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Sawan First Somvar 2022 : सोमवार को करें काल के महाकाल शिव के 4 रूपों की भक्ति, मिलेगी धन-संपदा और शक्ति

Sawan First Somvar 2022 :सोमवार को शिव की पूजा सर्वोत्तम फलदायी है। शिव को दूध-जल, बिल्व पत्र, बेल फल, धतूरे-गेंदे के फूल का भोग लगाकर भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए। भगवान शंकर को सोमवार का दिन प्रिय होने के कारण भी सावन माह भोलेनाथ को अतिप्रिय है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 18 July 2022 1:15 AM GMT (Updated on: 18 July 2022 3:16 AM GMT)
Somvaar Aur Sawan 2022
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सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

Sawan First Somvar 2022:

सोमवार और सावन 2022

सावन मास ( Sawan month) में जहां शिवोपासना, शिवलिंगों की पूजा की जाती है जिससे मनुष्‍य को अपार धन-वैभव की प्राप्ति होती है। इस माह में बिल्व पत्र, जल, अक्षत और बम-बम बोले का जयकारा लगाकर और शिव चालीसा, शिव आरती, शिव-पार्वती की उपासना से भी आप शिव को प्रसन्न कर सकते हैं। अगर आपके लिए हर रोज शिव आराधना करना संभव नहीं हो तो सोमवार ( monday) के दिन आप शिव पूजन और व्रत करके शिव भक्ति को प्राप्त कर सकते हैं और इसके लिए सावन माह तो अति उत्तम हैं। लेकिन सोमवार को शिव की पूजा सर्वोत्तम फलदायी है। शिव को दूध-जल, बिल्व पत्र, बेल फल, धतूरे-गेंदे के फूल का भोग लगाकर भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए। भगवान शंकर को सोमवार का दिन प्रिय होने के कारण भी सावन माह भोलेनाथ को अतिप्रिय है। सावन में प्रति सोमवार, पार्थिव शिव पूजा ( shiva worship) अतिफलदायी है।

सावन में सोमवार का विशेष महत्व

आदि देव भगवान शिव का यह महीना बड़ा ही महत्वपूर्ण है। सावन मास में प्रत्येक सोमवारी का विशेष महत्व है। सावन में चार सोमवारी होती है, लेकिन सोमवार के पूजन में मनोवाछित फल की कामना हेतू सभी सोमवार की पूजा अलग-अलग मंत्र से करें तो भोले भंडारी की विशेष कृपा बरसेगी।

पहला सोमवार को महामायाधारी की पूजा: सावन की पहली सोमवार को महामायाधारी भगवान शिव की आराधना की जाती है। पूजा क्रिया के बाद शिव भक्तों को 'ऊं लक्ष्मी प्रदाय ह्री ऋण मोचने श्री देहि-देहि शिवाय नम: का मंत्र 11 माला जाप करना चाहिए। इस मंत्र के जाप से लक्ष्मी की प्राप्ति, व्यापार में वृद्धि और ऋण से मुक्ति मिलती है।

दूसरा सोमवार को करें महाकालेश्वर की पूजा: दूसरी सोमवार को महाकालेश्वर शिव की विशेष पूजा करने का विधान है। श्रद्धालु को 'ऊं महाशिवाय वरदाय हीं ऐं काम्य सिद्धि रुद्राय नम: मंत्र का रुद्राक्ष की माला से कम से कम 11 मामला जाप करना चाहिए। महाकालेश्वर की पूजा से सुखी गृहस्थ जीवन, पारिवारिक कलह से मुक्ति, पितृ दोष व तांत्रिक दोष से मुक्ति मिलती है।

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

तीसरा सोमवार को अर्धनारीश्वर की पूजा: सावन की तृतीय सोमवार को अर्धनारीश्वर शिव का पूजन किया जाता है। इन्हें खुश करने के लिए 'ऊं महादेवाय सर्व कार्य सिद्धि देहि-देहि कामेश्वराय नम: मंत्र का 11 माला जाप करना श्रेष्ठ माना गया है। इनकी विशेष पूजन से अखंड सौभाग्य, पूर्ण आयु, संतान प्राप्ति, संतान की सुरक्षा, कन्या विवाह, अकाल मृत्यु निवारण व आकस्मिक धन की प्राप्ति होती है।

चौथा सोमवार को तंत्रेश्वर शिव की आराधना: चौथी सोमवारी को तंत्रेश्वर शिव की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन कुश के आसन पर बैठकर 'ऊं रुद्राय शत्रु संहाराय क्लीं कार्य सिद्धये महादेवाय फट् मंत्र का जाप 11 माला शिवभक्तों को करनी चाहिए। तंत्रेश्वर शिव की कृपा से समस्त बाधाओं का नाश, अकाल मृत्यु से रक्षा, रोग से मुक्ति व सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

पुराणों में भगवान शिव की उपासना का उल्लेख बताया गया है। शिव की उपासना करते समय पंचाक्षार मंत्र ॐ नम: शिवाय और महामृत्युंजय आदि मंत्र जप बहुत खास है। इन मंत्रों के जप-अनुष्ठान से सभी प्रकार के दुख, भय, रोग, मृत्यु भय आदि दूर होकर मनुष्‍य को दीर्घायु की प्राप्ति होती है।भगवान शंकर को सोमवार का दिन प्रिय होने के कारण भी सावन माह भोलेनाथ को अतिप्रिय है। साप्रेम से भगवान शिव की चाहे जिस तरह आराधना करें, वे अपने सभी भक्तों की मनोकामना को पूर्ण करते हैं और उनके सारे दुखों का निवारण कर उन्हें सुखी जीवन जीने का वरदान देते हैं। उनका ॐ नम: शिवाय का मंत्र जप हमारे सभी पाप कर्मों को दूर करके, हमें पुण्य के रास्ते पर ले जाता हैं।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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