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Sindoor Astrology In Hindi : सिंदूर क्यों जरूरी है हर सुहागन के लिए, जानिए दिन, महत्व-लगाने का समय और इससे होने वाले चमत्कारी फायदे

Sindoor Astrology In Hindi : शादी के बाद सुहाग का प्रतीक सिंदूर है हर सुहागनन महिला के लिए बहुत खास। जो माथे के बीच में लगकर न सिर्फ सुंदरता को बढ़ाता है, बल्कि कई तरह दोषों के निवारण में भी काम आता है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 4 Aug 2022 6:32 AM GMT (Updated on: 5 Aug 2022 6:29 AM GMT)
Sindoor Astrology In Hindi
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सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

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सिंदूर का ज्योतिषशास्त्र में महत्व

हिंदू धर्म में शादी के बाद महिलाएं सिंदूर लगाती है। जो हर विवाहित महिला के लिए बेहद जरूरी होता है। क्योंकि सिंदूर सुहाग का प्रतीक होता है। हिंदू शादियां तभी संपन्न होती है जब दूल्हा दुल्हन की मांग में सिंदूर लगाता है। बता दें कि विवाह के बाद महिलाएं सिंदूर लगाती है और सिंदूर सुहागिनों महिलाओं का मुख्य श्रृंगार है। वैवाहिक जीवन की समस्याओं का समाधान भी सिंदूर में है। अगर आप भी सही तरीके से सिंदूर लगाती है तो कई चीजों का हल मिल जाएगा।

सिंदूर, जिसे कुमकुम भी कहा जाता है, शादी में पति द्वारा लगाया जाता है, फिर महिलाओं अपने जीवन में उनकी उपस्थिति के संकेत चिह्न के लिए हर दिन लगाती है।आपका सुहाग सलामत रहें और आप सिंदूर से जुड़ी इन बातों को नहीं जानते हैं तो आपको बता रहे है सिंदूर लगाने के कुछ नियम...

सिंदूर के प्रकार

सिंदूर मुख्यत : दो प्रकार के होते हैं, लाल और नारंगी। पीला सिंदूर देवी-देवताओं और पूजा के काम के साथ महिलाओं को लगाने मे ंभी इस्तेमाल होता है। लाल सिंदूर अधिकतर महिलाओं की पहली पसंद होती है।

सिंदूर कब लगाएं

मान्यता के अनुसार मां पार्वती भगवान शिव के लिए सिंदूर लगाती हैं। इसलिए मां को सिंदूर चढ़ाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि सुहागिन महिलाओं को पूजा पाठ के दौरान मांग में सिंदूर लगाना चाहिए।

हिंदू धर्म के अनुसार महिलाओं को रविवार, सोमवार और शुक्रवार को बाल धोलकर सिंदूर लगाना चाहिए। जी हाँ और सिंदूर लगााने से पहले मां गौरी को सिंदूर जरूर चढ़ाए। ऐसा भी माना जाता है कि मां गौरा को चढ़ाया हुआ सिंदूर लगाने से अखंड सौभग्य का वरदान मिलता है।

पति की लंबी की उम्र के लिए महिलाएं कई तरह के व्रत करती हैं जैसे करवा चौथ, वट सावित्री पूज और तीज। ऐसे में इन व्रत के दौरान सिंदूर जरूर लगाना चाहिए। यह व्रत सुहागिन महिलाएं के लिए बेहद शुभ माने जाते हैं।

पीरियड में सिंदूर लगाना चाहिए कि नहीं?

हिंदू मान्यता के अनुसार पीरियड्स के दौरान महिलाओं को सिंदूर नहीं लगाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि शास्त्रों में सिंदूर को बेहद शुभ माना जाता है। इसी के साथ पीरियड्स के दौरान महिला को अशुद्ध माना जाता है और इसी वजह से इस दौरान सिंदूर लगाने की मनाही होती है।


सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

सिंदूर गिरने का मतलब क्या ?

