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Somvar Ke Upay In Hindi: सोमवार को ये उपाय दिलायेंगे बेतहाशा लाभ, जानिए इस दिन शिव चालीसा पढ़ने का महत्व और लाभ

Somwar Ke Upay In Hindi: सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने का बेहतरीन दिन है। इस दिन से अगर शिव चालीसा का पाठ शुरू किया जाये तो उसका लाभ मिलेेगा। सोमवार को अगर ये उपाय करें और शिव चालीसा का पाठ करने से लाभ होगा...

Suman Mishra। Astrologer
Published on: 13 Aug 2023 5:49 PM IST (Updated on: 14 Aug 2023 7:30 AM IST)
Somvar Ke Upay In Hindi: सोमवार को ये उपाय दिलायेंगे बेतहाशा लाभ, जानिए इस दिन शिव चालीसा पढ़ने का महत्व और लाभ
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Somvar Ke Upay In Hindi (सांकेतिक तस्वीर, सोशल मीडिया)

Somwar Ke Upay In Hindi: सप्ताह का दूसरा दिन सोमवार भगवान शिव और चंद्र को समर्पित है। यह शीतलता देता है। सोमवार का वार भगवान शिव का वार है । इन्हे भोलेनाथ भी कहते हैं । क्योंकि यह बहुत भोले होते है। जो आसानी से पर्सन हो जाते है। इस बार सोमवार को अधिकमास की शिवरात्रि और सावन सोमवार व्रत पड़ रहा है। सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने और व्रत करने से भक्तों की सारी मनोकामना पूरी होती है। भगवान शिव के आशीर्वाद से भक्तों के जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है । सोमवार के उपाय करके आप भोलेनाथ को प्रसन्न कर सकते हैं ।

जानिए सोमवार के उपाय

सोमवार के उपाय से भगवान शिव की कृपा आप पर हमेसा बानी रहेगी | और आपके जीवन में सुख-समृद्धि और धन-दौलत की प्राप्ति होगी ।सोमवार के दिन भोलेनाथ को तिल और जौ अर्पित करने चाहिए। ऐसा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। सोमवार के दिन भगवान शिव को चंदन, अक्षत, बेलपत्र, धतूरा या आंकड़े के फूल, दूध, गंगाजल चढ़ाऐ जाते हैं । ऐसा करने से भोलेनाथ खुश होते हैं । और मन चाहा वरदान देते है।

सोमवार के दिन सफेद वस्त्र पहनने चाहिए । और शिव की पूजा करनी चाहिए । ऐसी मान्यता है कि इस दिन चंदन का तिलक लगाकर घर से निकलने पर सारे काम सफल होते हैं । सोमवार के दिन भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र (ॐ नमः शिवाय) का 108 बार जाप करना भी बहुत शुभ होता है । सोमवार के दिन शिव मंदिर में रुद्राक्ष चढ़ाने से वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है ।

सोमवार के दिन गरीबों को भोजन करवाने और कपड़े बाँटने से भगवान शिव पर्सन होते हैं । और मन चाहा वरदान देते है | घर में सदैव अन्नपूर्णा का वास होता है । नंदी भगवान शिव के परम भगत है । और भगवान शिव को भी वह बहुत प्रिय हैं । ऐसे में नंदी बैल को घास खिलाना अच्छा होता है । इससे सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है ।

सोमवार के दिन शिव मंदिर में ,सूर्यास्त के बाद दीपदान करने के दौरान ऊँ नमः शिवाय का 108 बार जाप करने से ,भी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सोमवार के दिन चावल और काला तिल मिलाकर दान देने से पितृ दोष दूर हो जाता है । सोमवार के उपाय सोमवार से दिन सोमवार के उपाय करने से भगवान शिव की कृपा आप पर हमेसा बानी रहेगी | और आपके जीवन में सुख-समृद्धि और धन-दौलत की प्राप्ति होगी ।

यदि आपकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर है । तो आपको सोमवार के उपाय जैसे सोमवार के दिन चंद्रदेव ‘चंद्रशेखर स्‍तोत्र’ का पाठ करने पर चंद्रमा मजबूत होता है । सोमवार के दिन शिवलिंग का गन्ने के रस से अभिषेक करने पर आर्थिक स्थिति में सुधार होता है । इससे भोलेनाथ शीघ्र प्रसन्न होते हैं और सारी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं ।

सोमवार के दिन रुद्राभिषेक करना भी बहुत अच्छा रहता है। अलग-अलग कामना के लिए शिव का अलग-अलग चीजों से रुद्राभिषेक किया जाता है। मान्यता है कि शिवलिंग पर घी चढ़ाने से संतान की प्राप्ति होती है । वहीं गंगाजल चढ़ाने पर दुखों और पापों से मुक्ति मिलती है।

सोमवार के दिन शिवलिंग को पंचामृत से स्नान कराना बहुत शुभ माना जाता है। इसके बाद इस पर चंदन और भभूत लगाएं फिर शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और शमीपत्र चढ़ाऐ जाते हैं । ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं । और घर में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

सोमवार को शिव चालीसा पढ़ने के फायदे

भगवान शिव की आराधना करने से सुख एवं समृद्धि मिलती है। अगर आप सही तरीके से शिव चालीसा पढ़ते है तो भगवान शिव की असीम कृपा और चमत्कारी लाभ प्राप्त होता है। शिव पुराण में लिखे गए 24000 श्लोक के बीच में 40 पंक्तियों की शिव चालीसा मौजूद है। शिव चालीसा का सही तरीके से उच्चारण करते हुए रोजाना पाठ करने से भक्तों के सारे दुख दर्द दूर हो जाते हैं और भगवान शिव की असीम कृपा बनी होती है।

