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Chandra Grahan 2025 Date: क्या इस साल होली के रंग में पड़ेगा भंग, चंद्रग्रहण कब लगेगा और कब तक रहेगा जानिए

Chandra grahan 2025 Date and Time: 2025 में कब- लगेगा चंद्र ग्रहण,जानते हैं क्या ग्रहण के साये में रहेगा होली या नहीं। कब

Suman  Mishra
Published on: 5 March 2025 12:08 PM IST
Chandra Grahan 2025 Date and Time
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Chandra Grahan 2025 Date and Time

Chandra grahan 2025 Date : चंद्र ग्रहण कब लगेगा: साल 2025 का पहला चंद्र ग्रहण जल्द ही लगने वाला है, जो धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब भी चंद्र ग्रहण लगता है, तो उससे पहले सूतक काल लग जाता है, लेकिन यह भारत में मान्य नहीं होगा। यह चंद्र ग्रहण कब और कहां दिखाई देगा, इसका समय क्या होगा और क्या इसका कोई प्रभाव भारत में पड़ेगा।

चंद्र ग्रहण कब लगेगा?

इस साल का पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च 2025 को होली के दिन फाल्गुन पूर्णिमा तिथि को लगेगा। यह खंडग्रास चंद्र ग्रहण होगा, जिसका अर्थ है कि इसमें चंद्रमा का कुछ हिस्सा ग्रहण की छाया में रहेगा और बाकी भाग रोशन रहेगा।

भारत में यह चंद्र ग्रहण दिखाई देगा या नहीं?

भारत में यह चंद्र ग्रहण अदृश्य रहेगा। यानी इसे भारत में नहीं देखा जा सकेगा। इसलिए भारत में इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा और इसका कोई धार्मिक प्रभाव भी नहीं पड़ेगा। लोग बिना किसी बाधा के होली का त्योहार मना सकते हैं।, यह ग्रहण दुनिया के कई हिस्सों में नजर आएगा।पूर्ण रूप से ग्रहण (खग्रास चंद्र ग्रहण) दिखाई देगा:उत्तरी अमेरिका: कनाडा, अमेरिकादक्षिण अमेरिका,गयूरोप: ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, पुर्तगाल, आयरलैंडपश्चिमी अफ्रीका: घाना, नाइजीरिया आदिऑस्ट्रेलिया: मेलबर्न, सिडनीपूर्वी एशिया: जापान, दक्षिण कोरिया, फिजी में ग्रहण दिखेगा।

चंद्र ग्रहण 2025 का समय

भारत के अनुसार ग्रहण शुरू होगा: दोपहर 2:21 बजे

ग्रहण का मध्यकाल: शाम 4:17 बजे

ग्रहण समाप्त होगा: शाम 6:14 बजे

खग्रास चंद्र ग्रहण?

जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया के केवल कुछ हिस्से से ढकता है, तो उसे खंडग्रास चंद्र ग्रहण कहा जाता है। इसमें चंद्रमा का एक भाग उज्ज्वल रहता है और दूसरा भाग काला दिखता है। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण की तुलना में कम प्रभावी होता है, क्योंकि इसमें चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में नहीं आता।यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूतक तभी प्रभावी होता है जब ग्रहण प्रत्यक्ष रूप से देखा जाए। ऐसे में इसका कोई प्रभाव भारत के लोगों या त्योहारों पर नहीं पड़ेगा।

भारतीय परंपरा में ग्रहण को एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना जाता है, और इससे संबंधित कई धार्मिक मान्यताएं भी हैं।मान्यता के अनुसार, ग्रहण के समय ईश्वर की आराधना, मंत्र जाप और दान-पुण्य करना शुभ माना जाता है।ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करना और घर की सफाई करना भी परंपरा में शामिल है।

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