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नागपंचमी पर नहीं करना चाहिए ऐसा काम, नहीं तो पुण्य की जगह होगा पाप

पूरे देश में आज नागपंचमी का त्योहार बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इस दिन का इंतजार जितने उत्साह से महिलाएं करती हैं, उससे ज्यादा सपेरों को इस दिन का इंतजार होता है। इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 23 July 2020 1:11 PM GMT
नागपंचमी पर नहीं करना चाहिए ऐसा काम, नहीं तो पुण्य की जगह होगा पाप
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लखनऊ: पूरे देश में आज नागपंचमी का त्योहार बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इस दिन का इंतजार जितने उत्साह से महिलाएं करती हैं, उससे ज्यादा सपेरों को इस दिन का इंतजार होता है। इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है। चूंकि यह दिन सांपों यानि की नागों को समर्पित है, इस वजह से देश भर में भगवान शिव के नामचीन मंदिरों में भव्य पूजा-अर्चना की जा रही है।

वहीं देश के मंदिर के बाहर सपेरे पिटारियों में सांप लेकर घूमते दिखाई दे जाते हैं। सभी शिव मंदिरों के बाहर सपेरों का डेरा लगा हुआ है और तमाम लोग अंधी आस्था के नाम पर सांपों को दूध पिला रहे हैं जो कि पूरी तरह से गलत है।

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क्या है नागपंचमी की अंधी मान्यता

कहते हैं कि नाग भोलेनाथ के गले का हार है। नागपंचमी नागों का दिन होता है। जो कोई भी इस दिन भगवान शंकर के गले के हार ‘नाग’ को दूध पिलाएगा, उससे भगवान शंकर खुश होंगे और उसकी मनोकामना पूरी करेंगे। महिलाएं भी इस दिन शिव मंदिरों में जमकर सापों को दूध पिलाने के लिए जाती हैं। पर सच्चाई तो यह है कि इससे भगवान शंकर खुश हो या नहीं हो लेकिन जाने-अनजाने में लोग सापों को दूध पिलाकर उनकी मौत का कारण बन जाते हैं।

जानिए क्यों है सांपों को दूध पिलाना गलत

देश भर में वन्य जीवों की रक्षा में कार्यरत ‘सेव ह्यूमेनिटी एंड नेचर’ फाउंडेशन के सेक्रेटरी का कहना है कि लोग अनजाने में आस्था के नाम पर सांपों की मौत का कारण बन रहे हैं। सांप दूध नहीं पीते हैं। वहीं शान फाउंडेशन के ही प्रेसिडेंट का कहना है कि सांप कभी दूध पीते ही नहीं हैं या तो उन्हें जबरदस्ती पिलाया जाता है या उन्हें भूखा रखकर।

त्योहारों पर दूध पीने वाले सांपों को सपेरे रखते हैं भूखा

शिवरात्रि से लेकर नागपंचमी पर दूध पीने वाले सापों के बारे में कहना है कि ज्यादातर सपेरे त्योहारों से करीब पंद्रह दिन पहले से ही सांपों को भूखा रखना शुरू कर देते हैं। ऐसे में जब भूखे जीव के सामने कुछ भी रखा जाएगा, तो वह वैसे भी खाने को दौड़ेगा। ऐसा ही सांपों के साथ होता है। 15 दिनों से भूखे सांपों के सामने लिक्विड पहुंचते ही वह दूध को पी लेते हैं और लोग समझते हैं कि सांप दूध पीते हैं।

दूध पीने के दो दिन बाद मर जाते हैं सांप

वन्य जीवों की रक्षा में कार्यरत बताए हैं कि भूख की वजह से सांप दूध को पीने के बजाय गटक तो जाते हैं लेकिन पचा नहीं पाते हैं। दूध पचा ना पाने के कारण दूध पीने के कुछ समय बाद ही उनके फेफड़े फट जाते हैं और उनकी मौत हो जाती है। ऐसे में अगर इन त्योहारों पर कोई भी इन बेजुबान सांपों को दूध पिलाता है, तो वह अनजाने में ही उनकी मौत का कारण बनते हैं।

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वह कहते हैं कि देश में सांपों के पकड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध होने के बावजूद आज भी तमाम सपेरे मंदिरों के बाहर सांपों के साथ घूमते दिखाई दे जाते हैं। अगर आप वाकई नागपंचमी पर पर सांपों से अपनी मनोकामना पूरी करवाना चाहते हैं, तो न ही खुद सांपों को दूध पिलाएं और न ही दूसरों को पिलाने दें इससे आप उन बेजुबानों की जान बचाकर पुण्य का काम भी कर सकेंगे।

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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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