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Sharad Purnima Kab Manae Jaati Hai: शरद पूर्णिमा कब मनाई जाती है, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Sharad Purnima Kab Manae Jaati Hai: आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन आसमान से अमृत वर्षा होती है।शरद पूर्णिमा को रास पूर्णिमा या कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है।
Sharad Purnima Kab Manae Jaati Hai: इस साल शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर को पड़ रहा है। शरद पूर्णिमा के दिन लोग व्रत करते है। यह वहीं दिन है जब द्वापर में भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के संग रास रचाया था। ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात को चन्द्रमा से अमृत की वर्षा होती है। यह अमृत चन्द्रमा की 16 कलाओं में से धरती पर बरसता है। शरद पूर्णिमा को रास पूर्णिमा या कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है।
शरद पूर्णिमा का सनातन धर्म में बहुत खास स्थान है। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन आसमान से अमृत वर्षा होती है। इस साल शरद पूर्णिमा 9 अक्टूबर 2022, तक को पड़ रहा है। शरद पूर्णिमा कोरास पूर्णिमा या कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है।
शरद पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर चांद की पूजा की जाती है और खीर का प्रसाद चढ़ाकर खुले आसमान के नीचे रातभर रखा जाता है। पुराणों के अनुसार द्वापर युग में इसी पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था इस दिन गोपियों के संग रास रचाया था और मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात को चन्द्रमा से अमृत की वर्षा होती है। यह अमृत चन्द्रमा की 16 कलाओं में से धरती पर बरसता है।
शरद पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
आश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा 16 अक्टूबर को रात 8 .45 मिनट पर शुरू होगी और 17 अक्टूबर शाम 4 . 50 मिनट पर खत्म होगी। शरद पूर्णिमा का व्रत जो लोग रखते हैं वह 16 अक्टूबर को रखा जाएगा और रात को खीर भी 16 को ही रखी जाएगी। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र देव की पूजा का विधान है। इस दिन चंद्रोदय शाम को शाम 5 . 10 मिनट पर होगा।
शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि आरंभ -16 अक्टूबर को रात 8 .45 मिनट पर शुरू होगी
शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि समापन- 17 अक्टूबर शाम 4 . 50 मिनट पर खत्म होगी
इस दिन सर्वार्थसिद्धि योग - 06:25 AM से 04:20 PM तक रहेगा
अमृत काल - 03:03 PMसे – 04:28 PM
ब्रह्म मुहूर्त - 04:52 AM से 05:40 AM
सर्वार्थसिद्धि योग - Oct 17 06:28 AM - Oct 17 04:20 PM
सर्वार्थसिद्धि योग - Oct 15 10:08 PM - Oct 16 06:28 AM
शरद पूर्णिमा की पूजा विधि
शरद पूर्णिमा के दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नानादि कर पवित्र हो जाएं। शरद पूर्णिमा के दिन सफेद वस्त्र धारण करने चाहिए। इस दिन व्रत करने वाले को लक्ष्मीनारायण की उपासना करनी चाहिए। पूरा दिन नाम जप, भजन व ध्यान आदि में व्यतीत करने का प्रयास करें। संध्या के समय शरद पूर्णिमा कथा का श्रवण करें। मां लक्ष्मी के श्री यंत्र का दर्शन करें। लक्ष्मी नारायण की पूजा करें। इस दिन खीर बनाकर चन्द्रमा की रोशनी में लगभग 4 घण्टे के लिए रखें। खीर किसी पात्र में डालकर ऐसे स्थान पर रखें जहां चांदनी आती हो। चाहें तो खीर को सफेद झीने वस्त्र से धककर भी रख सकते है। खीर को चांदनी से हटाने के बाद श्री लक्ष्मीनारायण को उसका भोग लगाएं। भोग लगी खीर को प्रसाद रूप में बांटें व खाएं।