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First Solar Eclipse 2022 : बस कुछ घंटों में लगेगा पहला सूर्य ग्रहण 2022, बरतें कुछ विशेष सावधानियां

First Solar Eclipse 2022 : आज का सूर्य ग्रहण देश और दुनिया में उथल-पुथल के साथ सकारात्मक और नकारात्मक बदलाव लेकर आ रहा है।भले ये ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, लेकिन इसका प्रभाव पड़ेगा। इस दौरान सभी को कुछ विशेष बातों का ख्याल रखना चाहिए।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 30 April 2022 2:48 AM GMT (Updated on: 30 April 2022 3:32 AM GMT)
First Solar Eclipse 2022
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सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

First Solar Eclipse 2022

पहला सूर्य ग्रहण 2022

हिंदू पंचांग के अनुसार दूसरे मास वैशाख में साल का पहला सूर्य ग्रहण ( solar eclipse )लग रहा है। आज ( 30 अप्रैल 2022) का सूर्य ग्रहण धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि सूर्य ग्रहण के साथ शनि अमावस्या और त्रिग्रही योग भी है। ग्रहण कई मायनों में खास है। वेद पुराणों में वर्णित खगोलीय घटना सूर्य और चंद्र ग्रहण का धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों दृष्टि से अपना महत्व है। कुछ धर्मग्रंथों में ग्रहण का वर्णन और उस दौरान बहुत सी बातों को ना करने की मनाही भी है।

किस-किस धर्मग्रंथों में ग्रहण की चर्चा

धर्मग्रंथों में चंद्र और सूर्य ग्रहण के बारे मे बताया गया है। इसके बारें में महर्षि अत्रि को विस्तृत जानकारी थी। उन्होंने ही चंद्र और सूर्य ग्रहण की घटना और पृथ्वी , सूर्य और चंद्र की स्थिति से सबको अवगत कराया था। ग्रहण का वर्णन वेद-पुराणों में ऋगवेद, भागवत, रामायण, मत्स्य पुराण, देवी पुराण और महाभारत में भी वर्णन मिलता है।

राहु-केतु की चालाकी और चंद्रमा का खुलासा

ग्रहण से जुड़ी धार्मिक कथा में भी चंद्र-सूर्य ग्रहण का जिक्र है। राहु-केतु वजह की वजह से भी ग्रहण लगता है। एक धार्मिक पुरातन कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान देवताओं और राक्षसों के बीच अमृत को लेकर युद्ध चल रहा था। तब भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार लेकर सब अमृत का पान देवताओं को करा दिया, तब धोखे से दो राक्षसों राहु-केतू ने भी अमृत पान कर लिया था, इसके बारे में चंद्र से देवताओं के सामने बता दिया तो फिर भगवान विष्णु ने उनके कंठ अमृत को नीचे नहीं उतरने दिया और अपने चक्र से उनका धड़ सिर से अलग कर दिया। इस वजह से राहु-केतु ने चंद्र को दुश्मन मान लिया ।उसके बाद से ही ग्रहण के लिए राहु-केतु को वजह माना जाता है। ग्रहण से जुड़ी बातों का वर्णन स्कंदपुराण के अवनंति खंड में भी मिलता है। साथ ही ग्रहण के दौरान पड़ने वाले प्रभावों से भी अवगत कराया जाता है।इसके अलावा महाभारत के युद्ध के दौरान जयद्रथ वध के समय ग्रहण का वर्णन मिलता है।

आज सूर्य ग्रहण के दौरान न करें ये काम

कुछ घंटों में लगने वाले सूर्य ग्रहण के समय कुछ एहतियात बरतने की जरूरत है।

आज सूर्य ग्रहण के समय महिलाओं को कटाई-सिलाई के कामों से दूर रहना चाहिए।

इस दौरान बुराई और नशा से दूर रहने के साथ बच्चों से बुरा व्यवहार नहीं करना चाहिए।

दूध को ध्यान गर्म कर लेना चाहिए, क्योंकि सूर्य ग्रहण के समय दूध का गिरना अशुभ होता है।