सिंदूर गिरने के बारे में कहते हैं कि यह एक अशुभ घटना है और यह पति की उम्र को लेकर परेशानी का संकेत होता है। इसलिए महिलाएं सिंदूर को बहुत संभालकर रखती हैं और उसे कभी ज़मीन पर गिरने नहीं देतीं। पूजा करते समय सिंदूर की डिब्बी हाथ से गिर जाए , तो समझ लें कि आने वाले समय में परिवार या फिर पति के ऊपर कोई संकट आने वाला है। लेकिन अगर आपके नाक या माथे पर सिंदूर गिरे तो वो शुभ होता है उसे पोछना नहीं चाहिए। कहते है कि नाक सिंदूर गिरने से आपका साथी खूब प्यार करता है।

सिंदूर कब नहीं लगाएं

सौभाग्य का प्रतीक सिंदूर महिलाओं को सीधी मांग में लगानाा चाहिए और अपने लगे सिंदूर को कभी छुपाना नहीं चाहिए। इससे रिश्तों में कड़वाहट पैदा होती है। नहाने के तुरंद बाद किसी भी सुहागन को सिंदूर नहीं लगाना चाहिए, इससे परिवार में आर्थिक संकट आता है। साथी सिंदूर अपना होना चाहिए, कभी किसी दूसरी महिला का सिंदूर नहीं लगाना चाहिए, ऐसा धर्मानुसार अनुचित है। साथ ही सिंदूर कभी भी उधार नहीं लेना चाहिए। महिलाओं को हमेशा बीच मांग में सिंदूर लगाने से पति की आयु लंबी होती है।

सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

सिंदूर से हर रोग-दोष का निवारण

  • मंगलवार हनुमान जी का दिन होता है। इस दिन भगवान हनुमान को सिंदूर चढ़ाया जाता है। वहीं हनुमान जी ब्रह्मचारी हैं इसलिए मंगलवार के दिन सिंदूर नहीं लगाना चाहिए। जिन लोगों का मांगलिक दोष है या मंगल के कारण विवाह में देरी और दाम्पत्य सुख में कमी है तो उन्हें शुक्लपक्ष के मंगलवार को हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाना चाहिए। यह काम नौ बार करना चाहिए। मंगलवार के दिन हनुमान जी के मंदिर में सिंदूर दान करना चाहिए।
  • अगर आपके पास पैसा नहीं है, या जरूरतें पूरी नहीं हो रही है तो एक नारियल लें उस पर सिंदूर चढ़ाकर उसे लाल कपड़ें में बांधकर मां लक्ष्मी को चढायें फिर उसे काम की जगह पर रखें।
  • अगर सूर्य अथवा मंगल की दशा या अंतर्दशा चल रही है तो सिंदूर को बहते हुए जल में प्रवाहित करने से संबंधित ग्रह का प्रभाव कम हो जाता है।
  • साक्षात्कार या प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए गणेश जी के मंदिर में गुरु-पुष्य योग या शुक्ल पक्ष के पुष्य योग में सिंदूर का दान करने से परिणाम शुभ आते है।
  • किसी भी बीमारी से मुक्ति के लिए सिंंदूर फायदेमंद है।इसे बीमार व्यक्ति के उपर से उतार कर बहते हुए जल में प्रवाहित करें तो लाभ मिलता है। नजर दोष से बचन के लिए भी मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी के चरणों से सिंदूर लेकर लगाने से लाभ मिलता है।
  • किसी भी तरह की बाधा या नकारात्मकता को दूर करने के लिए घर के दरवाजे पर सिंदूर लगी गणेश प्रतिमा लगाने से परेशानियां दूर होती है।
  • बिजनेस में बाधा, आय में कमी दूर करने के लिए पैसे के स्थान पर में सिंदूर से रखने से लाभ मिलता है।
Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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