Shiv Chalisha Ke Fayde: रोज पढ़ें शिव चालीसा, बरसेगी शिवजी की अपरंपार कृपा, जानिए नियम, महिमा और विधि

Shiv Chalisha Ke Fayde शिव चालीसा के फायदे: सावन में या किसी भी दिन शिव की महिमा का गान करने के लिए शिव चालीसा का पाठ करना शिव की निकटता पाने का सबसे सरल मार्ग है...

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 6 Aug 2024 3:37 AM GMT
Shiv Chalisha Ke Fayde: रोज पढ़ें शिव चालीसा, बरसेगी शिवजी की अपरंपार कृपा, जानिए नियम, महिमा और विधि
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Shiv Chalisha Ke Fayde शिव चालीसा के फायदे: सावन का मास चल रहा है। इस माह में शिव की पूजा स्तुति और ध्यान का महत्व है। शिव की कृपा पाने के लिए सबसे सरल मार्ग है शिव चालीसा का पाठ। शिव चालीसा में 40 छंद होते हैं जिसके कारण इसे चालीसा कहा जाता है। इसकी भाषा सरल होती है, इसलिए इसे हर व्यक्ति आसानी से पढ़ लेता है। शिव चालीसा में भोलेनाथ की महिमा का बखान है। कहते हैं कि शिव चालीसा के नित्य जाप से भय और कष्टों से मुक्ति मिलती है।

बता दें कि शिव चालीसा को शिव पुराण से लिया गया है और शिव पुराण के रचयिता महर्षि वेद व्यास हैं।जिनमें भगवान भोलेनाथ की स्तुतिगान है। कहते हैं इसे चालीस बार लगातार पाठ करने से भगवान शिव जी को प्रसन्न कर सकते है।मान्यताओ के अनुसार जो भी भक्त पूरी श्रद्धा के साथ शिव चालीसा का पाठ करता है उसकी सम्पूर्ण इच्छा पूरी होती है। जीवन में सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। शिव चालीसा का पाठ करने के लिए कुछ विशेष नियम का पालन करना जरुरी होता है।

शिव चालीसा के नियम

शिव चालीसा पाठ के नियम एवं विधि क्या है। भोलेनाथ का नाम लेकर व्यक्ति अपने सभी दुखों से मुक्त हो सकता है। लेकिन शिव चालीसा का पाठ कर शिव जी के गुणगान से विशेष लाभ प्राप्त किये जा सकते हैं।शिव चालीसा का जाप यूँ तो हर व्यक्ति पर प्रभाव करता है लेकिन विशेष लाभ के लिए इसका पाठ यदि शिव चालीसा पाठ के नियम से किया जाय तो इससे शिव जी को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। शिव चालीसा पाठ को जितनी शुद्धता से किया जाएगा तो उतना ही फल अच्छा एवं जल्दी मिलेगा।

सुबह जल्दी उठकर स्नान करके और साफ कपड़े पहना चाहिए। पूजा करते समय मुंह उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार शिव चालीसा 3, 5, 11 या फिर 40 बार पाठ करना चाहिये I विशे, मनोरथ के लिएएक दिन में शिव चालीसा का 11 बार पाठ करें। मान्यता है कि लगातार 40 दिन तक शिव चालीसा पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

शिवजी की पूजा में सफेद चंदन, चावल, कलावा, धूप-दीपक, फूल माला और शुद्ध मिश्री को प्रसाद लेकर शिव प्रतिमा के सामने रख दे।पाठ शुरु करने से पहले गाय के घी का दीपक जलाएं और कलश में शुद्ध पानी भरकर रखें। चालीसा का पाठ पूरा हो जाने पर कलश का पानी सारे घर में छिड़क दें।

शिव चालीसा पाठ करने की विधि क्या है

सबसे पहले सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर साफ़ कपड़े पहनना चाहिए ।

अब एक साफ़ आसान बिछाकर पूर्व दिशा की तरफ मुँह करके बैठ जाये ।

अब सबसे पहले शिव जी की प्रतिमा के सामने धूप दीपक जलाए।

पांच सफ़ेद पुष्प लेकर श्रद्धा भाव से शिव जी आराधना करें।

चालीसा जाप से पहले एक तांबे के पात्र में जल डालकर रख ले।

शिव जी के पास में गाय के घी का दीया जलाना लाभदायक माना जाता है।

शिव चालीसा का पाठ हमेशा बोलकर साफ़ शब्दों में करने से लाभ प्राप्त होता है।

शिव जी को प्रसन्न करने वाले इस चालीसा का पाठ शुरू करने पर कम से कम तीन बार लगातार अवश्य करना चाहिए।

यदि आप शिव प्रतिमा के सामने बेटकर चालीसा का जाप कर रहे हैं शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाना ना भूलें।

चालीसा का पाठ पूरा करने पर पात्र में रखें जल को घर में छिड़काव करें और स्वयं भी ग्रहण करें लें। शिव चालीसा का पाठ करने के दौरान बरतें ये सावधानी शिव जी अपने भक्तों की भक्ति से जितनी जल्दी प्रसन्न होते हैं उतनी ही जल्दी उन्हें क्रोध भी आता है। इसलिए शिव चालीसा या शिव जी की पूजा के समय ख़ास सावधानी बरतना बेहद आवश्यक माना जाता है। भगवान शिव चालीसा पाठ करने की विधि यदि श्रद्धा पूर्वक शुद्धता से किया जाता है तो भक्तो को मन वांछित परिणाम मिलेंगे। भगवान शिव को धतूरा, बेल पत्र, शमी, मदार का पुष्प, दूध आदि बहुत पसंद हैं। भगवान शिवजी की सच्ची श्रद्धा से आराधना करने वालों पर विशेष कृपा बनी रहती है। शिवजी की भक्ति के लिए सोमवार विशेष फलदायी होता है।


Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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