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surya grahan 2023 Aur Sutak Kaal: सूर्य ग्रहण कब लगेगा,क्या मान्य है सूतक काल, जानते हैं इसका अच्छा और बुरा प्रभाव
Surya Grahan 2023 Aur Sutak Kaal : सूर्य ग्रहण अमावस्या तिथि पर लगता है और चंद्ग ग्रहण पूर्णिमा तिथि को। इस साल 2023 में सूर्य ग्रहण अप्रैल माह में लग रहा है। जो कई बड़े परिवर्तन करने वाला है। जानते हैं इस ग्रहण का अच्छा और बुरा प्रभाव किस पर पड़ेगा।
Surya Grahan 2023 Aur Sutak Kaal
साल 2023 में पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल 2023, गुरुवार को लगेगा। दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर, 2023 को लगेगा। हिंदू पंचांग का पहला महीना चैत्र मार्च-अप्रैल में पड़ता है। इस साल अप्रैल के महीने में पहला ग्रहण पड़ रहा है। जो वैशाख मास की अमावस्या तिथि को लगेगा जो 20 अप्रैल को है। साल के पहले सूर्य ग्रहण के बारे में कहां-कहां कब देखा जाएगा और सूतक काल क्या रहेगा।
सूर्य ग्रहण में सूतक काल मान्य है क्या
साल का पहला सूर्य ग्रहण सुबह तः 7:05 पर शुरू होगा, ग्रहण का खग्रास प्रातः 8:07 पर होगा। इस सूर्य ग्रहण का मध्यकाल सुबह 9:45 तक होगा, सूर्य ग्रहण की समाप्ति दोपहर 12:24 तक होगी। सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 22 मिनट होगी।सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले ही सूतक काल शुरू हो जाता है। सूतक काल को अशुभ समय माना जाता है और इस समय में कई नियमों का पालन करना होता है। लेकिन सूतक काल उस जगह पर मान्य होता है, जहां पर सूर्य ग्रहण दिखाई देता है। भारत में ये सूर्य ग्रहण नहीं दिखेगा, इसलिए इसका सूतक काल भी यहां मान्य नहीं होगा।
सूर्य ग्रहण कहां-कहां दिखेगा
20 अप्रैल 2023 को लगने वाला प्रशांत महासागर, आस्ट्रेलिया, हिंद महासागर, पूर्वी एशिया और दक्षिण एशिया से देखा जा सकेगा. भारत में ये नजर नहीं आएगा। बता दें कि सूर्य ग्रहण को धार्मिक रूप से अशुभ घटना माना जाता है, जिसका तमाम राशियों पर भी असर होता है। वहीं विज्ञान इसे एक खगोलीय घटना मानता है।
सूर्य ग्रहण के बाद चंद्र ग्रहण
सूर्य ग्रहण के 15 दिन बाद साल का पहला चंद्र ग्रहण पड़ेगा। ये ग्रहण 5 मई को पड़ेगा। ये चंद्र ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। उपछाया चंद्र ग्रहण आंखों से दिखाई नहीं देता।उपछाया ग्रहण में भी सूतक काल मान्य नहीं होता। दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर 2023 को लगेगा और साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर को लगेगा।
सूर्य ग्रहण क्या होता है
वैज्ञानिक रूप से देखें तो पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है और चंद्रमा पृथ्वी की। परिक्रमा के दौरान एक समय ऐसा आता है जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है। ऐसे में सूर्य की रोशनी चंद्रमा के कारण पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती। इस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। ऐसा हमेशा अमावस्या को ही होता है।
सूर्य ग्रहण ग्रहण का प्रभाव
20 अप्रैल को सूर्य ग्रहण के समय ग्रहों के राजा सूर्य, मेष राशि यानी अपनी उच्चतम राशि में भ्रमण कर रहे होंगे और सूर्य ग्रहण की समाप्ति के बाद यानी 22 अप्रैल को गुरु ग्रह मेष राशि में प्रवेश करेंगे और मेष राशि में गुरु के प्रवेश करने का देश-दुनिया पर बड़ा असर पड़ने वाला है। इससे कई तरह के परिवर्तन दिखाई देंगे। वहीं सूर्य ग्रहण के चलते देश और दुनिया को आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है।
इसके अलावा राशि चक्र की 12 राशियां भी इससे प्रभावित होने से नहीं बच सकेंगी। इन पर अलग-अलग असर पड़ेगा। इनमें से इन तीन राशियों के जातकों के मान सम्मान को सूर्य ग्रहण के प्रभाव से ठेस लग सकती है।
मिथुन राशि- सूर्य ग्रहण (Sury Grahan) के प्रभाव से मिथुन राशि के जातक के मान सम्मान में कमी आ सकती है, कामकाज को लेकर तनाव हो सकता है। इस समय संतान का ध्यान रखें, वर्ना परेशानी हो सकती है।
धनु राशि पार्टनर और आप के बीच कोई गलतफहमी हो सकती है या किसी बात को लेकर झड़प हो सकती है। जीवनसाथी के साथ मनमुटाव हो सकता है।
मकर राशि इस समय कम्युनिकेशन में परेशानी हो सकती है या कई मामलों में आपको गलत भी समझा जा सकता है। बेवजह के लड़ाई-झगड़े से बचकर रहें।
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