TRENDING TAGS :
Shiv Panchakshar Mantra Benefits:महाशिवरात्रि पर करें पंचाक्षर मंत्र के साथ इन मंत्रों का जाप, जानिए महत्व और लाभ
Shiv Panchakshar Mantra Benefits: शिव जी की पूजा से हर समस्या का हल होता है।इस दिन षोड्शोचार विधि से पूजा के साथ मंत्रों का जाप करने से हर इच्छा की पूर्ति होती है। खासकर कर शिवरात्रि के दिन पंचाक्षर मंत्र के साथ इन मंत्रों का जाप करने महादेव जल्द प्रसन्न होते है...
Panchakshar Mantra Kya Hai:महाशिवरात्रि हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष यह पर्व 26 फरवरी को मनाया जाएगा। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का प्रतीक माना जाता है। शिव भक्त इस दिन विशेष पूजा, व्रत और रात्रि जागरण कर भोलेनाथ की उपासना करते हैं।
पंचाक्षर मंत्र क्या होता है
‘ॐ नमः शिवाय’ को पंचाक्षर मंत्र कहा जाता है क्योंकि इसमें पाँच अक्षर (न, म, शि, व, य) होते हैं। यह भगवान शिव का सबसे पवित्र और शक्तिशाली मंत्र माना जाता है। इस मंत्र का नियमित जाप करने से मानसिक शांति मिलती है। नकारात्मकता दूर होती है,सुख-समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है,शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है। शिव पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ सोमवार के दिन और महाशिवरात्रि के दिन करना शुभ माना जाता है. साथ ही, कुंडली में कालसर्प दोष होने पर भी इस स्तोत्र का पाठ करना चाहिए.
शिव पंचाक्षर स्तोत्र का महत्वमहान संत आदि शंकराचार्य ने ‘शिव पंचाक्षर स्तोत्र’ की रचना की थी, जिसमें इस मंत्र की महिमा का वर्णन है। महाशिवरात्रि पर इस स्तोत्र का पाठ करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में किसी चीज की कमी नहीं रहती।
शिव पंचाक्षर स्तोत्रम् का मतलब
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नम:शिवाय॥॥
जो नागों की माला धारण करते हैं, तीन नेत्रों वाले हैं, भस्म लगाए रहते हैं और हमेशा शुद्ध, दिव्य व दिगंबर स्वरूप में रहते हैं—उन भगवान शिव को ‘न’ अक्षर से नमस्कार है।
मंदाकिनीसलिलचन्दनचर्चिताय नन्दीश्वरप्रमथनाथ महेश्वराय।
मण्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजिताय तस्मै मकाराय नम:शिवाय॥॥
जो मंदाकिनी (गंगा) के जल और चंदन से सुशोभित हैं, नंदी के स्वामी हैं, और दिव्य पुष्पों से पूजित होते हैं—उन भगवान शिव को ‘म’ अक्षर से प्रणाम है।
शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्दसूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय।
श्रीनीलकण्ठाय बृषध्वजाय तस्मै शिकाराय नम:शिवाय॥॥
जो माता पार्वती के मुखकमल के सूर्य स्वरूप हैं, दक्ष के यज्ञ को नष्ट करने वाले हैं, और नीलकंठ के रूप में प्रसिद्ध हैं—उन भगवान शिव को ‘शि’ अक्षर से नमन है।
वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्यमुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय।
चन्द्रार्कवैश्वानरलोचनाय तस्मै वकाराय नम:शिवाय॥॥
जो वसिष्ठ, अगस्त्य, गौतम ऋषि और देवताओं द्वारा पूजित हैं, जिनके सिर पर चंद्रमा और सूर्य शोभायमान हैं—उन भगवान शिव को ‘व’ अक्षर से वंदन है।
यक्षस्वरूपाय जटाधराय पिनाकहस्ताय सनातनाय।
दिव्याय देवाय दिगम्बराय तस्मै यकाराय नम:शिवाय॥॥
जो यक्षों के स्वरूप में विराजमान हैं, जटा धारण करते हैं, त्रिशूल रखते हैं और सनातन देवता हैं—उन भगवान शिव को ‘य’ अक्षर से प्रणाम है।
पञ्चाक्षरिमदं पुण्यं य: पठेच्छिवसन्निधौ।
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते॥॥
जो व्यक्ति इस पवित्र पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ भगवान शिव के समीप करता है, वह शिवलोक को प्राप्त करता है और शिव के साथ आनंदित होता है। महाशिवरात्रि पर इस मंत्र और स्तोत्र का जाप करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और सभी बाधाएँ दूर होती हैं।
शिव जी की उपासना करने से साधक के जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। वहीं, धार्मिक ग्रंथों में सोमवार का दिन भगवान शिव की आराधना के लिए समर्पित माना गया है। महामृत्युंजय मंत्र समेत शिव जी के कई ऐसे मंत्र हैं जो व्यक्ति को कई तरह के लाभ पहुंचा सकते हैं।जानते हैं कि रोजाना किन मंत्रों के जाप से शिव जी की कृपा प्राप्त की जा सकती है।
महाशिवरात्रि पर पढें ये मंत्र
ॐ नमः शिवाय
यह मंत्र सरल और प्रभावशाली है। यदि कोई रोजाना इस मंत्र का जाप करता है तो उसे आरोग्य की प्राप्ति हो सकती है।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
महामृत्युंजय मंत्र रोजाना इस मंत्र का जप करने से व्यक्ति की अकाल मृत्यु का भय टाला जा सकता है।
ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः
इस रूद्र मंत्र का जाप करने से व्यक्ति की हर इच्छा पूरी हो सकती है।
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
शिव जी का बहुत ही प्रभावशाली मंत्र है। इससे आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है।
ऊं पषुप्ताय नमः
इस प्रभावशाली मंत्र का जाप करने से शिवजी की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है।