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सोमवती अमावस्या: भगवान शिव और देवी लक्ष्मी की बरसेगी कृपा, जानें कैसे

किसी भी माह की अमावस्या को पितरों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण और स्नान-दान का बहुत महत्व होता है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 10 April 2021 9:18 AM IST
सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व
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सोशल मीडिया से फोटो

लखनऊ: चैत्र मास की अमावस्या 11 और 12 मार्च को है। साल 2021 की पहली अमावस्या 2 दिन पड़ रही है और जब भी अमावस्या दो दिन की होती है तो पहले दिन श्राद्धादि की अमावस्या और दूसरे दिन स्नान-दान की अमावस्या मनायी जाती है। लिहाज़ा 11 अप्रैल चैत्र श्राद्धादि की अमावस्या है। इस दिन पितरों का श्राद्ध और तर्पण करना चाहिए। इसके साथ ही 12 अप्रैल को स्नान-दान की अमावस्या मनाई जाएगी। जो कि सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाएगा।

उदया तिथि में अमावस्या के दिन स्नान-दान की अमावस्या मनायी जाएगी। जो सोमवार का दिन है और सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या सोमवती अमावस्या कहलाती है। किसी भी माह की अमावस्या को पितरों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण और स्नान-दान का बहुत महत्व होता है । आज गंगा स्नान और दान-पुण्य करना शुभफल देने वाला होता है।बता दें कि यह साल की पहली और आखिरी सोमवती अमावस्या है।




शुभ मुहूर्त

रविवार सुबह 6 बजकर 4 मिनट अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी, जो सोमवार सुबह 8 बजकर 1 मिनट तक रहेगी। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान करें। संभव हो तो इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करें। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित कर भगवान का ध्यान करें। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत करें। सोमवती अमावस्या को व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। भगवान शिव की अराधना कर उन्हें भोग लगाएं। भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती की आरती करें। इस दिन आप दिनभर ऊॅं नम: शिवाय का जप भी कर सकते हैं।




ऐसे करें पूजा पूरी होगी इच्छा

इसके बाद भगवान सूर्य और तुलसी की को अर्ध्य दें। पीपल के पेड़ की पूजा करें। इसके साथ ही तुलसी का भी पौधा रखें। पीपल पर दूध, दही, रोली, चंदन, अक्षत, फूल, हल्दी, माला, काला तिल आदि चढ़ाएं। वहीं तुलसी में पान, फूल, हल्दी की गांठ और धान चढ़ाएं। इसके बाद पीपल की कम से कम 108 बार परिक्रमा करें। घर आकर पितरों का तर्पण दें। इसके साथ ही गरीबों को दान-दक्षिणा देना शुभ होता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व होता है। इस दिन पितरों का तर्पण करने से विशेष आर्शीवाद मिलता है और जीवन में सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है।



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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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