TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Sawan 2024: सावन के शनिवार की विशेषता

Sawan 2024: स्कन्द पुराण अनुसार सावन के शनिवार को भगवान नृसिंह, शनिदेव और अंजनीनन्दन हनुमान का पूजन करना चाहिए।

Kanchan Singh
Published on: 7 Aug 2024 7:06 PM IST
Sawan 2024
X

 Sawan 2024

Sawan 2024: सावन के शनिवार को भगवान नृसिंह, हनुमान जी और शनैश्चर की पूजा का विशेष महत्व है। स्कन्द पुराण अनुसार सावन के शनिवार को भगवान नृसिंह, शनिदेव और अंजनीनन्दन हनुमान का पूजन करना चाहिए।

श्रावणे मासि देवानां त्रयानां पूजनं शनौ।

नृसिंहस्य शनैश्चव्य अञ्जनीनन्दनस्य च।।

(स्कन्दपुराण)

सावन में मंदवार अर्थात शनिवार को जो व्यक्ति वायुपुत्र हनुमान की आराधना करता है, उसका शरीर वज्रतुल्य शक्तिशाली, निरोग बलवान होता है, बुद्धिमान व वैभवशाली होता है, शत्रुओं की कमी और मित्रों की वृद्धि को प्राप्त करता है, श्री हनुमान जी की कृपा से वो व्यक्ति पराक्रमी व कीर्तिवान होता है।

श्रावणे मंदवारे तु एवमाराध्य वायुजं।

वज्रतुल्यशरीरः स्यादरोगो बलवान्नरः ।।

वेगवान्कार्यकरणे बुद्धिवैभवभूषितः ।

शत्रुः संक्षयमाप्नोति मित्रवृद्धिः प्रजायते ।।

वीर्यवान्कीर्तिमांश्चैव प्रसादादंञ्जनीजने।

जपाकुसुम अर्थात गुड़हल और आक/मंदार विशेषकर बैंगनी आभा वाले मंदार पुष्प की माला व गुड़ का नैवेद्य निवेदन कर अर्पित करना चाहिए।रुद्रमंत्र के द्वारा तेल से हनुमान जी का अभिषेक करना चाहिए। तेल में मिश्रित सिन्दूर का लेप उन्हें समर्पित करना चाहिए।

हनुमान द्वादश नाम स्तोत्र का पाठ करना चाहिए -

श्री आंजनेय द्वादशनामस्तोत्रम्

हनुमानंजनासूनुः वायुपुत्रो महाबलः ।

रामेष्टः फल्गुणसखः पिंगाक्षोऽमितविक्रमः ॥

उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशकः ।

लक्ष्मण प्राणदाताच दशग्रीवस्य दर्पहा ॥

द्वादशैतानि नामानि कपींद्रस्य महात्मनः ।

स्वापकाले पठेन्नित्यं यात्राकाले विशेषतः ।।

तस्यमृत्यु भयंनास्ति सर्वत्र विजयी भवेत् ॥

श्रावण शनिवार में पीपल पूजा-

श्रावण में प्रत्येक शनिवार प्रातःकाल पीपल पर काले तिल मिश्रित जल अर्पित करना चाहिये, पीपल को स्पर्श करना चाहिये तथा सांयकाल सूर्यास्त के समय पीपल के समक्ष तिल के तेल का दीपक प्रज्वलित करना चाहिये।स्कन्दपुराण के अनुसार शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का आलिंगन तथा पूजन करना चाहिये। शनिवार को छोड़कर अन्य किसी दिन पीपल के वृक्ष का स्पर्श नहीं करना चाहिये शनिवार के दिन उसका आलिंगन सभी संपदाओं की प्राप्ति कराने वाला होता है। प्रत्येक मास में सातों वारों में पीपल पूजन फलदायक है, किंतु श्रावण मास में यह अधिक फलप्रद है।

लिङ्ग पुराण के अनुसार शनिवार को पीपल वृक्ष का स्पर्श करके मनुष्य दीर्घ आयु प्राप्त करता है। बुद्धिमान को शनैश्चर के दिन अपने दोनों हाथों से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करना चाहिए और एक सौ आठ बार पंचाक्षर मंत्र का जाप करना चाहिए, यह अकाल मृत्यु को दूर करने वाला है।श्रावण मास में चारों शनिवारों को व्रत तथा नृसिंह, शनि तथा हनुमान जी की पूजा करने से घर में लक्ष्मी पूर्णरुप से स्थित रहती है और धन-धान्य की समृद्धि होती है। पुत्रहीन व्यक्ति पुत्र वाला हो जाता है और इस लोक में सुख भोग कर अंत में वैकुंठ को प्राप्त करता है । नृसिंह की कृपा से मनुष्य की दिशाओं में व्याप्त रहने वाली उत्तम कीर्ति होती है । उन्हें शनि का भय नहीं रहेगा, शनैश्चरकृत लेशमात्र भी कष्ट नहीँ होगा। हनुमान जी की आराधना करके मनुष्य वज्रतुल्य शरीर वाला, निरोग और बलवान हो जाता है। अंजनी पुत्र की कृपा से वह कार्य करने में वेगवान तथा बुद्धि वैभव संयुक्त हो जाता है, उसके शत्रु नष्ट हो जाते हैं, मित्रों की वृद्धि होती है और वह वीर्यशाली तथा कीर्तिमान हो जाता है।

( लेखिका प्रख्यात ज्योतिषाचार्य हैं ।)



\
Shalini Rai

Shalini Rai

Next Story