ग्रहण को दौरान नहाने से बचना चाहिए।

गर्भवती महिलाओं को बाहर नहीं निकलना चाहिए।

सूर्य ग्रहण के समय करें ये काम

आज सूर्य ग्रहण बहुत लंबे समय तक लग रहा है। इस समय कुछ काम करने से ग्रहण के प्रभाव से आप मुक्त हो सकते हैं।

ग्रहण के समय पूजा की मनाही है, लेकिन मंत्र जाप कर सकते हैं।

सूर्य ग्रहण के समय बीमार है तो पेय पदार्थ का सेवन कर सकते हैं।

भोजन दूध के साथ जो भी खाद्य है उसमें तुलसी डालने से दुष्प्रभाव नहीं पड़ता।

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

गर्भवती महिला को चंद्र ग्रहण में क्या करना चाहिए?

धार्मिक मतानुसार ग्रहण के दौरान बहुत सी बातों का पालन करना चाहिए। खासकर गर्भवती महिलाओं को इन बातों का ध्यान रखने से गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान नहीं पहुंचता है।

गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए। उस दौरान घर से नहीं निकलना चाहिए। इसका गर्भस्थ शिशु के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।

ग्रहण के दौरान गर्भवती स्त्री को चाकू, छुरी, कैंची और सुई के इस्तेमाल से दूर रहना चाहिए। इससे ग्रहण का असर नहीं पड़ता है।

ग्रहण के दौरान अग खाना बच गया तो उसे खाना निषेध है। उसे सूर्य-चंद्र की हानिकारक किरण दूषित कर देती है।

ग्रहण के दौरान खाने से बचना चाहिए अगर भूख लगे भी तो पेय पदार्थों का सेवन करना चाहिए।

महिलाओं का दूध, दही का सेवन नहीं करना चाहिए , इससे गर्भस्थ शिशु पर इसका असर पड़ता है।

सूर्य ग्रहण के दौरान महिलाओं को मंत्रों से भगवान का ध्यान करना चाहिए। चंद्र मंत्र का जाप कर गर्भ में पल रहे शिशु की रक्षा करना चाहिए।

सूर्य ग्रहण 2022 का समय

बहुत खास दिन लग रहा सूर्य ग्रहण धार्मिक दृष्टि से 2022 का दिन बहुत खास है। इस दिन सूर्य ग्रहण का प्रारंभ और समापन का समय कुछ इस तरह है कि 10 जून के दिन दोपहर 13:42 बजे से सूर्य ग्रहण का आरंभ

30 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण मध्यरात्रि 12 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा और सुबह 4 बजकर 8 मिनट तक रहेगा।

अमृत काल -12:34 PM से 02:16 PM

अभिजीत मुहूर्त- 11:58 AM से 12:49 PM

विजय मुहूर्त- 02:14 PM से 03:09 PM

ब्रह्म मुहूर्त- 04:22 AM से 05:10 AM

सूर्य ग्रहण के दिन अश्विनी और भरणी नक्षत्र में लगेगा, लेकिन ग्रहण के समय नक्षत्र मृगशीर्षा और चंद्र की राशि मेष और सूर्य की राशि मेष राशि रहेगी। आयुष्मान योग रहेगा। सूर्य के साथ बुध, राहु, शुक्र एक साथ रहेंगे। जो मानव जीवन में बहुत हद तक सकारात्मक प्रभाव डालेंगे। आ

सूर्य ग्रहण भारत में दिखेगा?

इस बार साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। इसके अलावा ये ग्रहण दक्षिण अमेरिका का दक्षिण-पश्चिमी भाग, अटलांटिक, अंटार्कटिका और प्रशांत महासागर में दिखाई देगा। जब चंद्र पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए, सामान्य की तुलना में उससे दूर हो जाता है। इस दौरान चंद्र सूर्य और पृथ्वी के बीच होता है, लेकिन उसका आकार पृथ्वी से देखने पर इतना नज़र नहीं आता कि वह पूरी तरह सूर्य की रोशनी को ढक सके। इस स्थिति में चंद्र के बाहरी किनारे पर सूर्य काफ़ी चमकदार रूप से रिंग यानि एक अंगूठी की तरह प्रतीत होता है। इस घटना को ही वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते है।

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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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