शिव चालीसा (Shiv Chalisa)

।।दोहा।।

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान।।

जय गिरिजा पति दीन दयाला।

सदा करत सन्तन प्रतिपाला।।

भाल चन्द्रमा सोहत नीके।

कानन कुण्डल नागफनी के।।

अंग गौर शिर गंग बहाये।

मुण्डमाल तन छार लगाये।।

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे।

छवि को देख नाग मुनि मोहे।।

मैना मातु की ह्वै दुलारी।

बाम अंग सोहत छवि न्यारी।।

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी।

करत सदा शत्रुन क्षयकारी।।

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे।

सागर मध्य कमल हैं जैसे।।

कार्तिक श्याम और गणराऊ।

या छवि को कहि जात न काऊ।।

देवन जबहीं जाय पुकारा।

तब ही दुख प्रभु आप निवारा।।

किया उपद्रव तारक भारी।

देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी।।

तुरत षडानन आप पठायउ।

लवनिमेष महँ मारि गिरायउ।।

आप जलंधर असुर संहारा।

सुयश तुम्हार विदित संसारा।।

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई।

सबहिं कृपा कर लीन बचाई।।

किया तपहिं भागीरथ भारी।

पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी।।

दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं।

सेवक स्तुति करत सदाहीं।।

वेद नाम महिमा तव गाई।

अकथ अनादि भेद नहिं पाई।।

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला।

जरे सुरासुर भये विहाला।।

कीन्ह दया तहँ करी सहाई।

नीलकण्ठ तब नाम कहाई।।

पूजन रामचंद्र जब कीन्हा।

जीत के लंक विभीषण दीन्हा।।

सहस कमल में हो रहे धारी।

कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी।।

एक कमल प्रभु राखेउ जोई।

कमल नयन पूजन चहं सोई।।

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर।

भये प्रसन्न दिए इच्छित वर।।

जय जय जय अनंत अविनाशी।

करत कृपा सब के घटवासी।।

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै ।

भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै।।

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो।

यहि अवसर मोहि आन उबारो।।

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो।

संकट से मोहि आन उबारो।।

मातु पिता भ्राता सब कोई।

संकट में पूछत नहिं कोई।।

स्वामी एक है आस तुम्हारी।

आय हरहु अब संकट भारी।।

धन निर्धन को देत सदाहीं।

जो कोई जांचे वो फल पाहीं।।

अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी।

क्षमहु नाथ अब चूक हमारी।।

शंकर हो संकट के नाशन।

मंगल कारण विघ्न विनाशन।।

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं।

नारद शारद शीश नवावैं।।

नमो नमो जय नमो शिवाय।

सुर ब्रह्मादिक पार न पाय।।

जो यह पाठ करे मन लाई।

ता पार होत है शम्भु सहाई।।

ॠनिया जो कोई हो अधिकारी।

पाठ करे सो पावन हारी।।

पुत्र हीन कर इच्छा कोई।

निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई।।

पण्डित त्रयोदशी को लावे।

ध्यान पूर्वक होम करावे।।

त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा।

तन नहीं ताके रहे कलेशा।।

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे।

शंकर सम्मुख पाठ सुनावे।।

जन्म जन्म के पाप नसावे।

अन्तवास शिवपुर में पावे।।

कहे अयोध्या आस तुम्हारी।

जानि सकल दुःख हरहु हमारी।।

।।दोहा।।

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।

तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश।।

मगसर छठि हेमन्त ॠतु, संवत चौसठ जान।

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण।

शिव पुराण में भगवान शिव कि अज्ञात उत्पत्ति और महादेव के स्वभाव और उनकी पूजा-अर्चना के तरीकों के बारे में बताया गया है। शिव चालीसा का रोजाना पाठ करने से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते है और अपने भक्तों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं। शिव चालीसा का पाठ करना भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि शिव चालीसा का रोजाना पाठ करने से जातक के सभी दुख दर्द दूर हो जाते हैं और उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

शिव चालीसा के पाठ करने का नियम और लाभ

शिव चालीसा का पाठ करने से पहले स्नान ध्यान करना चाहिए। इसके बाद साफ सुथरा कपड़े पहनकर पूर्व दिशा में अपना मुंह करके बैठना चाहिए। शिव चालीसा का पाठ शुरू करने के पहले भी का दीपक जलाएं। उसके बाद तांबे के लोटे में साफ जल में गंगा जल मिलाकर रखें। शिव चालीसा का पाठ करने से पहले भगवान शिव की पूजा करें, जिसने प्रसाद के रूप में आप घी, दही, चावल, पुष्प चढ़ाएं। शिव चालीसा के पाठ करने से पहले भगवान गणेश के इस श्लोक का जप करें। उसके बाद शिव चालीसा का पाठ शुरू करें।
शिव चालीसा का पाठ करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और आपके परिवार पर उनके असीम कृपा बनी रहती है।
शिव चालीसा का रोजाना विधिवत तरीके से पाठ करना चाहिए।ऐसा करने पर सभी प्रकार के दुख दर्द से छुटकारा मिलता है।
शिव चालीसा का रोजाना पाठ करने से भगवान शिव आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
शिव चालीसा का पाठ करने से घर में भूत प्रेत, दुख जैसी समस्याएं नहीं होती है।
शिव चालीसा का महत्व बहुत अधिक है, इससे शारीरिक दुख दर्द भी दूर होते हैं और मन को शांति का अनुभव होता है।



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Suman Mishra। Astrologer

Suman Mishra। Astrologer

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