×

शिवरात्रि का जलाभिषेक आज कब करें (Shivratri Jalabhishek Today ): इस समय शिवलिंग पर चढ़ाना रहेगा शुभ, शिवजी मनोरथ करेंगे पूर्ण

Shivaratri Ka Jalabhishek Kab Kare:शिव सावन और शिवरात्रि की तिथि का गहरा संबंध है। ये सब भगवान शंकर को अतिप्रिय है। इस दिन सच्चे मन से और भक्ति भाव से शिव की पूजा की जाये तो भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। इस दिन भगवान शिव का मां पार्वती का विवाह हुआ था । ऎसे में शिवरात्रि का दिन शुभता एवं पवित्रता को दर्शाता है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 26 July 2022 8:13 AM IST
Shivratri Ka Jalabhishek Aaj Kab Kare
X

सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

Shivratri Ka Jalabhishek Aaj Kab Kare

शिवरात्रि का जलाभिषेक कब करें

14 जुलाई 2022 से सावन ( Sawan) की शुरुआत और शिवलिंग ( shivaling) पर जलाभिषेक होने लगा है। वैसे तो पूरा माह शिव की आराधना के लिए खास है, लेेकिन इस माह की खास तिथियों पर जलाभिषेक का खास महत्व है। जैसे सावन के सोमवार , प्रदोष शिवरात्रि, अमावस्या ये तिथियां शिव को अतिप्रिय है। जब शिवलिंग पर जल चढ़ेगा तो विशेष मनोरथ पूर्ण होते हैं। वैसे तो शिव को जल चढ़ाने के लिए सबसे अच्छा और शुभ समय दोपहर के बाद होता है। शिव की पूजा करने के लिए प्रदोष काल , निशित काल, रात्रि के प्रहर को सबसे शुभ माना जाता है। कहते हैं शिव निरंकारी परब्रह्म और रात्रिचर है। जो भी भक्त इन समयों में शिव की पूजा-अर्चना और जलाभिषेक करता हैं । उसकी हर मनोकामना पूरी होती है।

शिव सावन और शिवरात्रि की तिथि का गहरा संबंध है। ये सब भगवान शंकर को अतिप्रिय है। इस दिन सच्चे मन से और भक्ति भाव से शिव की पूजा की जाये तो भगवान शिव अतिशीघ्र प्रसन्न होते हैं। इसके पीछे मान्यता है कि कृष्ण पक्ष की शिवरात्रि जिसमें चतुर्दशी तिथि भी होती है को व्रत रखा जाता है। पौराणिक कथा अनुसार महाशिवरात्रि के दिन मध्य रात्रि में भगवान शिव लिङ्ग के रूप में प्रकट हुए थे। साथ ही इस दिन भगवान शिव का पार्वती जी के साथ विवाह हुआ था । ऎसे में शिवरात्रि का दिन शुभता एवं पवित्रता को दर्शाता है।


सावन शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त

सावन की शिवरात्रि 26 जुलाई को मनाई जाएगी। इस दिन मंगलवार है आद्रा - और पुनर्वसु नक्षत्र और हर्षण योग में त्रयोदशी की पूजा होगी। साथ में चंद्रमा मिथुन राशि में रहेंगे। पूजा के लिए शुभ मुहूर्त श्रावण चतुर्दशी की तिथि 26 -27 जुलाई को त्रयोदशी 06:46 PM तक उसके बाद चतुर्दशी तक रहेगी। इसलिए सावन की शिवरात्रि 26 जुलाई को ही मनाई जाएगी।

  • सुबह का शुभ समय 05:40 से 08:25 तक
  • शाम का शुभ समय 19:28 से 21:30 तक
  • शाम 21:30 से 23:33 तक (निशीथकाल समय)
  • रात्रि 23:43 से 24:10 तक (महानिशिथकाल समय)
  • अभिजीत मुहूर्त - 12:07 PM से 12:59 PM
  • अमृत काल –04:53 PM से 06:41 PM
  • ब्रह्म मुहूर्त – 04:22 AM से 05:10 AM
  • विजय मुहूर्त- 02:18 PM से 03:12 PM
  • गोधूलि बेला-06:33 PM से 06:57 PM
  • निशिता काल- 11:43 PM से 12:26 AM, July 27
  • शिवरात्रि व्रत पारण मुहूर्त – 27 जुलाई 2022 की सुबह 05 बजकर 41 मिनट से – दोपहर 3 बजकर 52 मिनट तक।
  • शिवरात्रि तिथि- 26 जुलाई को 06:28 से 27 जुलाई को 07:11
  • जलाभिषेक का समय व् जल चढाने का शुभ समय - सुबह का शुभ समय 05:40 से 08:25 तक सावन में शिवलिंग पर जलाभिषेक का सबसे उत्तम समय है
  • शिवरात्रि के दिन जलाभिषेक कब करें

निशिता काल-11:43 PM से 12:26 AM, तक जलाभिषेक करें।

शाम- 06:38 PM से 07:44 PM तक

सुबह- 04:26 AM से 05:32 AM

  • सावन मास में जलाभिषेक

सामान्यत: पूरे मास इस समय शिव का जलाभिषेक किया जा सकता है।

  • सुबह: 04:35 से 08:45 तक
  • शाम 19:28 से 21:30 तक
  • शाम 21:30 से 23:33 तक (निशीथकाल समय)
  • रात्रि 23:26 से 24:05 तक (महानिशिथकाल समय)

शिवरात्रि के साथ पूरे सावन मास में जलाभिषेक सुबह के समय जल्दी उठ कर स्नान करना चाहिए। हो सके तो पवित्र नदियों में स्नान का बहुत महत्व है, लेकिन बहुत हद तक यह संभव नहीं है। इसलिए इस दिन घर पर ही गंगाजल डालकर स्नान कर लेने से भी शिव के कृपा पात्र बनेंगे। उसके बाद षोड्सोचार विधि से मोली, धूप, दीप,जनेऊ, चंदन अक्षत बताशा से पूजन करना चाहिए। शिव चालीसा शिवमंत्रों का जाप करने के साथ व्रत रखने का विधान है।शिव चालीसा का पाठ करें और शिवाष्टक के पाठ को भी पढ़ना चाहिए।सावन शिवरात्रि का व्रत करने से शांति, सुरक्षा, सौभाग्य की प्राप्ति होती है. रोग दूर होते हैं, आरोग्य की प्राप्ति होती है।इससे भोले बाबा जल्दी प्रसन्न होते हैं।



Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

Next Story