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Shiv Bhakt: शिव भक्त भील कुमार

Shiv Bhakt: एक दिन ब्राह्मण जब मन्दिर गया तो उसने देखा भगवान शिव भील से बात कर रहे हैं।

Kanchan Singh
Published on: 18 Aug 2024 9:09 PM IST
Shiv Bhakt: (  Pic- Social- Media)
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Shiv Bhakt (  Pic- Social- Media)

Shiv Bhakt: एक पर्वत पर शिव जी का एक सुंदर मन्दिर था। यहाँ बहुत से लोग शिव जी की पूजा के लिए आते थे। उनमें दो भक्त एक ब्राह्मण और दूसरा एक भील, नित्य आने वालों में थे।ब्राह्मण प्रतिदिन शिव जी का दूध से अभिषेक करता, उन पर फूल,पत्तियां चढ़ाता, गूगल जलाता और चंदन का लेप करता।भील के पास तो ये सब वस्तुए नही थी, सो वह हाथी के मदजल से शिव जी का अभिषेक करता, उन पर जंगल की फूल पत्तियां चढ़ाता और भक्ति भाव से शिव जी को रिझाने को नृत्य करता।एक दिन ब्राह्मण जब मन्दिर गया तो उसने देखा भगवान शिव भील से बात कर रहे हैं।

ब्राह्मण को यह अच्छा नही लगा और तुरंत भगवान शिव से बोला - भगवन क्या आप मुझ से असंतुष्ट है ?मै ऊंचे कुल में पैदा हुआ हूं तथा बहुमूल्य पदार्थो से आपकी पूजा करता हूं।जबकि यह भील नीच कुल से है और अपवित्र पदार्थों से आपकी उपासना करता है !शिव जी ने कहा - ब्राह्मण तुम ठीक कहते हो, किन्तु इस भील का जितना स्नेह मुझ पर है उतना तुम्हारा नही।एक दिन शिव जी ने अपनी एक आंख गिरा दी।ब्राह्मण नियत समय पर पूजा करने आया। उसने देखा शिव जी की एक आंख नही है। पूजा करके वह अपने घर लौट आया।

उसके बाद भील आया,उसने देखा भगवान शिव की एक आंख नही है। वो तुरंत अपनी आंख निकालने का प्रयास करने लगा।तभी ब्राह्मण मन्दिर में पहुँच गया।भील को ऐसा करते देख तुरंत भगवान शिव के चरणों मे लेट गया और भगवान शिव से कहने लगा - प्रभु ! आपका यही सच्चा भक्त हैं इसे रोको,ये नेत्रहीन हो जाएगा।भगवान शिव बोले - तुमने ऐसा सोचा भी नही, इसलिए मैं कहता हूं कि भील ही मेरा सच्चा भक्त हैं।भगवान शिव की कृपा से भील नेत्रहीन होने से भी बच गया और ब्राह्मण के अहंकार के नेत्र भी खुल गए।ईश्वर केवल भावना के भूखे है. भावना शुद्ध होगी तो परमात्मा उनके पीछे पीछे आ जाएंगे।

( लेखिका प्रख्यात ज्योतिषाचार्य हैं ।)



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Shalini Rai

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