TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Significance of Shradh Puja: श्राद्ध पक्ष में क्या आप भी करते हैं घर में पूजा-पाठ, तो जान लें अच्छा है या पड़ेगा बुरा प्रभाव

Significance of Shradh Puja: 15 दिन का श्राद्ध शुरू हो गया है इस दौरान पूर्वजों की सेवा करने का विधान है। लेकिन क्या इस दौरान नित्य पूजा कर्म करने चाहिए कि नहीं जानते है...

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 21 Sept 2024 10:16 AM IST
Significance of Shradh Puja: श्राद्ध पक्ष में क्या आप भी करते हैं घर में पूजा-पाठ, तो जान लें अच्छा है या पड़ेगा बुरा प्रभाव
X

Shradh Paksha Me Puja Karna Chahiye Ki Nahi:श्राद्ध पक्ष का समय पूर्वजों को समर्पित होता है। इस दौरान श्राद्ध और तर्पण के माध्यम से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार,श्राद्धपक्ष में मुख्य रूप से पितरों की पूजा और उनके लिए विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं।

मान्यता है कि श्राद्धपक्ष के दौरान यह समय पितरों को समर्पित होता है। हालांकि, सामान्य रूप से दैनिक पूजा जारी रखी जा सकती है, लेकिन विशेष उत्सव, मांगलिक कार्य और देवी-देवताओं की विशेष पूजा नहीं करनी चाहिए। श्राद्ध पक्ष में देवी-देवताओं की पूजा की परंपरा को लेकर विभिन्न क्षेत्रों और परिवारों में अलग-अलग मान्यताएँ हो सकती हैं। इसलिए, इसका पालन स्थानीय रीति-रिवाजों और परंपराओं के आधार पर किया जाना चाहिए।

भाद्रपद माह के पूर्णिमा तिथि से लेकर अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि तक पितृपक्ष चलता हैं। पितृपक्ष की शुरुआत आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि से हो चुकी है और इसकी समाप्ति आश्विन माह की अमावस्या को होगी। पितृपक्ष में श्राद्ध न केवल पितरों की मुक्ति के लिए किया जाता है, बल्कि उनके प्रति अपना सम्मान प्रकट करने के लिए भी किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार पितृपक्ष में सभी प्रकार के मांगलिक व शुभ कार्य वर्जित होते हैं। शास्त्रों में देवी-देवताओं की पूजा के साथ पूर्वजों की पूजा भी वर्जित मानी जाती है। ऐसे में सबके मन में एक सवाल कौंधता है कि पितृपक्ष में देवी-देवताओं की पूजा करनी चाहिए या नहीं।

श्राद्ध के दौरान देवी-देवता की पूजा करना चाहिए या नहीं

शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष के दौरान पितर पृथ्वी पर वास करते हैं। ऐसे में इस दौरान पितरों की पूजा करना चाहिए। लेकिन साथ ही इस दौरान हर दिन की पूजा करना नहीं छोड़ना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार पितर पक्ष में प्रतिदिन की तरह ही पूजा करनी चाहिए। लेकिन इस दौरान हमें देवी-देवता की पूजा करनी चाहिए। क्योंकि वो सर्वोपरि है।ये भी ध्यान रखें कि पितृ की तस्वीर घर के मंदिर में न रखें। इसलिएहर दिन नियम से स्नान पूजा भोग लगाएं।

श्राद्ध के दौरान इन बातों का ध्यान रखें

यदि आपके घर में आपके पितरों की तस्वीर है तो उनको लेकर पितृपक्ष में ही नहीं बल्कि भविष्य में भी कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।

घर के मंदिर में कभी भी देवी-देवताओं की तस्वीर के साथ पूर्वजों या दिवगंत परिजनों की तस्वीर न लगाएं। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार पितरों की तस्वीर का मुख हमेशा घर में दक्षिण दिशा की तरफ रखें। वास्तु शास्त्र की मानें तो घर में पितरों की एक से अधिक तस्वीर नहीं होनी चाहिए।

इस बात का ध्यान रखें कि देवी देवताओं की पूजा के बिना पितृपक्ष में श्राद्ध, पिंडदान इत्यादि का फल नहीं मिलता है। इसीलिए पितृपक्ष के दौरान प्रातः काल स्नान करने के बाद नित्य की तरह ही देवी-देवता की पूजा करनी चाहिए।

श्राद्धपक्ष में पितृ दोष दूर करने के उपाय

पितृ दोष दूर करने के लिए पीपल के पेड़ जल चढाये। अमावस्या के दिन पीपल में जल से साथ-साथ ही फूल, अक्षत, दूध और काले तिल भी चढ़ाएं। पितृ दोष दूर करने के लिए पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण-श्राद्ध और पिंडदान करें। दक्षिण दिशा में पितरों की तस्वीर लगाकर रोज उनको प्रणाम करने से पितृ दोष से राहत मिलती है।



\
Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

Next Story