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Som Pradosh Vrat 7 june 2021: जानिए पूजा का शुभ काल, इस दिन शिव के साथ करें चंद्र पूजन, होगा लाभ

सोम प्रदोष व्रत माता पार्वती और भगवान शिव को समर्पित इस व्रत को लोग लंबी आयु, संतान और समृद्धि के लिए करते हैं।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 22 May 2021 10:44 AM IST (Updated on: 22 May 2021 11:26 AM IST)
सोम प्रदोष व्रत
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कांसेप्ट फोटो( सौ. से सोशल मीडिया)

सोम प्रदोष व्रत (7 जून 2021) कब है?

ज्येष्ठ माह में इस साल 7 जून 2021 को प्रदोष व्रत है। प्रदोष व्रत जिस दिन होता है उसके अनुसार उनका नाम निर्धारित होता है। 7 जून को पड़ने वाला प्रदोष व्रत के दिन सोमवार है, इससिए इसे सोम प्रदोष कहेंगे। हर माह में दो प्रदोष आते हैं, एक कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष में पड़ता है। जो हर माह त्रयोदशी तिथि को होता है।

धर्मशास्त्रों के अनुसार सोम और शनि प्रदोष का व्रत सभी प्रदोषों में सबसे कम बार आता है। इसलिए इस व्रत की महिमा और बढ़ जाती है। माता पार्वती और भगवान शिव को समर्पित इस व्रत को लोग लंबी आयु, संतान और समृद्धि के लिए करते हैं। इस बार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष का प्रदोष 7 जून सोमवार के दिन है तो जानते हैं आने वाले इस व्रत शुभ मुहूर्त...

सोम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त

अच्छे योग और मुहूर्त में शिव की पूजा की जाए तो फल शुभ मिलता है। इस दिन अतिगंड योग में 5.45 तक रहेगा, उसके बाद सुकर्मा योग है।

  • प्रदोष की पूरी तिथि : 7 जून के दिन सुबह 07. 08. am से 8 जून सुबह- 08.21 am तक
  • ब्रह्म मुहूर्त : 04. 08 AM – 04.56 AM
  • अमृत काल : 12.10 AM – 01.59 AM
  • अभिजीत मुहूर्त : 11.58 AM – 12.52 PM
  • प्रदोष काल शाम : 06.30 pm से 08.15 pm तक
  • प्रदोष की पूजा : में 11.18 pm से 12.45 am के बीच

सोम प्रदोष के दिन चंद्रमा की पूजा भी शिव के साथ करते हैं। इससे कुंडली में चंद्र दोष का निवारण होता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती है।



Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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