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Shardiya Navratri 2023: नौ दिनों तक इन कामों से बना लें परहेज, वरना मां दुर्गा होगी नाराज, जानिए नियम

Shardiya Navratri Rule: 15 अक्टूबर को नवरात्रि की शुरू होनी वाली है।इस दिन से नौ दिन तक कुछ बातों को परहेज करके मां दुर्गा की भक्ति की जाती है। जानिए नियम...

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 15 Oct 2023 7:34 AM IST (Updated on: 15 Oct 2023 7:34 AM IST)
Navratri 2023
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Navratri 2023 (Image Credit-Social Media)

Shardiya Navratri Rule: शारदीय नवरात्रि से यानी 15 अक्टूबर से शुरू है। इस बार नवरात्रि 8 दिनों की है। नवरात्रि एक ऐसा पर्व है जो साल में दो बार आता है। मां को प्रसन्न करने के लिए लोग तरह-तरह के उपाए करते हैं। लेकिन गलती से कभी-कभी कुछ ऐसा हो जाता है जिससे माता नाराज हो सकती हैं। इसलिए भूलकर भी ऐसे कामों को नहीं करने चाहिए जिससे माता रूष्ट हों।

इस दौरान कुछ नियमों का पालन करने के लिए कहा गया है। जिनका ध्यान रखना बेहद जरूरी है। आओ जानते हैं कि नवरात्रि में कौनसी गलतियां नहीं करना चाहिए।ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि में माता के सभी रूपों की विधि-विधान से पूजा अर्चना करने से माता जातक को सुख समृद्धि के साथ यश और वैभव भी प्रदान करती हैं।

नवरात्रि में नहीं करें ये काम

नवरात्रि में न दुखाएं कन्याओं का दिल-भारतीय संस्कृति में कन्याओं को मां दुर्गा का ही स्वरूप माना गया है। यही कारण है कि नवरात्रि में कन्या पूजन करते हैं। और कन्या पूजन के बाद नौं दिन का व्रत खोलते हैं। ऐसी मान्यता है कि नवरातों के दौरान किसी भी कन्या या महिला के प्रति असम्मान की भावना अपने मन में न लाएं। क्योंकि किसी भी कन्या का अपमान होने पर मां दुर्गा नाराज हो सकती हैं।

नवरात्रि में घर खाली न छोड़ें-कहा जाता है कि नवरात्रि के दिनों में घर को छोड़ कर कहीं न जाएं। और अगर आपने घर में कलश की स्थापना की है या अखंड ज्योति जला रखी है तो बिलकुल भी घर को अकेला न छोड़े।

नवरात्रि में कलह क्लेश से बचें- हमेशा ही घर में शांति का माहौल होना चाहिए, लेकिन नवरात्रों में तो विशेषकर आपको घर के कलह क्लेश से बचना ही चाहिए। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि अगर घर में माता की पूजा अर्चना विधि विधान से होती है तो उस जगह माता का वास होता है। इसलिए नौं दिनों में इन चीजों से बचें। कलह से व्रत करने वाले की आत्मा को दुख पहुंचता है जिससे देवी मां रुष्ठ हो सकती हैं।

नवरात्रि में धार्मिक बातों में मन लगाएं- नवरात्रि के नौ दिनों तक अपना समय बेकार की बातों में न लगाकर धार्मिक ग्रंथों का अध्यन करना चाहिए। साथ ही आप भी इस बात ध्यान रखें की आपके पूूजा पाठ से आपके बच्चे, पति या घर का कोई सदस्य प्रभावित तो नहीं हो रहे हैं। पूजा पाठ के साथ घर का ध्यान रखना भी जरूरी है।

नवरात्रि में लहसुन प्याज का सेवन न करें-नवरात्रि के पावन दिनों में सात्विकत भोजन ग्रहण करना चाहिए। जिससे आपका मन शांत रहता है। नवरात्रि के नौ दिनों तक पूर्ण सात्विक आहार लें।

नवरात्रि में काम वासना पर काबू- नवरात्रि के दिनों में काम वासना पर नियंत्रण रखना बहुत आवश्यक हैं। इन दिनो में महिलाओं और पुरुष दोनो ब्रह्मचर्य का पालन करें। नौं दिन माता की पूजा साफ मन और श्रद्धा भक्ति के साथ करें। तभी माता प्रसन्न रहती हैं।

नवरात्रि में दिन में सोने से बचें-नवरात्रि में दिन के समय नहीं सोना चाहिए। आप चाहें तो खाली समय में माता के मंत्रों का जाप कर सकती हैं। भजन व कीर्तन भी आयोजित कर सकती हैं जिससे घर में सुख समृद्धि बनी रहती है।

नवरात्रि में चमड़े का प्रयोग ना करें-नवरात्रि में चमड़े से बनी किसी भी चीज का प्रयोग न करें।पूजा करते समय धूपबत्ती का प्रयोग करें। अगरबत्ती का प्रयोग न करें क्योंकि अगरबत्ती बांस और केमिकल से बनती है।

नवरात्रि में घर खाली छोड़कर ना जाएँ ,खंडित मूर्ति का प्रयोग ना करें-मां दुर्गा की पूजा करते समय उनकी पुरानी या खंडित मूर्ति का प्रयोग न करें।अगर घर में अखंड ज्योति जलाई गई है तो इन दिनों घर खाली छोड़कर नहीं जाएं।

नवरात्रि में दिन में सोने से बचें-नवरात्रि के दौरान व्रत करने वालों को दिन में नहीं सोना चाहिए।नवरात्रि का व्रत करने वालों को नाखून, दाढ़ी, मूंछें और बाल नहीं काटने चाहिए।पूजा करते समय जब आरती की जाए तो खंड-खंड में न करें और एक बार में ही करें।व्रत करने वाले व्यक्ति को साफ कपड़े पहनने चाहिए।नवरात्रि के दिनों में कलह करने व झूठ बोलने से बचना चाहिए।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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