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Somvati Amavasya: सोमवती अमावस्या है बहुत खास, इस दिन किये ये सारे काम देंगे जन्म-जन्मातर तक लाभ, पूर्वज भी रहेंगे प्रसन्न

Somvati Amavasya Benefits : भाद्रमास की अमावस्या सोमवार पड़ रहा है। इसलिए ये अमावस्या सोमवती अमवास्या है। इस दिन पूजा स्नान दान से सुख-समृद्धि बढ़ती है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 2 Sept 2024 9:49 AM IST (Updated on: 2 Sept 2024 9:50 AM IST)
Somvati Amavasya: सोमवती अमावस्या है बहुत खास, इस दिन किये ये सारे काम देंगे जन्म-जन्मातर तक लाभ, पूर्वज भी रहेंगे प्रसन्न
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Somvati Amavasya Benefits आज 2 सितंबर 2024 को सोमवती अमावस्या है। इसे कुशाग्रही अमावस्या भी कहते हैं। सोमवती अमावस्या के दिन शिव- सिद्ध योग का विशेष संयोग बन रहा है। इस दिन स्नान का विशेष महत्व होगा। मान्यता है कि इस दिन नदी में स्नान दान पूजन करने से पुण्यफल मिलता है। कई श्रद्धालु पितृमोक्ष तीर्थों में पिंडदान, तर्पण और पूजन करते है । इस दिन स्नान दान से हर तरह के कर्ज से मुक्ति मिलती है

सोमवती अमावस्या पर स्नानदान का शुभ समय

अमावस्या तिथि की शुरू: 2 सितंबर 2024, सुबह 05 .20 मिनट पर

अमावस्या तिथि समापन: 3 सितंबर 2024,सुबह 07 . 25 मिनट पर

इसलिए इस दिन इस समय के दौरान आप दान- स्नान कर सकते हैं। इस बार सोमवती अमावस्या को दो विशेष योग बन रहे हैं। एक है शिव योग और सिद्धि योग। ज्योतिष में इन योगों का विशेष महत्व है। इस योग में किये कामों की पूर्णता निश्चित होती है। पितरों की आत्मा भी तृप्त और प्रसन्न रहती है।

सोमवती अमावस्या का महत्व लाभ

अमावस्या पर भगवान विष्णु के साथ शिव भी उपासना करें भगवान शिव की उपासना से अकाल मृत्य, भय, पीड़ा और रोग निवारण होता है। इस दिन पूजा करने से कठिनाईयों एवं उलझनों से छुटकारा प्राप्त होता है।इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करने व जड़ में तेल का दीपक जलाने से शनि मंत्र का जाप करने से विशेष फल मिलता है।

अमावस्या के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करना चाहिए। ऐसा करने से सुख- समृद्धि का बनी रहती है।

सोमवती अमावस्या के दिन जरूरतमंद लोगों को अन्न का दान करना चाहिए।

सोमवती अमावस्या के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए भोलेनाथ की पूजा अचर्ना करती हैं।

साथ ही इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें और जल अर्पित करें। ऐसा करने से त्रिदेवों का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

इस दिन आप पितरों का ध्यान करते हुए पीपल के पेड़ पर कच्ची लस्सी, थोड़ा गंगाजल, काले तिल, चीनी, चावल, जल तथा पुष्प अर्पित करें और 'ॐ पितृभ्य: नम:' मंत्र का जाप करें।

इस दिन पूर्वजों को तर्पण, दान करने से उनका आशीर्वाद मिलता है। साथ ही इस दिन काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए भी खास होता है।

इस दिन आप सूर्य देव को ताम्र बर्तन में लाल चंदन, गंगा जल और शुद्ध जल मिलाकर 'ॐ पितृभ्य: नम:' का बीज मंत्र पढ़ते हुए तीन बार अर्घ्य दें।

इस दिन दक्षिणाभिमुख होकर दिवंगत पितरों के लिए पितृ तर्पण करना चाहिए। पितृस्तोत्र या पितृसूक्त का पाठ करना चाहिए।

मान्यता है कि सोमवती अमावस्या को यदि स्नान और पूजा के बाद तुलसी की 108 बार परिक्रमा की जाए तो दरिद्रता दूर होती है। इसके साथ सूर्य भगवान को अर्घ्य देना और ओंकार नाम का जाप करना भी बहुत ही शुभ फलदायी माना गया है।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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