंख बजाने के पहले इतने नियम का पालन करते हैं। तो आपको कोई भी नुकसान नहीं होगा , रोजाना नियम के अनुसार शंख बजा सकते हैं।
जब भी कभी शंख बजाना हो तो सबसे पहले भगवान विष्णु का ध्यान करना चाहिए।
भगवान विष्णु का ध्यान करने के बाद शंख को एक साथ में केवल तीन बार ही बजाना चाहिए।
भगवान भोलेनाथ की पूजा के दौरान शंख नहीं बजाना चाहिए। इसके साथ ही शंख में जल भरकर शिवलिंग का अभिषेक नहीं करना चाहिए।
पूजाघर में रखे हुए शंख में हमेशा जल भरकर रखना चाहिए।
सूर्यास्त के बाद कभी भी शंख नहीं बजाना चाहिए।
पूजाघर में शंख को हमेशा ईशान कोण में ही रखना चाहिए
शंख पूजा कैसे करें और कितनी बार बजाए
शंख की पूजा करने का एक विशेष विधान है जिसका ध्यान रखा जाना जरूरी है। सबसे पहले स्नान कर साफ सुथरे कपड़े पहनें। उसके बाद एक पात्र में शंख को दूध, गंगाजल आदि से स्नान करवाएं। साफ कपड़े से पोंछ कर दूध तथा केसर मिश्रित घोल से शंख पर श्री एकाक्षरी मंत्र लिखे और उसे ताम्बे अथवा चांदी के पात्र में स्थापित कर दें। अब इस पर रोली अक्षत और सफेद पुष्प चढ़ाएं फिर धूप और घी का दीपक जलाएं। इसके बाद सच्चे मन से शंख का ध्यान करें। मान्यता के अनुसार भगवान की पूजा करते समय तीन बार शंख बजाना चाहिए।
पूजा घर में कौन सा शंख रखना चाहिए
घर में शंख दक्षिणावर्ती शंख अपने घर में रखना चाहिए। दक्षिणावर्ती शंख घर में रखना अत्यंत शुभदायी माना जाता हैं ऐसा माना जाता है की दक्षिणावर्ती शंख घर में बजाने से घर में मौजूद नेगेटिव ऊर्जा बाहर चली जाती हैं।तथा घर में हो रहे गृह कलह से भी छुटकारा मिलता हैं।
शंख घर में बजाने से सुख और शांति बना रहता हैं। दक्षिणावर्ती शंख को देव स्वरूप माना जाता हैं। ऐसा कहते हैं कि इस शंख की पूजा करने से माता लक्ष्मी के आशीर्वाद की प्राप्ति होती हैं। हमे धन की प्राप्ति होती है संपति में बढ़ोतरी होती रहती हैं। वास्तु शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार घर के पूजा घर में दक्षिण दिशा की तरफ शंख रखना चाहिए। इस दिशा में रखा हुआ शंख आपके लिए शुभ फलदायी माना जाता हैं।
घर में कितने शंख रखें
घर में दो शंख ही रखने होते है। एक शंख बजाने के लिए तथा दूसरा शंख भगवान के अभिषेक के लिए रखा जाता हैं. लेकिन दोनों शंख को अलग अलग रखना चाहिए. अगर आप दोनों शंख को एक साथ रखते हैं. तो यह घर में असंतुलन तथा अस्वस्थ वातावरण पैदा करता हैं।